जौनपुर: PU में दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर उनके जीवन दर्शन पर हुईं चर्चा

अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रो. मानस पांडे ने बताया कि पंडितजी का एकात्म मानव दर्शन आज भी प्रासंगिक है। पंडितजी का राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक चिंतन अतुलनीय है।

Update:2021-02-11 18:45 IST
जौनपुर: PU में दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर उनके जीवन दर्शन पर हुईं चर्चा

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के शोध पीठ में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि मनायी गयी। विश्वविद्यालय परिवार द्वारा उनको श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। इस अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की मूर्ति पर प्रो मानस पांडे, प्रो देवराज, प्रो राजेश शर्मा, डॉ आशुतोष कुमार सिंह, डॉ श्याम कन्हैया, शोध छात्र राकेश उपाध्याय, नितिन चौहान, वर्षा शुक्ला, चन्द्र अग्रवाल, नेहा विश्वकर्मा एवं सभी छात्र छात्राओं ने पुष्प अर्पित कर पंडित जी को श्रद्धांजलि अर्पित किया।

पंडितजी का एकात्म मानव दर्शन आज भी प्रासंगिक

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रो. मानस पांडे ने बताया कि पंडितजी का एकात्म मानव दर्शन आज भी प्रासंगिक है। पंडितजी का राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक चिंतन अतुलनीय है। भारतीय राजनीति एवं सामाजिक चिंतन के पुरोधा पंडित दीनदयाल उपाध्याय को याद करते हुए डॉ.आशुतोष कुमार सिंह ने उन्हें भारतीय राजनीति को दिशा देने में उनके महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालते हुए अनेकों विचार व्यक्त किये।

 

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शिक्षा एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया

प्रो. राजेश शर्मा ने उनके विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि नैतिकता के सिद्धांत किसी व्यक्ति द्वारा बनाये नहीं जाते है बल्कि खोजे जाते है। डॉ. श्याम कन्हैया ने कहा कि शिक्षा एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जो आगे चलकर समाज के उद्धार में सहायक है। प्रो. देवराज ने कहा कि शिक्षा हर व्यक्ति का अधिकार है जब तक समाज में हर व्यक्ति शिक्षित नहीं हो जाता तब तक पूर्ण रूप से समाज आजाद नहीं हो सकता।

रिपोर्ट- कपिल देव मौर्य

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