भारत-ई-माकेंट पोर्टल: देश के व्यापारी बना रहे है इसे, होगा विश्व में सबसे बड़ा

उपमुख्यमंत्री ने देश के व्यापारियों को राष्ट्र सेवा का पर्याय बताते हुए कहा जब भी देश पर संकट आता है व्यापारी संकटमोचक की भूमिका में आगे आता है।

Update: 2020-06-04 10:48 GMT

लखनऊ: देश के व्यापारियों का संगठन कनफेडरेशन आफ इंडिया ट्रेडर्स आनलाइन व्यापार के लिए एक भारतीय पोर्टल तैयार कर रहा है। संगठन ने इसे विश्व का सबसे बड़ा पोर्टल बनाने का लक्ष्य रखा है। 'भारत-ई-माकेंट' नाम के इस पोर्टल में केवल भारतीय व्यापारी ही शामिल हो सकेंगे।

उद्यमियों का उत्तर प्रदेश में स्वागत है- डॉ दिनेश शर्मा

नेशनल ट्रेडर्स वेबीनार के तहत गुरुवार को देशभर के व्यापारियों व उद्यमियों के साथ यूपी के उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा के साथ हुई वार्ता में कनफेडरेशन आफ इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने यह जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री के समक्ष पोर्टल का प्रस्तुतिकरण भी किया।

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वेबीनार में उपमुख्यमंत्री डा. शर्मा ने देश के विभिन्न राज्यों के प्रमुख व्यापारी प्रतिनिधियों एवं उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा जो भी उद्यमी उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाना चाहते हैं उनका स्वागत है। उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। उपमुख्यमंत्री ने देश के व्यापारियों को राष्ट्र सेवा का पर्याय बताते हुए कहा जब भी देश पर संकट आता है व्यापारी संकटमोचक की भूमिका में आगे आता है।

व्यापारियों के सहयोग के लिए सरकार का धन्यवाद- व्यापार मंडल प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के बैनर तले आयोजित इस नेशनल ट्रेडर्स वेबीनार में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात ,आंध्र प्रदेश ,उत्तराखंड, उड़ीसा ,कर्नाटक, छत्तीसगढ़ ,गोवा, चंडीगढ़, दिल्ली तमिलनाडु, कर्नाटक पंजाब ,जम्मू, आसाम सहित कई राज्यों के व्यापारी और उद्यमी शामिल हुए। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स तथा उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने अपने स्वागत वक्तव्य में उप मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए

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समय-समय पर उत्तर प्रदेश एवं देश के व्यापारियों के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। बता दें कि अमेजन, फ्ल्पिकार्ट जैसी कई विदेशी आनलाइन कंपनियों के देश में आ जाने के बाद से ही भारतीय व्यापारियों और दुकानदारों के कारोबार में खासी कमी आने के कारण भारतीय व्यापारी काफी समय से विदेशी कंपनियों के आनलाइन कारोबार पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे।

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