Jalaun News: साउथ कोरिया में किडनी हेल्थ पर कार्यशाला का आयोजन, जालौन राजकीय मेडिकल कॉलेज की टीम ने लिया हिस्सा

Jalaun News: कार्यशाला में किडनी डायलिसिस निमोनिया एस बीपी मेनिन्जाइटिस थम्बो एम्बोलिज्म, और ऑस्टिमोपोरोसिस में होने वाली बीमारियों के बचाव की जानकारी दी गई।

Report :  Afsar Haq
Update:2024-06-25 17:56 IST

साउथ कोरिया में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला में राजकीय मेडिकल की कॉलेज ऑफ नर्सिंग व पीडियाट्रिक विभाग की टीम ने लिया हिस्सा: Photo- Newstrack

Jalaun News: उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर से राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई में कार्यरत फैकल्टी (डिपार्टमेंट) कॉलेज ऑफ नर्सिंग व पीडियाट्रिक ने आयोजित कार्यशाला में भाग लिया। जिसका टॉपिक प्रमोटिंग सस्टेनेबल किडनी हेल्थ पर निर्धारित था। कार्यशाला में किडनी डायलिसिस निमोनिया एस बीपी मेनिन्जाइटिस थम्बो एम्बोलिज्म, और ऑस्टिमोपोरोसिस में होने वाली बीमारियों के बचाव की जानकारी दी गई। जो कि एशियाई स्पेसिफिक कॉग्रेस का नेफ्रोलॉजी ऍड कोरियन समिति का नेफ्रोलॉजी तीन दिवसीय साउथ कोरिया में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में फैकल्टी कॉलेज ऑफ नर्सिंग व पीडियाट्रिक विभाग से सीनियर रेजिडेंट, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ आरके मौर्या के संरक्षण से भेजे गए थे।

साउथ कोरिया में तीन दिवसीय कार्यशाला

बता दें कि जालौन के राजकीय मेडिकल कालेज में तैनात डॉ उमा महेश्वरी उपप्रधानाचार्या कॉलेज ऑफ नर्सिंग ने साउथ कोरिया में तीन दिवसीय कार्यशाला में किडनी से पीड़ित मरीजों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हेमोडायलिसिस रोगी के जीवन गुणवत्तापूर्ण जीवन को अच्छे नार्सिंग से पेश किया जाना चाहिए। इस पर आधरित उचित। मूल्यांकन दैनिक देखभाल और घर पर अनुवर्ती संचार, पोषण, मनोवैज्ञानिक, देखन्नाल से हेमोडायलिसिस रोगी की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

दूसरा टापिक जो कि ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन डायलिसिस यूनिट में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के तरीके को डॉ उमा महेश्वरी द्वारा बताया गया। जिसमें जल ऊर्जा की बचत्त विद्युत ऊर्जा का पुनाचकृण दूषित वस्तुओं का पुनर्चाकृण कार्बन फुटप्रिंट को कम कर सकता है।

कार्यशाला में 230 देशों ने भाग लिया

डॉ प्रवीन कुमार सीनियर रेजिडेंट डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिर्कस राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन ने नैदानिक परिद्वश्य बचपन में नेंफोटिक सिंडोम से जुडे आम संकृमण और प्रमुख जटिलताए के आधरित रिसर्च के अनुसार सबसे अधिक और आम संक्रमण ऊपरी श्रवसन तंत्र से संबंधित है जिसमें प्रमुख जटिलताए है निमोनिया एस बीपी मेनिन्जाइटिस थम्बो एम्बोलिज्म, और ऑस्टिमोपोरोसिस के बारे में बताया बुन्देलखण्ड में इस समस्या से जुडें बच्चों की मात्रा अधिक देखी जा रही है। जिसके बचाव करके हम उसमें कमी ला सकते है।

यह कार्यशैली जो कि साउथ कोरिया में आयोजित कि गई रिसर्च प्रेसेन्टेशन को दिया। कैफस में बेस्ट पेप्र का आवर्ड मिला जिसमें कि उन्होने 1000 मात्रा अनुदान से नावाजा गया। इस कार्यशाला में 230 देशों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया था।

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