लखनऊ। भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर का कहना है कि सभी सियासी दल दलितों के साथ राजनीति कर रहे हैं। एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ पार्टी के अंदरखाने से उठी आवाज लोगों की व्यक्तिगत राय है। उनके बयान का पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। उनका कहना है कि दलितों का हमदर्द बनने वाली बसपा ने कभी भी दलितों के लिए कुछ नहीं किया। किशोर कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाजपा को अम्बेडकर मिशन पर ले जा रहे हैं। उनसे अपना भारत/न्यूजट्रैक के राजकुमार उपाध्याय की बातचीत के प्रमुख अंश।
अनूसूचित जाति मोर्चा की प्राथमिकताएं क्या हैं?
डा.अम्बेडकर का मिशन जातिविहीन समाज की स्थापना का मिशन था। उसी मिशन को पूरा करने का काम भाजपा कर रही है। चाहे अनुसूचित वर्ग को मुफ्त में गैस सिलेंडर चूल्हा, बिजली कनेक्शन और एलईडी बल्ब देने की बात हो या फिर हर बैंक से इस समाज को उद्यमी बनाने के लिए 10 लाख से एक करोड़ तक के लोन की व्यवस्था। ये सारी योजनाएं एससी वर्ग के लिए ही हैं। भाजपा का मकसद अनुसूचित समाज को मजबूत करना है।
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एससी/एसटी एक्ट से क्या उम्मीद है? इस पर काफी विवाद भी हुआ। इस विवाद पर आप क्या कहेंगे?
एससी/एसटी एक्ट पहले भी लागू होता था। बीच में कोर्ट का जो जजमेंट आया उसमें कंट्रोवर्सी ज्यादा हुई। बाद में कुछ संशोधन करके कुछ और चीजें बढ़ाई गई। कोई भी मुकदमा किसी पर बेवजह नहीं लगेगा। यदि लगेगा तो विवेचना के बाद उठा लिया जाएगा। किसी को जाति का नाम देकर गाली देना और मारने के लिए हाथ उठा देना क्योंकि वह अनुसूचित जाति का है, इसे उचित नहीं कहा जा सकता। इस तरह की भावनाएं रोकने के लिए संशोधन किया गया है। इसका लोग विरोध करते हैं पर यदि विरोध करने वालों की ही जाति का नाम लेकर कोई पुकारे तो उनको भी बुरा लगेगा।
इस पर पार्टी के अंदरखाने में भी विरोध हुआ
जिन लोगों ने कहा वह उनकी व्यक्तिगत सोच है। ऐसे एकाध लोग हैं। बहुत लोग नहीं है।
बसपा दलितों को अपना बेस वोट बैंक मानती है। ऐसे में चुनाव में आपको क्या उम्मीद है?
चार बार की सरकार में बसपा ने दलितों के लिए कुछ नहीं किया। सिर्फ वोट लिया। अनूसूचित जाति को केंद्र और राज्य सरकार से योजनाओं का लाभ मिल रहा है। हर साल यदि बैंक एससी वर्ग को लोन देता है तो कितने उद्यमी तैयार हो जाएंगे। मायावती तो सिर्फ एससी वर्ग के लोगों को भड़का रही है। वास्तव में उसने ऐसा कोई काम नहीं किया। भाजपा सही मायने में दलित समाज को आगे बढ़ाना चाहती है। यह भावना पैदा करना चाहती है कि दलित अपने को इंसान माने और उन्हें सारे अधिकार मिलें।
अन्य पिछड़ा वर्ग समाज की रिपोर्ट पर क्या कहेंगे? सुभासपा इस पर आंदोलन की बात कर रही है?
ऑनलाइन सब टेस्ट हो रहे हैं जो पढ़ेगा-लिखेगा वह आगे बढ़ेगा। कायदे से सभी वर्गों की भागीदारी की जरुरत है।