कनिष्ठ अभियंता भर्ती मामला: डायरेक्टर कृषि व सचिव आयोग को निर्देश

हाईकोर्ट ने शासनादेश के खण्ड 4 को रद्द कर दिया और नियमानुसार निर्णय लेने का आदेश दिया जिसका पालन न करने पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गयी थी। याचिका में मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय सहित अन्य अधिकारियों को पक्षकार बनाया गया था।

Update: 2019-05-20 14:52 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिंचाई विभाग कनिष्ठ अभियंताओं की 2015 की अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती में दूसरे प्रदेश के निवासियों को आरक्षण का लाभ देने के आदेश का पालन करने का राज्य सरकार को एक और मौका दिया है।

कोर्ट ने निदेशक व आयोग के सचिव को छह हफ्ते में आदेश का पालन करने का आदेश दिया है। साथ ही निर्णय से याची को अवगत कराने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति एम.सी.त्रिपाठी ने बिहार व उत्तराखण्ड की वर्षा सैनी व अन्य की अवमानना याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

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कोर्ट ने याची को छूट दी है फिर भी आदेश का पालन नहीं होता तो वह दोबारा अवमानना याचिका दाखिल कर सकती है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एन.त्रिपाइी, अरविन्द मिश्रा व आर.पी.मिश्र ने बहस की। मालूम हो कि आयोग की भर्ती में याचीगण सफल हुई। केवल उत्तर प्रदेश के निवासियों को ही आरक्षण का लाभ देने के शासनादेश के तहत इन्हें नियुक्ति देने से इंकार कर दिया गया जिसे चुनौती दी गयी।

हाईकोर्ट ने शासनादेश के खण्ड 4 को रद्द कर दिया और नियमानुसार निर्णय लेने का आदेश दिया जिसका पालन न करने पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गयी थी। याचिका में मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय सहित अन्य अधिकारियों को पक्षकार बनाया गया था।

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