Jalaun News: 2974 छात्रों ने छोड़ी यूपी बोर्ड परीक्षा, जाने क्या है प्रमुख कारण

Jalaun News: हाईस्कूल के हिंदी के पेपर में 1640, वही इंटर के हिंदी के पेपर में 1334 अभ्यर्थी पेपर देने नहीं पहुंचे। जिन केंद्रों पर परीक्षार्थी नहीं पहुंचे, उनमें अधिकत्तर ग्रामीण इलाके के सेंटर थे।

Report :  Afsar Haq
Update:2023-02-16 23:10 IST

Jalaun 2974 students left UP board exam (Social Media)

Jalaun News: जालौन में हिंदी के पेपर के साथ गुरुवार को यूपी बोर्ड की हाईस्कूल, इंटर की परीक्षा शुरू हो गई है। जनपद में पहले दिन हाईस्कूल और इंटर के 2974 छात्र छात्राओं ने हिंदी का पेपर छोड़ दिया। परीक्षा छोड़ने वाले सर्वाधिक छात्र छात्राएं ऐसे ग्रामीण इलाके से थे जिनका सेंटर घर काफी दूर था। हाईस्कूल के हिंदी के पेपर में 1640, वही इंटर के हिंदी के पेपर में 1334 अभ्यर्थी पेपर देने नहीं पहुंचे। जिन केंद्रों पर परीक्षार्थी नहीं पहुंचे, उनमें अधिकत्तर ग्रामीण इलाके के सेंटर थे।

जिला विद्यालय निरीक्षक ने दी जानकारी

इस बारे में जालौन के जिला विद्यालय निरीक्षक राजकुमार पंडित ने बताया कि जनपद में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में 43410 परीक्षार्थी नामांकित थे। जिसमें हाईस्कूल की परीक्षा में 22839 और इंटर में 20571 परीक्षार्थियों को हिंदी के पेपर में शामिल होना था। लेकिन हाईस्कूल और इंटर के हिंदी के पेपर में रिकार्ड 2974 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि हाईस्कूल की सुबह की पाली में 1640 और इंटर की दूसरी पाली में 1334 परीक्षार्थी परीक्षा देने नहीं पहुंचे। जिसका कारण जानने का प्रयास किया जा रहा है। जब जिला विद्यालय निरीक्षक से पूछा गया कि जनपद में अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में बनी केंद्रों पर परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि परीक्षा छोड़ने की प्रवृत्ति ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की एक जैसी है। वह ग्रामीण और बीहड़ क्षेत्र में गए थे।

क्या था परीक्षा छोड़ने का प्रमुख कारण?

प्राप्त जानकारी के अनुसार हाईस्कूल में सर्वाधिक छात्र छात्राएं चौधरी गजेंद्र सिंह इंटर कॉलेज सिम्हरा कासिम में बने केंद्र में हिंदी का पेपर देने नहीं पहुंचे। इस केंद्र पर 93 छात्र-छात्राएं अनुपस्थित रहे। जबकि महेवा विकासखंड के ग्राम दमरास में स्थित चौधरी शंकर सिंह इंटर कॉलेज में 78 छात्र-छात्राओं ने हाईस्कूल के हिंदी प्रश्न पत्र के पेपर छोड़ दिया है। जिसका मुख्य कारण ग्रामीण इलाकों में दूरदराज क्षेत्रों में बनाए गए परीक्षा केंद्र व सरकार द्वारा नकल विहीन परीक्षा कराना बताया जा रहा है। क्योंकि सभी सेंटरों पर सीसीटीवी कैमरे तथा नकल रोकने के लिए कड़े इंतजाम किए गए थे।

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