Janmashtami in Lucknow: लखनऊ के इन मंदिरों में होता है भव्य जन्माष्टमी समारोह, दृश्य रहते हैं बेहद मनभावक

Janmashtami in Lucknow: अगर बात करें लखनऊ की तो लखनऊ के कुछ मंदिरों में जन्माष्टमी के उपलक्ष में विस्तृत झाँकी (तबलोक) लगाई जाती है और मध्यरात्रि में श्री कृष्ण के जन्म का जश्न मनाने के लिए भव्य समारोह आयोजित किए जाते हैं।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2022-08-19 00:43 IST

lucknow temple (Image credit: social media)

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Janmashtami in Lucknow: शुक्रवार 19 अगस्त को जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा। सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कृष्ण जन्मोत्सव जन्माष्टमी को बेहद धूम -धाम के साथ मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में घरों और मंदिरों में जन्माष्टमी बेहद हर्षोल्लास और उल्लास के साथ मनाई जाती है। अगर बात करें लखनऊ की तो लखनऊ के कुछ मंदिरों में जन्माष्टमी के उपलक्ष में विस्तृत झाँकी (तबलोक) लगाई जाती है और मध्यरात्रि में श्री कृष्ण के जन्म का जश्न मनाने के लिए भव्य समारोह आयोजित किए जाते हैं।

तो आइये लखनऊ के वे कुछ चुनिंदा मंदिर स्थल जहाँ जन्माष्टमी और शहर में नंदोत्सव समारोह की छटा बस देखते ही बनती है :


राम कृष्ण मठ और मिशन, निराला नगरी (RAM KRISHNA MATH & MISSION, NIRALA NAGAR)

निराला नगर में राम कृष्ण मठ शाम की आरती के बाद श्रीकृष्ण के जन्म पर एक विशेष पूजा प्रवचन करता है। इस वर्ष समारोह 2 सितंबर से शुरू होगा। बच्चे कृष्ण के जीवन के विभिन्न चरणों को उत्सव के हिस्से के रूप में प्रस्तुत करते हैं।

स्थान: निराला नगर, लखनऊ


इस्कॉन मंदिर, शहीद पथ (ISKCON TEMPLE, SHAHEED PATH)

यहां जन्माष्टमी का उत्सव भव्य होता है। 3 सितंबर को दोपहर 12 बजे से 12 बजे तक राधा कृष्ण का महा अभिषेक होगा. शाम 6.30 बजे से 12.30 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा, जिसमें स्कूली बच्चे गीत व नृत्य की प्रस्तुति देंगे।

स्थान: सेक्टर एफ, सुशांत गोल्फ सिटी, सुल्तानपुर रोड, शहीद पथ, लखनऊ


पुलिस लाइन मंदिर (POLICE LINES MANDIR)

जन्माष्टमी के अवसर पर यहां स्थापित विशाल झाँकी को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है। मंदिर को फूलों की सजावट और विस्तृत रंगोली से सजाया गया है। जन्माष्टमी (इस साल 2 सितंबर) से एक दिन पहले झाँकी जनता के लिए खुलती है, और तीन दिनों के लिए 4 सितंबर तक चलती है।

स्थान: रिजर्व पुलिस लाइन, लखनऊ विश्वविद्यालय के पास, लखनऊ


द्वारकाधीश मंदिर, चौक (DWARKADHISH TEMPLE, CHOWK)

यह मंदिर 100 साल से भी ज्यादा पुराना बताया जाता है। जन्माष्टमी समारोह यहां 3 सितंबर को सुबह 10 बजे ठाकुर जी के पंचामृत स्नान के साथ शुरू होता है, उसके बाद उनका श्रृंगार और रात में दर्शन होता है। मध्यरात्रि 12 बजे कृष्ण का जन्म मनाया जाता है, उसके बाद 4 सितंबर को नंदोत्सव मनाया जाता है। नंदोत्सव के दिन दोपहर 12 बजे राज भोग होता है।

स्थान: खुन खुन जी बिल्डिंग के पास, चौक, लखनऊ


श्री नाथ जी की हवेली, सुभाष मार्ग (SHRI NATH JI KI HAVELI, SUBHASH MARG)

इस मंदिर में जन्माष्टमी उत्सव दो दिनों तक चलता है। 3 सितंबर को सुबह 5.30 बजे ठाकुरजी का पंचामृत स्नान है. शाम 6 बजे से पालने में श्री नाथ जी के दर्शन होते हैं. राज भोग शाम 7 बजे होता है, और श्री नाथ का जन्म रात 11.30 बजे मनाया जाता है। इसके बाद अगले दिन नंदोत्सव होता है, सुबह 11 बजे से बधाईयां - भक्तों द्वारा बहुत सारे रास, आनंद और उल्हास के साथ जश्न के गीत गाए जाते हैं!

स्थान: 223, सुभाष मार्ग, याहियागंज, लखनऊ


बिहारी जी का मंदिर, राजा बाजार (BIHARI JI KA MANDIR, RAJA BAZAR)

इस मंदिर में जन्माष्टमी उत्सव भी दो दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत 3 सितंबर को सुबह 6 बजे ठाकुरजी के पंचामृत स्नान से होती है। कृष्ण का जन्म रात 11.30 बजे मनाया जाता है, उसके बाद परंपरा के अनुसार 4 सितंबर को नंद महोत्सव मनाया जाता है। जन्माष्टमी से एक दिन पहले फूलों की सजावट शुरू हो जाती है। जन्माष्टमी के दिन प्रसाद का वितरण किया जाएगा और ठाकुरजी के जन्म के समय मखाने और दही को हवा में फेंक दिया जाता है।

स्थान: राजा बाजार, चौक, लखनऊ

तो अगर आप भी लखनऊ या उसके आस -पास के स्थान में रहते हैं तो जन्माष्टमी उत्सव पर इन मदिरों में आकर कान्हा का आर्शीवाद जरूर लें। और यहाँ की खूबसूरती और मनोरम दृश्य देखने का सौभाग्य पाए।


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