Jalaun News: बालू धुलाई पर प्रशासन की कार्रवाई, धुलाई के उपकरण जब्त

Jalaun News: जिलाधिकारी के निर्देश पर ट्रकों में भरी बालू की धुलाई करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए छापा मारा। कार्रवाई में 13 ट्रकों का चालान किया गया है।

Report :  Afsar Haq
Update: 2024-06-17 08:53 GMT

ट्यूबवेल पर प्रशासन का छापा। (Pic: Newstrack)

Jalaun News: जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय के निर्देश पर सोमवार को उपजिलाधिकारी सदर सुरेश कुमार के नेतृत्व में राठ रोड उरई पर भूमिगत जल ट्यूवैल के पानी से मोरंग धुलने वाले ट्यूवैलों एवम् ओवरलोड वाहनों के विरुद्ध बडी कार्यवाही की गयी। ट्यूबवेल मोरंग की धुलाई में संलिप्त पाये गये 03 ट्यूबवैलों के कनेक्शन काटे गये एवम् धुलाई करने वाले यंत्रों (04 पम्पिंग मशीन) को प्रशासन द्वारा अपने कब्जे में लिया गया। दूसरी ओर 13 वाहनों के विरुद्ध चालान/निरुद्ध की कार्यवाही करते हुये उन्हें थाना डकोर में खड़ा कराया गया।

इनकी मौजूदगी में हुई कार्रवाई

उक्त कार्यवाही सुरेश कुमार, उपजिलाधिकारी, सदर के नेतृत्व में की गयी जिसमें राजेश कुमार, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) प्रथम दल, जे0के0 दत्ता, जिला खनिज अधिकारी, आनन्द कुमार, खनिज इन्स्पेक्टर, पी0डब्ल्यू0डी0 से सतेन्द्र कुमार गंगवार (जे0ई0) व बिजली विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे। बताया गया है कि भारत के पठारी भाग हमेशा से भूजल के मामले में कमजोर रहे हैं। बुन्देलखण्ड के सभी जनपद जिसमें जनपद जालौन भी सम्मिलित है, जहाँ भूजल की समस्या बनी रहती है। भारत मे जलभरों और भूजल की स्थिति पर चिंता जाहिर की जा रही है। जिस तरह भारत के भूजल का दोहन हो रहा है भविष्य में स्थितियाँ काफी खतरनाक हो सकती हैं।


कम हो रहा है भूजल स्तर

वर्तमान समय में 29 प्रतिशत विकास खण्ड या तो भूजल के दयनीय स्तर पर हैं या चिंतनीय हैं और कुछ आँकड़ों के अनुसार 2025 तक लगभग 60 प्रतिशत ब्लाक चिंतनीय स्थिति में आ जायेंगे। ज्ञातव्य है कि भारत में 60 प्रतिशत सिंचाई हेतु जल और लगभग 85 प्रतिशत पेय जल का स्रोत भूजल ही है। ऐसे में भूजल का तेजी से गिरता स्तर एक बहुत बड़ी चुनौती के रुप में उभर रहा है। उक्त परिस्थतियों के दृष्टिगत यदि भूजल से मोरंग की धुलाई की जायेगी तो जनपद जालौन की स्थिति और भी खतरनाक हो जायेगी। उक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये जिलाधिकारी द्वारा सम्बन्धित को भूजल में हो रही गिरावट को रोकने के लिये विभिन्न उपाय अपनाने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही मोरंग और वाहन धोने इत्यादि जैसे अनावश्यक कार्यों में भूजल को बर्बाद करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।

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