Jalaun News: थल सेना में भर्ती होकर महक ने बढ़ाया मान, पहले ही प्रयास में हासिल की सफलता

Jalaun News: कौन कहता है आसमां में सुराग नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। दुष्यंत कुमार की इन पक्तियों को महक ने थल सेना की अग्निवीर बनकर चरितार्थ किया है।

Report :  Afsar Haq
Update:2023-11-07 13:09 IST

थल सेना में भर्ती होकर जालौन की महक ने बढ़ाया मान (न्यूजट्रैक)

Jalaun News: कौन कहता है आसमां में सुराग नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। दुष्यंत कुमार की इन पक्तियों को सरावन गांव की बेटी महक ने थल सेना की अग्निवीर बनकर चरितार्थ किया है। इसी के साथ बेटा और बेटी में भेद समझने वालों को आइना दिखाया है। अपने पहले ही प्रयास में सफल हुई महक ग्राम पंचायत सरावन की 25 हजार की आबादी में पहली ऐसी लड़की है जिसने सेना में जाने का संकल्प लिया था और उसे पूरा करके अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। वह यहीं रुकने वाली नहीं है उसका कहना है कि वह अफसर बिटिया कहलाने के लिए जीतोड़ प्रयास करेगी।

जालौन की माधौगढ़ विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सरावन में साधारण परिवार में पली बढ़ी महक गांव के ही मजरा खितौली के महात्मा कामता शरण इंटर कॉलेज में 12वीं की छात्रा है। पिता जालिम सिंह चौहान और मां बबली देवी ने बच्चों की परवरिश में बेटा और बेटी का कभी भेद नहीं समझा। यही वजह है कि महक ने सेना में जाकर देश की रक्षा करने का जो सपना देखा था वह पहले ही प्रयास में पूरा कर दिखाया। महक ने भारतीय थल सेना में अग्निवीर के तहत परीक्षा दी तो पास हो गई। अब 16 नवंबर को वह ज्वानिंग लेगी और पहली बार वर्दी पहनेगी।

बचपन से सेना में भर्ती होने का था सपना

महक ने कहा कि वह जब कक्षा आठ में थी तभी सोचती थी कि बड़ी होकर फोर्स में जाएगी और अपने देश की रक्षा करेगी। चार साल में ही मुझे अपना सपना साकार करने का अवसर मिल गया। मैं सेना में नौकरी करने के साथ-साथ अपनी पढाई जारी रखूंगी। क्योंकि अब नया लक्ष्य अधिकारी बनने का तय किया है। वह कहती है कि मेरे माता पिता ने कभी भाइयों और मुझ मे अंतर नहीं समझा। बेटा और बेटी में जो अंतर समझते है उनसे यही कहूंगी कि आज का समय बदल गया है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां बेटियां बेटों से पीछे हों। ग्राम पंचायत सरावन में चार मजरे भी शामिल है और यहां पर तकरीवन 9500 मतदाता और 25 हजार की आबादी है। इस आबादी में अब तक कोई भी बेटी किसी सेना में भर्ती नहीं हुई है। महक ने यह उपलब्धि हासिल की है। उसकी उपलब्धि पर माता-पिता तो फूले नहीं समा रहे गांव के लोगों को भी इस बात की खुशी है। जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र सोना, नरेंद्र सोनी, राजेश उपाध्याय, संतोष उपाध्याय आदि ने महक को फूल माला पहनाकर सम्मानित किया।

बेटा वायुसेना में, अब बेटी थल सेना में

सरावन गांव निवासी जालिम सिंह चौहान की खुशी का ठिकाना नहीं है। उनका बेटा मनीष एक साल पहले ही वायु सेना में भर्ती हुआ था। वह वायुसेना में देश की सेवा कर रहा है और अब बेटी महक ने थल सेना में जाकर उनकी खुशी को दो गुना कर दिया है। जालिम सिंह यूं तो किसानी करते और प्राइवेट नौकरी करते है लेकिन वह अपने समय के पहलवान भी रहे है। उन्होंने आज कहा कि वह चाहते थे कि उनके बच्चे सेना में जाकर देश की सेवा करें लेकिन यह बात वह किसी से कह नहीं पाए। बच्चों ने जो रुचि दिखाई उसी को मैने पूरा करने का प्रयास किया है।

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