पैसे के अभाव में पर्वतारोही काजल एवरेस्ट पर्वत पर नहीं फहरा पायेगी तिरंगा
यह कार्यक्रम 58 दिन के लंबे सफर को पूरा करने में लगभग 25 लाख रुपये का खर्च आ रहा था। जिसकी जरूरत पूरी नही हो पायी और न ही कोई व्यवस्था ही हो पायी|
मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश सरकार के उदासीनता के चलते विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराने के लिए 25 लाख रुपये फीस जमा करना था।
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जिसकी सहायता के लिए सरकार से सहायताराशि की मांग की गयी थी लेकिन सहायता राशि नहीं मिलने के कारण काजल पटेल अपने सपनों को समेट कर एवरेस्ट का ख्वाब सजाए एवरेस्ट की चोटी पर उड़ान भरने में असमर्थता जतायी क्योंकि पर्वतारोही को सरकार से उम्मीद थी की सरकार हमारी मदद करेगी लेकिन आज पूरी तरीके से उम्मीदों पर पानी फिर गया।
बता दूँ कि हिमाचल प्रदेश के अटल बिहारी बाजपेई स्टीट्यूट आफ मॉन्टेनरिंग एंड एलीड स्पोर्ट ट्रेनिंग सेंटर से एडवांस मॉन्टेनरिंग कोर्स को पूरा कर एवरेस्ट की सबसे ऊंची एवं बर्फीली चोटी पर चढ़ने का जज्बा लिए मिर्जापुर के जमालपुर विकासखंड के हिनौता माफी गाँव के किसान संतराम सिंह की बिटिया पर्वतारोही काजल पटेल के सामने अब आर्थिक संकट की समस्या उभरकर सामने आयी है।
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काजल पटेल को हिमालय की ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराने के सपनो को साकार करने के लिए 25 लाख रुपये की दरकार थी जिसकी मदत के लिए काजल पटेल ने शासन को केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल,विधायक रमाशंकर पटेल द्वारा पत्र लिखने के बाद भी अब तक मदत नही किया गया,आर्थिक मदत न मिलने की वजह से जिले की बिटिया काजल पटेल का सपना चकनाचूर हो गया।
यह कार्यक्रम 58 दिन के लंबे सफर को पूरा करने में लगभग 25 लाख रुपये का खर्च आ रहा था। जिसकी जरूरत पूरी नही हो पायी और न ही कोई व्यवस्था ही हो पायी आखिर काजल पटेल पिछले 5 जनवरी को रजिस्ट्रेशन के लिए पांच लाख रुपया जमा करना था और शेष रुपया पांच मार्च तक जमा करना था,लोगो ने मदत करनर का भरोसा तो दिया लेकिन अंतिम क्षण में बदल गए उनका कहना है कि ख्वाब टूटने दर्द केवल हम समझ सकते है।
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