अस्पतालों की दुर्दशाः सीढ़ियों पर तड़प रहा मरीज, तो कहीं खुले में फेंकी कोविड डेड बॉडी
जौनपुर के ट्रामा सेन्टर की सीढ़ियों पर मरीज तड़प रहा है और उसके उपचार की कोई व्यवस्था नहीं हो रही है।;
मरीज और शव
जौनपुर: कोरोना महामारी का भय अब इस कदर आम जनमानस में घर कर गया है। लेकिन आज यहां जनपद के थाना महराजगंज स्थित ग्राम गद्दोपुर में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा कोरोना संक्रमित एक महिला मरीज की मौत के बाद लाश गांव के बगीचे में छोड़ कर भाग जाना स्वास्थ्य विभाग की इस संक्रमण काल की आपदा के समय बड़ी एवं घोर लापरवाही का संकेत करती है। हालांकि विभाग के शीर्ष अधिकारी इस मुद्दे पर कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं। लेकिन शोसल मीडिया पर वायरल घटना की फोटो विभाग की लापरवाही को स्पष्ट बयां कर रही है।
यहां बता दें कि जनपद के पश्चिमांचल में स्थित विकास खण्ड एवं थाना महराजगंज के क्षेत्र स्थित ग्राम गद्दोपुर की निवासिनी महिला दो दिन पहले कोरोना से संक्रमित होने के पश्चात उपचार के लिए कोविड अस्पताल गयी। जहां आज उसकी मौत हो गयी। मौत होने के पश्चात उसकी लाश को उसके घर पहुंचाने के लिए सरकारी एम्बुलेंस से भेज गया। स्वास्थ्य कर्मी लाश ले जाकर गांव के पास एक बगीचे में फेंक कर वहां से भाग लिए। कुछ समय बीतने के बाद ग्रामीण जनों को पीपी किट में लिपटी लाश दिखी तो महिला के परिजनों को सूचित किया।
लाश को देख भयभीत हुए ग्रामीण
गांव एवं परिवार के लोग इतने भयभीत थे कि लाश के करीब जाने का साहस नहीं कर सके, इसके बाद ग्रामीणों ने प्रशासन के लोगों को लाश की सूचना दिया। एसडीएम एवं सीओ बदलापुर बाद दोपहर गांव में पहुंचे और जेसीबी मशीन से वही बगीचे में गड्ढा खोदवा कर लाश को दफन करवा दिया। यहां स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही यह है कि जब अस्पताल से लाश को गांव पहुंचा सकते थे तो उसके परिजनों को सुपुर्द क्यों नहीं किया।
इस घटना के बाबत स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों से लापरवाही के बाबत बात करने पर अधिकारी इधर उधर की बात करके घटना के विषय में चर्चा करने से परहेज कर लिया। हां इतना जरूर कहा कि इस समय स्वास्थ्य विभाग के उपर काम का बड़ा दबाव है। कहीं कुछ लापरवाही भी संभव है।
ट्रामा सेंटर में सीढ़ियों पर तड़प रहे है मरीज
वही दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के बड़ी लापरवाही का एक वायरल वीडियो के जरिए सामने आयी है। मरीज तड़प रहें हैं और उनके उपचार की कोई व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग नहीं कर रहा। जी हां मामला जनपद के जौनपुर वाराणसी मार्ग पर स्थित ट्रामा सेन्टर का है। यहां की स्थिति यह है कि ट्रामा सेन्टर की सीढ़ियों पर मरीज तड़प रहा है और उसके उपचार की कोई व्यवस्था नहीं हो रही है। न तो उसे भर्ती किया गया है नहीं आक्सीजन आदि लगा कर उसके जीवन को बचाने का प्रयास किसी भी स्तर से किया गया है। इतना ही नहीं ट्रामा सेन्टर के प्रभारी एवं चिकित्सक भी नदारद बताये गये है।इस तरह जो स्थिति इस ट्रामा सेन्टर की है उससे यह कहने में संकोच नहीं है कि यहां मरीजों के प्रति घोर उदासीनता बरती जा रही है।
ट्रामा सेन्टर जौनपुर
ऑक्सीजन से वंचित मरीज
खबर है कि यहां पर ऑक्सीजन रहते हुए भी मरीज ऑक्सीजन की सुविधा से वंचित क्यों है? इसके लिए जिम्मेदार कौन है? यह एक बड़ा सवाल खड़ा होता है। यहां के एक कर्मचारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर जानकारी दिया है कि यहां ट्रामा सेन्टर पर तकनीशियन नहीं है इसलिए यहाँ के मरीजों को आक्सीजन रहते हुए भी आक्सीजन की सुविधा नहीं मिल रही है। डाक्टर की अनुपस्थिति के बिषय में कहा कि वह कुछ ही समय के लिए अस्पताल में आते है। तकनीशियन के बाबत लिखा पढ़ी किया गया लेकिन उच्चाधिकारी के स्तर से कोई व्यवस्था नहीं किया जा सका है। इसलिए कोरोना मरीजों के उपचार में थोड़ी समस्या है।