Lucknow News: यूपी में तैनात रहेंगे आजम खान पर एक्शन लेने वाले IAS आंजनेय सिंह, एक साल प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ी

Lucknow News: मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह को योगी सरकार अपने कैडर में रोकने में कामयाब हो गई है। केंद्र सरकार ने शनिवार रात IAS आंजनेय कुमार सिंह को एक साल का और सेवा विस्तार दे दिया गया है।

Report :  Prashant Dixit
Written By :  Jugul Kishor
Update: 2023-02-19 02:40 GMT

Anjaneya Kumar Singh and Azam Khan (Photo: Social Media)

Lucknow News: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान का किला रामपुर में ध्वस्त करने वाले आईएएस अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह की यूपी से विदाई हो रही थी। लेकिन मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह को योगी सरकार अपने कैडर में रोकने में कामयाब हो गई है। केंद्र सरकार ने शनिवार रात IAS आंजनेय कुमार सिंह को एक साल और यूपी में सेवा देंगे। बता दें कि रामपुर में आजम खान के ऊपर कानूनी शिकंजा कसने वाले आंजनेय कुमार सिंह एक बार प्रतिनियुक्ति कार्यकाल बढ़ने के कारण चर्चाओं में हैं। 

कौन हैं आंजनेय कुमार सिंह? 

आंजनेय कुमार सिंह सिक्किम कैडर के 2005 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश में जब अखिलेश यादव की सरकार थी। तब 16 फरवरी को 2015 को वह प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश आए थे। इस दौरान वह उत्तर प्रदेश में कई जिलों के डीएम रहे। उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बन गये। सीएम योगी ने फरवरी 2019 में आंजनेय कुमार सिंह को रामपुर की जिलाधिकारी बना दिया। यहां आते ही आंजनेय कुमार सिंह ने आजम खान के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करनी शुरु कर दी।

2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार चर्चा में आये  

जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह रामपुर में 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चर्चा में आये थे, जब उन्होने 2019 को लोकसभा के चुनाव में आचार संहिता का कड़ाई से पालन करवाया था। वहीं आचार संहिता का उलंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई भी की थी। जिसमें आजम खान के तमाम करीबी लोग शामिल थे। कार्रवाई से गुस्साए आजम खान ने सार्वजनिक रुप से एक विवादित भाषण देते हुए कहा था कि कलेक्टर-फलेक्टर से मत डरियो, ये तनखैय्ये हैं, अल्लाह ने चाहा था चुनाव के बाद इन्ही से जूते साफ कराऊंगा। 

आंजनेय कुमार सिंह कि रिपोर्ट पर गई अब्दुल्ला की विधायकी!

आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने स्वार टांडा सीट से 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ा था और विजयी भी हो गये थे, लेकिन बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी नवाब अली खान ने चुनाव आयोग से शिकायत कर दी थी कि अब्दुल्ला आजम ने फर्जी चुनाव प्रमाण पत्र लगाकर चुनाव लड़ा है। इसलिए उनका निर्वाचन रद्द होना चाहिए। चुनाव आयोग ने तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह को इस मामले की जाचं की जिम्मेदारी सौंपी। आंजनेय कुमार सिंह की रिपोर्ट के आधार पर ही चुनाव आयोग ने अब्दुल्ला आजम की विधायक की सदस्यता रद्द कर दी थी। बीते दिनों एक बार फिर अब्दुल्ला आजम की विधायकी चली गयी है। 

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