Jaunpur News: पुलिस अधीक्षक राजकरन ने शासन को लिखा पत्र, की ये बड़ी मांग

Jaunpur News : पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर द्वारा शासन में लम्बी छुट्टी एवं फिल्ड की पोस्टिंग से हटाने का पत्र भेजा गया।

Update:2021-06-12 17:50 IST

 पुलिस अधीक्षक राजकरन ने शासन को लिखा पत्र

Jaunpur News : जनपद में एक तरफ जिला पंचायत अध्यक्ष (District Panchayat President) का चुनाव इस माह के अंत अथवा जुलाई के प्रथम सप्ताह में आसन्न है। ऐसे में जनपद के पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर (Superintendent of Police Rajkaran Nayyar) द्वारा शासन में लम्बी छुट्टी एवं फिल्ड की पोस्टिंग से हटाने का पत्र भेजा गया। इन दिनों जनपद में जहां चर्चाएं खास बनी हुई है वहीं पर सत्तारूढ दल भी सवालों के कटघरे में खड़ा नजर आ रहा है। हालांकि विपक्ष के राजनैतिक इस मुद्दे को पकड़ कर सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहें है।

यहां बता दें कि पंचायत चुनाव प्रक्रिया के तहत अब जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लाक प्रमुख पदों के लिए चुनाव की तैयारियां चल रही है। जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर सत्ताधारी दल ऐन केन प्रकारेण कब्जा करने की फिराक में लगी हुई है। वहीं विपक्ष भी सदस्य संख्या के बल पर काबिज होने के लिए बेकरार है। बीते 25 मई 21 को भाजपा के एक नेता एवं वार्ड नंबर 18 से जिला पंचायत सदस्य सुबेदार सिंह जो कथित भाजपा प्रत्याशी के समर्थक बताये जाते है का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि दूसरा 30 देगा तो हम 40 देंगे,वह 40 देगा तो हम 50 देंगे। इसके बाद बात नहीं बनी तो कप्तान साहब गांजा मंगा लिए हैं। 10-10 किग्रा गांजा लगाकर एनडीपीएस एक्ट में जेल भेजवा कर रासुका लगवा दिया जायेगा।

वीडियो की खबर सोशल मीडिया सहित अखबारों में खूब सुर्खियों में रही हालांकि बयान देने वाले के खिलाफ पुलिस की कोई कार्रवाई तो नहीं हुई। उसी के बाद जनपद के पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर ने शासन में एक उच्च अधिकारी पत्र भेज कर फिल्ड की पोस्टिंग से हटाकर साइड में एक साथ लम्बी छुट्टी की मांग की है। शासन को दिये पत्र में एसपी राजकरन नय्यर ने कारण पारिवारिक एवं निजी वजह बताई है। लेकिन यह बात आम जन को गले के नीचे नहीं जा रही है। चर्चा है कि पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर सदस्यों को भाजपा के पक्ष में जबरिया मतदान कराने के दबाव के कारण पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर को मजबूर होकर शासन को पत्र लिखना पड़ा है।

जिला पंचायत भवन 

यहां यह भी बता दें कि जौनपुर जनपद जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव हेतु कुल 83 सदस्य है जिसमें 42 सदस्य सपा विचारधारा वाले है और भाजपा के महज 10 सदस्य जीते है अपना दल के 06 तो बसपा के 10 एवं उलेमा कौन्सिल के 02 तथा एक आप का सदस्य चुनाव जीते है शेष निर्दल सदस्य चुनाव जीते है ऐसे में यहां पर भाजपा को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन होने का एक तरीका सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग माना जा रहा है। ऐसे ही दबावो के चलते एसपी को इस तरह का निर्णय लेने को सायद मजबूर कर दिया है।

इस बिषय पर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष लालबहादुर यादव से बात करने पर उन्होंन कहा कि सरकार के पास सदस्य नहीं है वह पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के सहारे जिला पंचायत सदस्यों का डरा धमका कर तथा फर्जी मुकदमें में फंसा कर जबरिया वोट लेना चाह रही है।गलत काम के लिए सत्तारूढ दल द्वारा दिये जा रहे दबाव के कारण पुलिस अधीक्षक जौनपुर पद से हटना चाह रहें होंगे। आयोग को इसे संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करना चाहिए।

सूत्र की माने तो प्रदेश में शासन को जिले से हटने के लिए पत्र देने वाले पुलिस अधीक्षक में केवल अकेले नहीं प्रदेश के जनपद प्रतापगढ़ वाराणसी देहात आदि कई जनपदों के कप्तान शामिल है जो सत्ता के गलत दबावों को नहीं करना चाहते है।जो भी हो पुलिस अधीक्षक के द्वारा शासन को भेजे गये पत्र ने प्रदेश की सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। क्या सरकार सरकारी मशीनरी की बदौलत जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा के लोगों को जबरिया आशीन कराना चाहती है। 

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