Jalaun News: कोलकाता से आए कारीगरों द्वारा पंडालों में विराजने वाली देवी की मूर्तियों को दिया जा रहा अंतिम रूप

Jalaun News: कलकत्ता से आए मूर्तिकार देवी प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं। इन कलाकारों द्वारा देवी मां की 3 फिट से लेकर 15 फिट तक की सुंदर प्रतिमाएं तैयार की गई हैं।

Report :  Afsar Haq
Update:2023-10-13 13:51 IST

Kolkata artisans giving final touch Maa Durga idols  (photo: social media )

Jalaun News: जालौन में 15 अक्टूबर से शुरू होने वाले शारदीय नवरात्र को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। वहीं इस पर्व को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। कलकत्ता से आये मूर्तिकार देवी प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। इन कलाकारों द्वारा निर्मित प्रतिमाएं को खरीदने के लिए कई जनपदों से लोग जालौन पहुंचते हैं और इन प्रतिमाओं को स्थापित कर नौ दिनों तक देवी माँ की पूजा अर्चना करते हैं। कोलकाता से आए हुए कारीगर कई सालों से आकर मूर्ति बनाने का कार्य कर रहे हैं

बता दें कि जालौन के जिला मुख्यालय उरई में नवरात्र को लेकर मूर्तिकार देवी प्रतिमाएं बना रहे हैं। कलकत्ता से आए मूर्तिकार देवी प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं। इन कलाकारों द्वारा देवी मां की 3 फिट से लेकर 15 फिट तक की सुंदर प्रतिमाएं तैयार की गई हैं। जो कि लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इन प्रतिमाओं को लेने के लिए जालौन ही नहीं बल्कि पड़ोसी जनपद हमीरपुर, औरेया से भी लोग यहां आते हैं। नवरात्रि में पंडालों में विराज ने वाली देवी प्रतिमाओं को बनवाने के लिए को एक से दो माह पहले मूर्ति बनाने का ऑर्डर मिल जाता है, जिन्हें समय रहते पूरा किया जाता है। चौथी वाली मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसके समय रहते उनको अपने-अपने स्थान पर भेजा जा सके।

20 वर्षों से जनपद जालौन में देवी प्रतिमाएं बनाने आ रहे मूर्तिकार 

देवी प्रतिमाएं तैयार कर रहे मूर्तिकारों का कहना है कि वह पिछले 20 वर्षों से जनपद जालौन में देवी प्रतिमाएं बनाने के लिए आ रहे हैं। उनके द्वारा तैयार देवी प्रतिमाएं आसपास के जिलों के लोग भी लेने के लिए आते हैं। नवरात्र को अब कुछ दिन ही शेष बचे हैं वह अब देवी प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि कलकत्ता से आए मूर्तिकारों द्वारा निर्मित देवी प्रतिमाएं यहां आकर्षण का केंद्र रहती हैं। हर वर्ष वह इन मूर्तिकारों द्वारा निर्मित देवी प्रतिमाएं लेकर उनकी स्थापना करते हैं और देवी मां की पूजा अर्चना करते हैं।

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