Sonbhadra News: पट्टे की आड़ में ग्राम समाज और बांध की जमीन पर अवैध खनन, जांच के बाद लेखपाल कार्रवाई के निर्देश

Sonbhadra News: सोनभद्र के बिल्ली मारकुंडी के प्रधान की शिकायत पर की गई जांच में ग्राम समाज और बांध की जमीन पर बड़े पैमाने पर पत्थर का अवैध खनन सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।

Update:2023-01-16 17:51 IST

Sonbhadra News: ओबरा खनन क्षेत्र में पट्टा कहीं, खनन कहीं.. की शिकायत अक्सर सुनने को मिलती रहती है। फिलहाल बिल्ली मारकुंडी के प्रधान की शिकायत पर की गई जांच में ग्राम समाज और बांध की जमीन पर बड़े पैमाने पर पत्थर का अवैध खनन सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। एसडीएम राजेश सिंह की तरफ से कराई गई जांच में 45 मीटर गहरा गड्ढा खोदने का खुलासा हुआ है। मामले में क्षेत्रीय लेखपाल की भी लापरवाही पाई गई है। कुछ पट्टा धारकों के साथ क्षेत्रीय लेखपाल की दुरभसंधि होने का भी शक जताया गया है। इसको देखते हुए जहां एसडीएम ने तहसीलदार से मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब कर ली है। वहीं, तहसीलदार की तरफ से इस मामले को लेकर एक रिपोर्ट भी एसडीएम को सौंपी गई है। जांच में जो स्थितियां मिली हैं उसको लेकर कार्रवाई की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।

बताते चलें कि ओबरा एसडीएम ने तहसीलदार को गत 24 दिसंबर को एक पत्र भेजा है । सोमवार को वायरल हुए इस पत्र में लिखा है कि ओबरा कि रेखा देवी प्रधान, पंचायत बिल्ली मारकुंडी, द्वारा अवैध खनन को लेकर एक शिकायती प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था । उसकी जांच क्षेत्रीय लेखपाल को दी गई थी । क्षेत्रीय लेखपाल ने जॉच कर आख्या गत16 दिसंबर को उपलब्ध कराई गई । उसमें उल्लिखित किया गया कि बिल्ली मारकुंडी स्थित गाटा संख्या 4823 , 4821 , 4814 , 4847 , 4848,4849,4850 , 4851 , 4860 मि , 4771 , 4772 , 4780 , 4782 , 4784, 4845 , 4815 मि., 4816 मि., 4817 मि., 4818 मि., 4853 मि., 4820 मि., 4810 मि. कुल 8.79 एकड़ में पत्थर खनन का पट्टा 31 मई 2016 को मधुसुदन सिंह निवासी हिनौती, थाना घोरावल और दिलीप कुमार केशरी निवासी अयप्पा मंदिर बिल्ली-मारकुण्डी, के पक्ष में किया गया था है ।

इसका फायदा उठाकर खनन पट्टा धारकों ने गाटा संख्या 4824 रकबा 0.2910 जो पुरानी परती खाते में दर्ज है, में लगभग 20 मीटर गहरा गड्ढा कर पत्थर खनन कर लिया गया। इसी तरह गाटा संख्या 4857 रकबा 0.1770 हेक्टेअर में से 0.0760 हेक्टेअर रकबे पर अवैध खनन करते हुए 45 मीटर गहरा गड्ढा खोदकर भूमि का स्वरूप ही परिवर्तित कर दिया गया । आराजी संख्या 4846ख रकबा 0.0630 हेक्टेअर बांध खाते में दर्ज है । उसमें भी लगभग दो मीटर गहराई में पत्थर का अवैध खनन किया गया।

लेखपाल के सहयोग से अवैध खनन

ओबरा एसडीएम ने पत्र में लिखा है कि यदि क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा अवैध खनन के संबंध में ससमय आख्या उपलब्ध कराई गई होती तो खननकर्ताओं द्वारा अवैध खनन किया जाना संभव न होता परंतु क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा खननकर्ताओं के साथ दुरभिसंधि करके अवैध खनन की आख्या से उच्चाधिकारियों को अवगत न कराकर अवैध खनन में सहयोग प्रदान किया गया है । उक्त प्रकरण की जॉच एसडीएम ने की तो पाया कि क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा अनुशासनहीनता की गई है। जॉच आख्या के साथ क्षेत्रीय लेखपाल ने स्पाटमेमो व जीपीएस फोटोग्राफ्स भी उपलब्ध नहीं कराया । पास में स्थित गंगा स्टोन व बालाजी स्टोन की तरफ से भी अवैध खनन किया गया है लेकिन आख्या में इसका कोई जिक्र ही नहीं किया गया । एसडीएम ने कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा अवैध खननकर्ताओं से दुरभिसंधि करके अवैध खनन में सहयोग प्रदान किया जा रहा है ।

मामले में तहसीलदार सुनील कुमार को जांच कर स्पष्ट आख्या भेजने के निर्देश दिए गए थे। सेलफोन पर तहसीलदार सुनील कुमार ने बताया कि मामले की जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है। अवैध खनन में लेखपाल की क्या भूमिका है इसको लेकर अभी जांच पड़ताल जारी है। मौके की जो भी स्थितियां मिली हैं उसके आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ाई जा रही है।

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