कब्जेदारों की खैर नहीं: सरकार ने तैयार करवाया सूची, लिया ये बड़ा फैसला

अवैध कब्जों को अभियान चलाकर अतिक्रमण मुक्त करने के साथ ही यह भी कहा कि 20 फरवरी तक हर जिले की अवैध कब्जों की सूची तैयार की जाए। इसके साथ ही 15 मार्च के बाद अवैध कब्जाधारकों को नोटिस देकर अप्रैल के पहले सप्ताह तक जमीनों को मुक्त कराया जाए।

Update: 2020-02-11 15:20 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने कहा कि जनता के हित में नहरों की जमीन पर किए गये अवैध कब्जों को अभियान चलाकर अतिक्रमण मुक्त करने के साथ ही यह भी कहा कि 20 फरवरी तक हर जिले की अवैध कब्जों की सूची तैयार की जाए। इसके साथ ही 15 मार्च के बाद अवैध कब्जाधारकों को नोटिस देकर अप्रैल के पहले सप्ताह तक जमीनों को मुक्त कराया जाए।

एक-एक इंच जमीन करायी जायेगी खाली

उन्होंने कहा कि जो जमीन प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों- दिल्ली, मध्यप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान तथा उत्तराखण्ड में स्थित है उसको खाली कराने की प्रक्रिया मई, जुन तक पूरी की जाए। सिंचाई विभाग की एक-एक इंच जमीन खाली करायी जायेगी। डा. महेन्द्र सिंह ने बैठक में बताया गया है कि मेरठ, मुजफ्फरनगर, बुलन्दशहर, गौतमबुद्धनगर, हरिद्वार, कानपुर आदि शहरों में सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध कब्जे किए गये हैं। उन्होंने संबंधित मुख्य अभियन्ताओं को निर्देश दिए कि इस मीटिंग से जाकर अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक करके कार्ययोजना बनायें और जमीनों पर से कब्जा हटाने के बारे में कार्रवाई शुरू कर दें।

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सोलर पैनल, पवन चक्की स्थापित करने के कार्य में गति लाने के निर्देश

डा. महेन्द्र सिंह ने नहरों के माध्यम से भरे जाने वाले तालाबों की सूची, तालाबों की नहरों से दूरी, तालाबों की संख्या, स्थिति, क्षेत्रफल तथा किस विभाग द्वारा बनाये गये हैं, उसका पूरा विवरण उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित अभियन्ता अपने क्षेत्र के चेक डैम का स्थलीय निरीक्षण करके उसके रखरखाव तथा मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी उपलब्ध करायें। उन्होंने ‘‘काडा’’ से संबंधित कार्यों को 15 मार्च से पहले शुरू करने तथा नहरों पर सोलर पैनल, पवन चक्की स्थापित करने के कार्य में गति लाने के निर्देश दिए।

इतिहास में पहली बार नहरों की सफाई में सराहनीय कार्य हुआ है

डा. महेन्द्र सिंह ने सिल्ट सफाई की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के इतिहास में पहली बार नहरों की सफाई में सराहनीय कार्य हुआ है, जिसकी प्रसंशा प्राक्कलन समिति ने भी किया है। नहरों में पानी आने से किसानों को सिंचाई विभाग की कार्य प्रणाली पर और भरोसा कायम हुआ है। सिल्ट सफाई की सराहना में विभिन्न दलों के 300 विधायक, विधान परिषद सदस्य तथा सांसदों ने सराहना की।

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डा. सिंह ने इसके साथ ही निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कार्य की गति बढ़ाने पर जोर दिया। बैठक में बताया गया कि बहुत सारी परियोजनाएं निर्माण के अंतिम चरण में हैं और शीघ्र पूरी कर ली जायेंगी। इसके अलावा 05 से 50 करोड़ रुपये तक की 83 परियोजनाएं आगामी मार्च तक पूरी कर ली जायेंगी।

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