Jalaun News : साइबर क्राइम रोकने के लिए डीएम-एसपी ने लगाई कार्यशाला, दी गई ये जानकारी

Jalaun News: पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने कार्यशाला में बताया कि आज के समय में एक और लाभ बहुत महत्वपूर्ण है, हर दिन नए साइबर अपराध हो रहे हैं। लोगों के साथ ठगी हो रही है। धोखे से ठगे जाने पर फोन पर आने वाले नंबरों पर किसी भी प्रकार की जानकारी न दें।;

Report :  Afsar Haq
Update:2025-01-07 17:17 IST

साइबर क्राइम रोकने के लिए डीएम-एसपी ने लगाई कार्यशाला (Pic - Social media)

Jalaun News: जालौन में जिलाधिकारी के निर्देश पर साइबर अपराध की रोकथाम हेतु सभागार कक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में साइबर विशेषज्ञों एवं बैंक कर्मचारियों ने जनप्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों, बैंक मित्रों एवं नागरिकों को साइबर अपराध से बचाव की जानकारी देकर जागरूक किया। उन्हें कहा गया कि वे गांव-गांव जाकर नागरिकों को साइबर अपराध से बचाव की जानकारी दें और उन्हें बताएं कि इससे बचने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए, ताकि उनके साथ धोखाधड़ी न हो और धोखाधड़ी होने पर कहां शिकायत करें।

जालौन में जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय एवं पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार के निर्देश पर उरई के विकास भवन में बने रानी लक्ष्मीबाई सभागार कक्ष में साइबर अपराध से बचाव हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें जनप्रतिनिधियों, ग्राम प्रधान, बैंक सखियों एवं नागरिकों को विशेषज्ञों द्वारा साइबर अपराध से बचाव के बारे में पूरी जानकारी देकर जागरूक किया गया।

धोखाधड़ी से कैसे बचें?

जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने कहा कि इस कार्यशाला में आज के समय में साइबर अपराध से बचाव के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए इसकी पूरी जानकारी दी गई है। यदि आपके साथ धोखाधड़ी होती है तो तत्काल साइबर क्राइम थाने अथवा हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें। वही आगे भी ग्राम प्रधानों द्वारा साइबर अपराध से बचाव के लिए हर गांव में आम नागरिकों को जानकारी देकर कार्य किया जाएगा। साथ ही उन्हें लघु वीडियो फिल्म दिखाकर धोखाधड़ी से बचने के बारे में बताया जाएगा।

साइबर क्राइम को दें सूचना

पुलिस अधीक्षक डॉ दुर्गेश कुमार ने कार्यशाला में बताया कि आज के समय में एक और लाभ बहुत महत्वपूर्ण है, हर दिन नए साइबर अपराध हो रहे हैं। लोगों के साथ ठगी हो रही है। धोखे से ठगे जाने पर फोन पर आने वाले नंबरों पर किसी भी प्रकार की जानकारी न दें। इसलिए तत्काल साइबर क्राइम थाने और हेल्पलाइन नंबरों पर सूचित करें और जिस नंबर से कॉल आती है उसकी भी जानकारी दें, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

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