Holi 2022: भगवान, भक्त व संतो की होली से सराबोर हुआ गोकुल रमणरेती

Holi 2022: होली के रंग के चटक होने की शुरुआत महावन रमणरेती स्थित गुरु शरणानंद आश्रम में अबीर गुलाल, फूलों व लड्डुओं से मिलने वाली मिठास के साथ होने लगती है। यहां की होली जो एक बार देख लेता है, खेले बिना नहीं रहता है।

Report :  Nitin Gautam
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2022-03-06 12:20 GMT

मथुरा: भगवान भक्त व संतो की होली 

Mathura News : होली यूं तो पूरे विश्व में खेली जाती है लेकिन बृज की होली की बात ही कुछ और होती है । क्योंकि बृज में होली एक दो दिन नहीं पूरे 40 दिन तक खेली जाती है। चालीस दिन तक खेले जाने वाली इस होली की शुरुआत बाँके बिहारी में अबीर गुलाल फेंकने के साथ ही शुरु हो जाती है।  जैसे-जैसे देश भर में खेले जाने वाली होली का समय नजदीक आता है वैसे-वैसे बृज में खेले जाने वाली होली का रंग और चटक हो जाता है ।

इस होली के रंग के चटक होने की शुरुआत महावन रमणरेती स्थित गुरु शरणानंद आश्रम में अबीर गुलाल, फूलों व लड्डुओं से मिलने वाली मिठास के साथ होने लगती है। मस्ती के साथ सराबोर कर देने वाली होली का आनंद का साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से आये श्रद्धालु लालायित रहते हैं।

रमणरेती में खेले जाने वाली होली की विशेषता

रमणरेती में खेले जाने वाली होली की विशेषता यह रहती है कि जिसमें भगवान के स्वरूप स्वयं संतो व भक्तों के साथ आकर होली खेलते हैं। जिसमें भगवान अपनी सखियों और ग्वाल बालों के साथ सबसे पहले संतों के पास पहुंचते हैं और होली की शुरुआत करते हैं। जैसे ही इन फूलों की खुशबू सम्पूर्ण वातावरण में फैलती है वैसे ही होली की मस्ती से सम्पूर्ण रमणरेती  सराबोर होने लगता है । फिर भगवान संतो और भक्तों के बीच में होली खेली जाती है ।

यह होली अपने आप में इसलिए खास होती है कि यह होली पूरी तरह हर्बल होली होती है क्योंकि भगवान भक्त और संतो के बीच फूलों से बने रंगों का इस्तेमाल होता है। इस होली में हर्बल गुलाल के साथ-साथ आस्था का भी रंग होता है ।


मानो भगवान ने उनके साथ साक्षात होली खेली है

घंटो तक खेले जाने वाली होली को जो भी देख लेता है, खेले बिना नही रह पाता और यही इस होली की विशेषता है । देश के कोने-कोने से आये श्रद्धालुओं को इस होली को खेलने के बाद ऐसा लगता है मानो भगवान ने उनके साथ साक्षात होली खेली है । 


भगवान और भक्तों के बीच खेली गई होली जो एक बार देख लेता है, खेले बिना नहीं रहता है- श्रद्धालु 

भगवान के क्रीड़ा स्थली गोकुल की इस पावन भूमि रमणरेती में संत भगवान और भक्तों के बीच खेली गई होली रंग ही ऐसा है कि जो भी इसको देख लेता है वही इस प्रेम रंग में रंगने के लिए चला आता है । रमणरेती में खेली गई इस होली का रंग तब और चटक दिखाई देगा 14 मार्च को बरसाना में लड्डू होली और 15 मार्च को बरसाना में। लाठमार होली खेली जाएगी । जिसकी तैयारियां अभी से बरसाना में होने लगी है ।

taja khabar aaj ki uttar pradesh 2022, ताजा खबर आज की उत्तर प्रदेश 2022

Tags:    

Similar News