अवैध निर्माण को सील करने पर कोर्ट ने एलडीए को दिया ये निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने रवींद्र गार्डेन अलीगंज में प्लाट नंबर ई-29 पर नियम के खिलाफ हो रहे निर्माण को तत्काल रोकने के आदेश दिये हैं और साथ ही एलडीए को आदेश दिया है कि वह सुनिश्चित करें कि वहां केाई निर्माण कार्य न हो और यदि आवश्यकता हो तो लोकल पुलिस की मदद ली जाए।
लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने रवींद्र गार्डेन अलीगंज में प्लाट नंबर ई-29 पर नियम के खिलाफ हो रहे निर्माण को तत्काल रोकने के आदेश दिये हैं और साथ ही एलडीए को आदेश दिया है कि वह सुनिश्चित करें कि वहां केाई निर्माण कार्य न हो और यदि आवश्यकता हो तो लोकल पुलिस की मदद ली जाए।
कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान शहर में हो रहे अवैध निर्माणों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि एलडीए अपनी जिम्मेदारी को ठीक से निभाए। कोर्ट ने प्रस्तुत मामले में एलडीए द्वारा अवैध निर्माण सील कर देने के बाद भी निर्माण जारी रहने पर कड़ा रूख अपनाते हुए कहा कि एलडीए केवल अवैध निर्माण सील करने से ही फुर्सत नहीं पा जाती अपितु उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि सील करने के बाद उक्त जगह पर कोई निर्माण न होने पाए।
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यह आदेश जस्टिस अनिल कुमार व जस्टिस सौरभ लवानिया की बेंच ने 81 वर्षीय वृद्धा श्रीमती राधा रानी सिंह की याचिका पर पारित किया। याची का कहना था कि उसके घर के बगल में बेसमेंट का अवैध निर्माण हो रहा है जिसके चलते उसके मकान में दरारें आ गयी हैं।
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एलडीए ने कहा कि उसने बेसमेंट वाल मकान सील कर उसका कब्जा पुलिस को दे दिया है लिहाजा यदि वहां अब भी निर्माण हो रहा है तो पुलिस की जिम्मेदारी है उसकी नहीं। कोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जतायी।
कोर्ट ने एलडीए को निर्देश दिया कि जब भी कोई अवैध निर्माण सील किया जाये तो उसकी वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी करायी जाये और यह सुनिश्चित किया जाये कि सील करने के बाद वहां कोई निर्माण न होने पाये।
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कोर्ट में सुनवायी के समय एलडीए सेक्रेट्री मौजूद थे। कोर्ट ने उन्हें 16 सितंबर को अगली सुनवायी के समय भी इस मामले में प्रगति आख्या के साथ तलब किया है।
मामले की सुनवायी के दौरान ही केार्ट ने शहर में तमाम अवैध निर्माणों की भरमार पर संज्ञान लेते हुए प्रकरण को पीआईएल के तौर पर मानते हुए उचित आदेश हेतु चीफ जस्टिस के सामने पेश करने का आदेश दिया है।