UP Monsoon Update : इन 16 जिलों में डरा रही नदियां, 14 जिलों में बारिश का अलर्ट

यूपी 14 जिलों में आज भी मौसम खराब रहने और तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना है। भारी बारिश के कारण प्रदेश के 16 जिलों को बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Update: 2021-06-20 07:04 GMT

फाइल फोटो, साभार-सोशल मीडिया

देश के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश अब लोगों के लिए मुसीबत बनने लगी है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा, राजस्थान के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यहां की प्रमुख नदियां ऊफान पर हैं। वहीं मौसम विभाग ने (IMD) ने यूपी 14 जिलों में आज (रविवार) को भी मौसम खराब रहने और तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना जताई है। ये 14 जिले बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, बस्ती सिद्धार्थनगर, अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़, बलिया, गाजीपुर, देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर हैं।

भारी बारिश के कारण यूपी में 16 जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इनमें लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, महाराजगंज, देवरिया, बस्ती, कुशीनगर, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर, गोंडा, संत कबीर नगर, बलिया, बाराबंकी, सीतापुर और मऊ शामिल हैं। उत्तदरखंड के तीन जिलों और गंगा में बाढ़ के कारण यूपी के 10 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। यूपी में रोहिणी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि शारदा, घाघरा और राप्ती खतरे के निशान के करीब हैं। प्रयागराज, वाराणसी में गंगा का जलस्तजर बढ़ गया है।

गोरखपुर में उफान पर नदियां

गोरखपुर में रोहिन नदी का जलस्ततर लगातार बढ़ रहा है, रोहिन खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। रोहिन की डेंजर लाइन त्रिमुहानी घाट पर 82.44 है, लेकिन, वो अभी खतरे के निशान से .89 मीटर ऊपर बहते हुए 83.330 पर बह रही है। नेपाल के पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश की वजह से भी पहाड़ी नदियां उफान पर हैं। राप्ती बर्डघाट पर अभी खतरे के निशान 74.98 से 1.02 मीटर नीचे बह रही है। यही हाल कुआनो का भी है, कुआनो भी मुखलिसपुर में खतरे के निशान 82.44 मीटर से तीन मीटर से भी नीचे 83.330 मीटर पर है, लेकिन वो भी लगातार चढ़ान पर है। गोरखपुर में सरयू, राप्तीट, कुआनो, आमी, गोर्रा और रोहिन कुल छह नदियां हैं। राप्ती और घाघरा भी वार्निंग लेवल पर हैं, लेकिन अन्य नदियां सामान्य, लेवल पर हैं। बता दें गोरखपुर में 13 नदियों का पानी आता है, जो आगे निकलकर गंगा में समा जाता है।

गोरखपुर की प्रमुख राप्ती नदी, फाइल फोटो, सोशल मीडिया

अयोध्या में सरयू उफान पर

वहीं अयोध्या में भी लगातार बारिश से सरयू उफान पर है। पानी में में प्रति घंटे हो रही एक सेमी की वृद्धि के साथ का नदी का जलस्तर धीरे-धीरे खतरे के लाल निशान की ओर बढ़ रहा है। सरयू के उफान को देखते हुए तटवर्ती इलाकों में रहने वालों ने पलायन कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेना भी शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन भी सरयू के उफान पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि सरयू का पानी अभी खतरे के लाल निशान से 41 सेमी नीचे बह रहा है। नेपाल के पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के चलते सरयू का उफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। केंद्रीय जल आयोग की रिर्पोट के मुताबिक शनिवार की शाम पांच बजे सरयू का जलस्तर 92.32 मीटर रिकॉर्ड किया गया कि जो कि लाल निशान 92.73 मीटर से महज 41 सेमी नीचे है।

उफान पर सरयू नदी, फाइल फोटो, सोशल मीडिया

बाराबंकी में बाढ़ का खतरा

बाराबंकी से गुजरी सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। यह हालात लगातार नेपाल से छोड़े जा रहे पानी से बन रहे हैं। शनिवार को नदी का जलस्तर गणेशपुर के तटबंध पर 105.886 मीटर दर्ज किया गया। यह खतरे के निशान से महज 12 सेमी नीचे है। सरयू नदी में पानी बढ़ने से नदी की धारा मोड़ने के लिए करोड़ों रुपए की परियोजना का कार्य अधर में लटक गया है। तटवर्ती गांव में बसे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण पलायन को मजबूर हो रहे हैं।

शारदा और घाघरा उफान पर

लखीमपुर खीरी के कई इलाकों में शारदा नदी व घाघरा नदियां हर साल बाढ़ व कटान से तांडव मचाती है। फसल लगी सैकड़ों बीघा भूमि को निगलकर ग्रामीणों को बेघर कर देती है। बनबसा से छोड़े गए चार लाख क्यूसेक पानी से आने वाली बाढ़ से धौरहरा नदियों के किनारे बसे जंगल नं 3 राजापुर, समदहा,रैनी, बेलवमोती, ईशापुर,बेलागढ़ी, परसाबेली, सुजानपुर, रामनगर बगहा, बाछेपारा,चिकनाजती, खगियापुर, समरदा बदाल,ऊँचगांव,चहमलपुर सहित करीब दर्जनों गांव प्रभावित होंगे। क्षेत्र में बाढ़ से निपटने को सात बाढ़ राहत केंद्र व पांच राहत शिविर रमियाबेहड़, ऊँचगांव, जसवंतनगर, कटौली, तहसील मुख्यालय, जटपुरवा, चकलाखीपुर में बनाये गए हैं। 132 नाविक व 41 गोताखोर को तैनात किया गया है।

फाइल फोटो, साभार-सोशल मीडिया

फर्रुखाबाद में बढ़ रहा गंगा का जलस्तर

उत्तराखंड और नेपाल में हो रही लगातार बारिश और पानी छोड़े जाने से से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नरौरा बांध से 83 हजार 975 क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया है, वहीं बिजनौर से 4 लाख 25 हजार 507 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। हरिद्वार से 1 लाख 82 हजार 378 क्यूसेक पानी छोड़ा गंगा में छोड़ा गया है।

फाइल फोटो, साभार-सोशल मीडिया

शारदा नदी खतरे के निशान से ऊपर

लखीमपुर में बहने वाली शारदा नदी भी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है। जिससे नदी किनारे बसे 100 से ज्यादा गावों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बनबसा बैराज से डिस्चार्ज के बाद ये खतरा और बढ़ा है। आज शाम तक गांवों में पानी पहुंचने का अंदेशा जताया जा रहा है। वहीं प्रशासन सभी तरह की तैयारियां पूरी करने का दावा कर रहा है।

नेपाल के पानी ने बढ़ाई मुसाबित

बहराइच में नेपाली नदियों से आने वाले पानी को बैराजों से छोड़े जाने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार की सुबह तीनों बैराजों से दो लाख 15 हजार 384 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सुबह से घाघरा का जलस्तर स्थिर है। जलस्तर स्थिर होने से घाघरा के तटवर्ती गांवों में बाढ़ की संभावना कुछ समय के लिए कम हुई है, लेकिन दोबारा पानी छोड़े जाने के बाद से आगामी कुछ घंटों में जलस्तर बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। जलस्तर स्थिर होने के बावजूद कुछ गांवों में कटान जारी है।

बहराइच में बढ़े जलस्तर से हो रहा कटान

गोंडा में बाढ़ का खतरा

गोंडा के कई इलाकों में भारी बारिश हुई है। बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में इजाफा हो रहा है। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 48 व अयोध्या में सरयू नदी 70 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। घाघरा नदी में 2.15 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। तरबगंज तहसील के ऐलीपरसौली में कटान की आशंका से ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन शुरू कर दिया है। डीएम मार्कण्डेय शाही ने कर्नलगंज व तरबगंज एसडीएम को निगरानी के निर्देश दिए हैं।

अंबेडकरनगर में घाघरा का बढ़ा जलस्तर

अंबेडकरनगर में भी घाघरा नदी का अचानक बढ़ रहा जलस्तर लोगों को डरा रहा है। नदी किनारे बसे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। नदी के बढ़े जलस्तर से होने वाली कटान पर प्रशासन सतर्क हैं और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का कार्य जारी है। सबसे ज्यादा प्रभावित टाण्डा थाना क्षेत्र के मांझा इलाका है।

बलरामपुर में राप्ती खतरे के निशान से ऊपर

बलरामपुर में राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। राप्ती नदी चेतावनी बिंदु 103.620 मीटर से ऊपर 81 सेंटीमीटर (104.430) पर बह रही है। नदी का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव के लोगों में बाढ़ की आशंका सताने लगी है। साथ ही पहाड़ी नालों में उफान आ गया है। गौरा चौराहा-तुलसीपुर मार्ग पर दतरंगवा, भुसैलवा व सिंघवापुर डिप पर पानी का बहाव तेज होने से आवागमन में परेशानी हो रही है। लोग जान जोखिम में डालकर डिप पार कर रहे हैं। शुक्रवार सुबह से रूक-रूक कर बारिश होने से मौसम सुहाना हो गया है।

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