चिड़ियाघर में दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले हुक्कू बंदर की मौत
हुक्कू बन्दर कालू उर्फ श्याम के नाम से दर्शकों तथा प्राणि उद्यान अधिकारी और कर्मचारियों के बीच में लोकप्रिय था तथा प्राणि उद्यान, लखनऊ हुक्कू बन्दर के नाम से भी विख्यात था। यह नर हुक्कू बन्दर देहरादून सेें वर्ष 1988 को लखनऊ प्राणि उद्यान लाया गया था।
लखनऊ: चिड़ियाघर में दर्शको के दिलों पर राज करने वाले हुक्कू बन्दर कालू उर्फ श्याम की शुक्रवार को मौत हो गयी।
नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ के निदेशक आर.के सिंह ने शुक्रवार को बताया कि प्राणि उद्यान के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. उत्कर्श शुक्ल के अथक प्रयासों के बावजूद हुक्कू बंदर को बचाया नहीं जा सका, जो लगभग 01ः15 बजे उसने अपनी अन्तिम सासें ली। हुक्कू बन्दर की मृत्यु की खबर से पूरा प्राणि उद्यान शोकाकुल हो गया। वह सभी का दुलारा था।
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सिंह ने बताया कि हुक्कू बन्दर कालू उर्फ श्याम के नाम से दर्शकों तथा प्राणि उद्यान अधिकारी और कर्मचारियों के बीच में लोकप्रिय था तथा प्राणि उद्यान, लखनऊ हुक्कू बन्दर के नाम से भी विख्यात था। यह नर हुक्कू बन्दर देहरादून सेें वर्ष 1988 को लखनऊ प्राणि उद्यान लाया गया था। उस वक्त इस नर हुक्कू बन्दर की उम्र 07 से 08 वर्श के बीच बतलाई गयी थी। इस प्रकार कालू उर्फ ष्याम की उम्र 38 से 39 वर्श की आंकी गयी है। इस प्रकार यह हुक्कू बन्दर एक रिकार्ड उम्र से अधिक उम्र प्राणि उद्यान में जीवित रहा।
पूर्वी भारत के जू में सिमटा हुक्कू बंदर
हुक्कू बंदर देश में पूर्वी भारत में ही सीमित रह गए हैं। जंगलों में अब इनकी संख्या खत्म हो चुकी है। अरूणांचल प्रदेश के चिड़ियाघर में ही इनकी ब्रीडिंग हो रही है। केंद्रीय चिड़ियाघर ने इन लुप्त हो चुके बंदर के संरक्षण के लिए अरूणांचल प्रदेश चिड़ियाघर में ब्रीडिंग सेंटर खुलवाया है। यहां पर इनकी संख्या को बढ़ाने की कवायद चल रही है।
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दर्शकों के छेड़खानी का होता है शिकार
लखनऊ चिड़ियाघर में सबसे ज्यादा छेड़े जाने वाल वन्यजीव हुक्कू बन्दर ही है। दर्शक हुक्कू के बाड़े के सामने भीड़ लगाकर ऐसा हुक्कू हुक्कू चिल्लाते हैं की पता ही नहीं चलता है की हुक्कू बंदर चिल्ला रहा है या कोई इंसान। दर्शकों की छेड़खानी को देखते हुए वहां पर बंदर को ना छेड़ने की अपील एक बोर्ड पर लिखी हुई है। साथ ही छेड़ते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना भी देना पड़ सकता है। मगर इसके बावजूद चिड़ियाघर के लचर व्यवस्था की वजह से हुक्कू बंदर प्रतिदिन छेड़खानी का शिकार होता है।
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कल्लू को नियम के विरुद्ध रखा है अकेला
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण का यह नियम है कि किसी भी जू में कोई भी वन्यजीव अकेला न रहे। उसके उसका पार्टनर मिले। अकेले रहने वाले वन्यजीव चिड़चिड़े हो जाते हैं जिससे उनके शारीरिक और मानसिक स्थिति खराब हो जाती है।