अस्पताल प्रशासन ने कसी कमर, नहीं दोहराया जाएगा झलकारी बाई अग्निकांड

Update: 2016-04-02 12:16 GMT

लखनऊः झलकारी बाई हॉस्पिटल के एसएनसीयू में आग लगने के बाद प्रशासन सचेत हो गया है और ऐसी घटना दोबारा ना हो उसके लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। बारह बड़े अस्पतालों में आग लगने से बचने के सभी सुरक्षा इंतजामों की जांच की जाएगी।

पुलिस और प्रशासन के गैजटेड ऑफिसर ,फायर ब्रिगेड और लेसा अधिकारीयों के साथ मिलकर चिकित्सा अधीक्षकों की पूरी टीम बनेगी जो अस्पतालों में आग से बचाने वाले यंत्रो की जांच करेगी। इन अधिकारियों को 15 अप्रैल तक जांच की रिपोर्ट सौंपनी है।

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इन बारह अस्पतालों की होगी जांच

एसपीजीआई , डफरिन हॉस्पिटल, केजीएमयू व ट्रामा सेंटर, बलरामपुर हॉस्पिटल, लोहिया हॉस्पिटल, आरएलबी संयुक्त हॉस्पिटल, झलकारी बाई हॉस्पिटल, टीबी हॉस्पिटल, केई हॉस्पिटल, भाऊराव देवरस, ईएसआई हॉस्पिटल, एलबीआरएन हॉस्पिटल

क्या था पूरा मामला

-हजरतगंज में स्थित वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल के प्रथम तल पर 30 मार्च की शाम अचानक आग लग गई।

-अनुमान लगाया गया कि यह आग शार्ट शर्किट की वजह से लगी है।

-आनन फानन में वहां से लोगों को निकाला गया।

-दो नवजात शिशु को ट्रामा सेंटर रिफर किया गया था।

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हुआ बड़ा खुलासा

-झलकारी बाई अस्पताल में आग लगने की वजह शॉर्ट शर्किट बताई जा रही थी लेकिन आग लगने का कारण ढूंढ रही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कहा कि अस्पताल में आग शार्ट शर्किट की वजह से नहीं लगी है।

-स्वास्थ्य विभाग के इलेक्ट्रिक इंजीनियर ने कहा कि आग रात में बंद कमरे में लगी है जबकि उस कमरे में कोई भी विधुत उपकरण का इस्तेमाल नहीं किया गया था तो शार्ट शर्किट संभव ही नहीं है। जल्द ही वो आग लगने का कारण पता कर लेंगे।

 

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