अमेठी: अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए समाधि लेने वाले मौनी स्वामी गुरुवार की शाम 72 घंटे बाद भू समाधि से बाहर आए। अमेठी के बाबूगंज स्थित सगरा में उनके आश्रम पर सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में जब वो बाहर निकले तो उनके स्वागत में अनुयाईयों ने शहर में जुलूस निकाला। https://newstrack.com आज आपको मौनी बाबा के बारे में अनटोल्ड स्टोरी बताने जा रहा है।
बीते सोमवार शाम बजे पांच श्रीमत परमहंस सेवाश्रम सगरा बाबूगंज के पीठाधीश्वर मौनी स्वामी राम मंदिर निर्माण व गोरक्षा के संकल्प को लेकर 14 फ़ीट जमीन के अंदर समाधि लिया था। तब से आश्रम पर भजन-कीर्तन के साथ श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा था और प्रशासन भी लगातार आश्रम पर नजर बनाए हुए था। उसी समय मौनी स्वामी ने गुरुवार शाम पांच बजे बाहर आने की बात कही थी।
सैकड़ों अनुयाईयों ने निकाली बाइक रैली
जब 5 बजने को हुए तो सैकड़ों की संख्या में उनके अनुयाई बाइक रैली निकालकर गौरीगंज कस्बे से होते हुए सगरा आश्रम पहुंचे और तय समय पर उन्हें बाहर निकाला गया। मौनी स्वामी ने उपस्थित श्रद्धालुओं के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि रामलाला के भव्य मंदिर का निर्माण उनके जीवन के संकल्पों में है। सबसे पहले वह रामलला के दर्शन करना चाहते हैं, साथ ही सरजू के किनारे 12 हजार दीपों से आरती करेंगे। अमेठी स्थित साधना आश्रम में रहने वाले 50 वर्षीय शिव योगी स्वामी ने ग्यारह वर्ष की उम्र में वैराग्य धारण कर लिया था।
सन 1989 से 2002 तक मौन धारण कर करते थे पूजन-अर्चन
मन में भगवान शिव का दर्शन करने और राष्ट्र कल्याण की भावना को लेकर उन्होंने वर्ष 1989 में मौन धारण किया। मौन रहकर भगवान का पूजन-अर्चन करने का सिलसिला वर्ष 2002 तक लगातार चलता रहा। महावीर पुल के पास स्थित शिविर में शिव योगी वर्ष 1984 से कल्पवास करने को जातेे हैं लेकिन मौन रहने की वजह से एक साल के अंतराल पर पूरे क्षेत्र में उन्हें मौनी बाबा के नाम से जाना जाता है।
भू समाधि के बाद बाबा कैसे आते हैं चेतना में, देखें वीडियो-
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ये उनकी 53 वीं समाधि
पिछले 52 बार समाधि लेने के बाद ये उनकी 53 वीं समाधि है। जो उन्होंंने श्रावण मास के अंतिम चरण में अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण एवं भगवान महाकाल की कृपा प्राप्त करने के लिए अन्न जल त्याग कर तप करने के उद्देश्य से लिया है। आपको बता दें कि स्वामी ने समाधि लेने की शुरुआत नेपाल के पशुपति नाथ मंदिर से की थी। उन्होंने बताया कि राष्ट्र के कल्याण की भावना के उद्देश्य को लेकर अब तक 52 बार भू और जल समाधि ले चुके हैं।
41 दिनों तक लगातार ले चुके हैं भू समाधि
पहली बार समाधि लेने के लिए नेपाल के पशुपति नाथ मंदिर में गए। वहां 41 दिनों तक लगातार भू समाधि ली थी। इससे खुश होकर नेपाल के महाराज वीरेन्द्र विक्रम शाह ने 11 हजार रुद्राक्ष और चांदी का मुकुट भेंट किया था। मौनी महाराज अब तक नेपाल के पशुपति नाथ मंदिर में एक बार 41 दिन और एक बार 30 दिनों तक समाधि ली है।
नौ दिन की जल समाधि भी ले चुके हैं मौनी बाबा
जानकारी के अनुसार नासिक में हरिधाम साधना आश्रम के सरोवर में नौ दिन की एक जल समाधि और दूसरी बार नौ दिनों में छह बार जल समाधि लिया है। टीकरमाफी आश्रम के मुंशीगंज स्थित आश्रम में 21 दिनों तक भू समाधि और एक बार जल समाधि ली है। दिल्ली में पूर्वी दिल्ली स्थित आश्रम में दो बार दस- दस दिनों तक लगातार शिव योगी मौनी स्वामी जी ने भू समाधि लिया है। नासिक में वर्ष 2016 में हुए कुंभ के दौरान पांच दिनों तक लगातार भू समाधि ली थी।