सहारनपुर: देश की सुरक्षा के लिए सहारनपुर का एक नौजवान शहीद हो गया। उसकी पत्नी पंद्रह दिन पहले ही जयपुर में सरकार की तरफ स अलाट हुए मकान में रहने के लिए गई थी, लेकिन जयपुर में रहते हुए शहीद की पत्नी को सूचना नहीं दी गई कि उसका पति देश की खातिर शहीद हो गया है। केवल उसे घायल होने की सूचना दी गई।
यूपी के जनपद सहारनपुर के गांव बड़गांव-भगवानपुर निवासी जयद्रथ की शादी मार्च 2013 में शामली जनपद के गांव कैंडी निवासी ममता से हुई थी। शादी के बाद भी जयद्रथ और उसकी पत्नी ममता ने देश सेवा को ही सर्वोपरि माना। इस दंपत्ति को कोई बच्चा नहीं है ।
बड़गांव भगवानपुर निवासी जयद्रथ पुत्र जसबीर जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर के भारत पाक सीमा पर सुंदरबनी बार्डर पर तैनात था। देर रात उसके घायल होने की सूचना उसकी पत्नी ममता को दी गई, जो जयपुर में सरकारी आवास में रह रही थी। आज दोपहर बाद जब ममता जयपुर से बड़गांव भगवानपुर पहुंची तो उसे पता चला कि उसका पति शहीद हो गया है। बता दें कि ममता पंद्रह दिन पहले ही सरकारी आवास में रहने के लिए जयपुर गई थी और वह अपने भाई अरविंद के साथ वहां रह रही थी। जयद्रथ के दो भाई हैं वो सबसे बड़ा था, उससे छोटा सहदेव भी आर्मी में है और सबसे छोटा रामकरण शुगर मिल में कार्यरत है।
आज दोपहर जब ममता भगवानपुर गांव पंहुची तो गाड़ी से उतरते ही घर में छाये मातम को देखकर बेहोश होकर गिर पड़ी। घर में मौजूद महिलाओं ने दौड़कर ममता को बामुश्किल सहारा देकर घर के आंगन में नीचे लाकर बैठाया। जब ममता को कुछ होश आया तो अपने पति की सभी बातों को याद करके रोने लगी। इस दौरान मौके पर मौजूद कई गांव के लोगों की भीड़ भी अपने आंसू नहीं रोक सकी।
भगवान से उठ गया ममता का भरोसा
- शहीद की पत्नी ममता ने बताया कि मैंने अपने पिता को पहले ही सेना के जवान से शादी न करने की जिद की थी, लेकिन मेरी किस्मत से भगवानपुर गांव ही नहीं ऊपर वाला भगवान भी रूठ गया।
- ममता दुखी मन से बार बार कह रही थी कि मैं आज के बाद भगवान की पूजा भी नहीं करुँगी। अब मेरा विश्वास भगवान से पूरी तरह से टूट चुका है।
- हमारे परिवार को न जाने किस की इतनी बुरी हाय लगी है।
इस मकान पर बुल्डोजर चला दो, हमारा सब कुछ उजड़ गया - शहीद के पिता
बेटे की पत्नी ममता के कुक्रन्दन को सुनकर होश में आया ससुर जसबीर अपने आंसू रोक नहीं पाया .
- अपनी बहू को रोते देख वो कहने लगा कि मेरी बेटी और मुझे कोई गोली मार दे मेरा तो अब सब कुछ उजड़ गया है। और मेरे इन मकानों पर भी बुल्डोजर चलवा दो।
गांव में दुखद घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन ने गांव में गलियों की साफ सफाई के लिए कई सफाईकर्मी एवं अंबेहटाचांद से भगवानपुर गांव को जाड़ने वाले मार्ग किनारे पड़ी खाद की कुड़ियों को जेसीबी मशीन लगाकर पूरी तरह से साफ करावाया। शनिवार की सुबह से ही जनता इन्टर कालेज अंबेहटाचांद के क्रीड़ा प्रांगण लोक निर्माण विभाग कर्मी सेना के चौपर को उतारने के लिए हैलीपैड़ की व्यवस्था कराने में व्यस्त दिखाई पड़े ।