भारत-चीन विवाद: क्या है अक्साई चिन, कहां से आया इसका नाम
अक्साई चिन ये शब्द बहुत कम ही लोगों ने सुना है या यूँ कहें बहुत ही कम लोग इसके बारे में जानते होंगे। तो आज हम बताते है आपको इसके बारे में। यह पाकिस्तान और भारत के संयोजन में तिब्बती पठार के उत्तरपश्चिम में स्थित एक विवादित क्षेत्र है। यह कुनलुन पर्वतों के ठीक नीचे स्थित है।
लखनऊ: अक्साई चिन ये शब्द बहुत कम ही लोगों ने सुना है या यूँ कहें बहुत ही कम लोग इसके बारे में जानते होंगे। तो आज हम बताते है आपको इसके बारे में। यह पाकिस्तान और भारत के संयोजन में तिब्बती पठार के उत्तरपश्चिम में स्थित एक विवादित क्षेत्र है। यह कुनलुन पर्वतों के ठीक नीचे स्थित है। ऐतिहासिक रूप से अक्साई चिन भारत को रेशम मार्ग से जोड़ने का ज़रिया था और भारत और हज़ारों साल से मध्य एशिया के पूर्वी इलाकों (जिन्हें तुर्किस्तान भी कहा जाता है) और भारत के बीच संस्कृति, भाषा और व्यापार का रास्ता रहा है।
ये भी देखें:J&K पुनर्गठन बिल 2019 पर समर्थन न देने से सोशल मीडिया पर ट्रोल हुई कांग्रेस
भारत से तुर्किस्तान का व्यापार मार्ग लद्दाख़ और अक्साई चिन के रास्ते से होते हुए काश्गर शहर जाया करता था। 1950 के दशक से यह क्षेत्र चीन क़ब्ज़े में है पर भारत इस पर अपना दावा जताता है और इसे जम्मू और कश्मीर राज्य का उत्तर पूर्वी हिस्सा मानता है। अक्साई चिन जम्मू और कश्मीर के कुल क्षेत्रफल के पांचवें भाग के बराबर है। चीन ने इसे प्रशासनिक रूप से शिनजियांग प्रांत के काश्गर विभाग के कार्गिलिक ज़िले का हिस्सा बनाया है।
ये भी देखें:शिव व पार्वती का प्रतीक है शिवलिंग, तो भी कुवांरी कन्या का इनके पूजन पर है रोक,जानिए रहस्य
कहां से आया ये नाम
'अक्साई चिन' यह शब्द जो एक तुर्की भाषा से लिया गया है। तुर्की में 'अक़' का मतलब 'सफ़ेद' होता है और 'साई' का अर्थ 'घाटी' या 'नदी की वादी' होता है। उ 'अक्साई चिन' के नाम का अर्थ 'सफ़ेद पथरीली घाटी का रेगिस्तान' निकलता है। चीन की सरकार इस क्षेत्र पर अधिकार जतलाने के लिए 'चिन' का मतलब 'चीन का सफ़ेद रेगिस्तान' निकालती है, लेकिन अन्य लोग इसपर विवाद रखते हैं।
ये भी देखें:जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने पर पागल हुआ पाकिस्तान, अब दी ये बड़ी धमकी
भौगोलिक स्थिति
अक्साई चिन एक बहुत ऊंचाई (लगभग 5,000 मीटर) पर स्थित एक नमक का मरुस्थल है। इसका क्षेत्रफल 42685 किमी² के आसपास है। इसे 'खारा मैदान' भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में 'अक्साई चिन' (अक्सेचिन) नाम की झील और 'अक्साई चिन' नाम की नदी है। यहां वर्षा और हिमपात ना के बराबर होता है क्योंकि हिमालय और अन्य पर्वत भारतीय मानसूनी हवाओं को यहां आने से रोक देते हैं।
ये भी देखें:J&k और 370 से जुड़े ये 10 सवाल, नही जानते होंगे इनके जवाब
'अक्साई चिन' को लेकर भारत-चीन में चल रहा विवाद
चीन ने जब 1950 के दशक में तिब्बत पर क़ब्ज़ा किया तो वहाँ कुछ क्षेत्रों में विद्रोह भड़के जिनसे चीन और तिब्बत के बीच के मार्ग के कट जाने का ख़तरा बना हुआ था। चीन ने उस समय शिंजियांग-तिब्बत राजमार्ग का निर्माण किया जो अक्साई चिन से निकलता है और चीन को पश्चिमी तिब्बत से संपर्क रखने का एक और ज़रिया देता है। भारत को जब यह ज्ञात हुए तो उसने अपने इलाक़े को वापस लेने का यत्न किया। यह 1962 के भारत-चीन युद्ध का एक बड़ा कारण बना। वह रेखा जो भारतीय कश्मीर के क्षेत्रों को अक्साई चिन से अलग करती है 'वास्तविक नियंत्रण रेखा' के रूप में जानी जाती है। अक्साई चिन भारत और चीन के बीच चल रहे दो मुख्य सीमा विवाद में से एक है। चीन के साथ अन्य विवाद अरुणाचल प्रदेश से संबंधित है।