बीएचयू के लॉ छात्रों के लिए एक्स्ट्रा क्लास लेने का निर्देश

याचियों का आरोप था कि निर्धारित लेक्चर न दे पाने वाले विश्वविद्यालय ने न्यूनतम उपस्थिति बाध्य कर रही है। कोर्ट ने इसे सही नहीं माना और छुट्टियों में एक्स्ट्रा क्लास लेकर उपस्थिति पूरी करने का अवसर देने का निर्देश दिया है।

Update: 2019-04-12 14:39 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के 5 सेमेस्टर के विधि छात्रों का शनिवार व रविवार को एक्स्ट्रा क्लास लेने का निर्देश दिया है ताकि 40 फीसदी उपस्थिति पूरी करने का छात्रों को अवसर मिल सके।

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कोर्ट ने सभी छात्रों को एक्स्ट्रा क्लास लेने का भी आदेश दिया है और कहा है कि जो 40 फीसदी उपस्थिति करने में विफल होंगे विश्वविद्यालय को उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करने की छूट होगी। कोर्ट ने 5 सेमेस्टर की विशेष परीक्षा लेने का भी निर्देश दिया है। परिणाम के बाद 6ठें सेमेस्टर की परीक्षा ले और बैकलाग परीक्षा से पहले परिणाम घोषित करे तथा बैकलाग परीक्षा पास होने पर ही डिग्री दी जाय।

कोर्ट ने विश्वविद्यालय को निर्धारित संख्या में क्लास न लेने और उपस्थिति कम होने के आधार पर परीक्षा में बैठने न देने को अवैध व मनमनापूर्ण करार दिया है और याचिका मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने शेखर कुमार सिंह व 2 अन्य छात्रों की याचिका पर दिया है। याचिका में याचियों की उपस्थिति 5वे सेमेस्टर में 40 फीसदी उपस्थिति न होने के कारण परीक्षा में बैठने से रोकने को चुनौती दी गयी थी।

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याचियों का कहना था कि विश्वविद्यालय को सेमेस्टर में 450 लेक्चर लेनी चाहिए किन्तु 261 लेक्चर ही हुए है। छात्रों को उपस्थिति पूरी करने के पूर्व में सूचना भी नहीं दी गयी। विश्वविद्यालय क्लास नहीं ले पा रहा और छात्रों की कम उपस्थिति पर उन्हें परीक्षा देने से रोक रहा है जो मनमानापूर्ण है। विश्वविद्यालय नियमानुसार सेमेस्टर में 40 फीसदी व सत्र में 70 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है।

याचियों का आरोप था कि निर्धारित लेक्चर न दे पाने वाले विश्वविद्यालय ने न्यूनतम उपस्थिति बाध्य कर रही है। कोर्ट ने इसे सही नहीं माना और छुट्टियों में एक्स्ट्रा क्लास लेकर उपस्थिति पूरी करने का अवसर देने का निर्देश दिया है।

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