Jaunpur: आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जबरदस्त धरना-प्रदर्शन

Jaunpur: कलेक्ट्रेट में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन पत्र जिला प्रशासन को देने के बाद आन्दोलनकारी अम्बेडकर चौराहा स्थित अम्बेडकर की मूर्ति के पास गये और प्रदर्शन को खत्म किया।

Report :  Kapil Dev Maurya
Update:2024-08-21 17:53 IST

जौनपुर में आरक्षण को लेकर जबरदस्त धरना-प्रदर्शन (न्यूजट्रैक)

Jaunpur News: सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की बेंच द्वारा दविन्दर सिंह बनाम पंजाब सरकार की एक याचिका के फैसले में विगत 01 अगस्त 24 को दिए गए फैसले में अनुसूचित जाति अनुसूचित जन जाति एवं ओबीसी को भारत के संविधान में दिए गये आरक्षण में उपवर्गीकरण करके राज्य सरकार अपने तरीके से क्रीमीलेयर लागू कर आरक्षण की व्यवस्था को ध्वस्त किये जाने के विरोध में पूर्व घोषणा के तहत आज (21 अगस्त) को बसपा और भीम आर्मी के साथ सपा के नेताओ के नेतृत्व में भारत बन्द के तहत जौनपुर की सड़क से कलेक्ट्रेट परिसर तक जलूस धरना-प्रदर्शन करते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया, इस प्रदर्शन में बसपा ने खासा बढ़चढ़कर अपनी भागीदारी निभाई हजारो की तादाद में बसपाई सड़क पर उतर कर अपने शक्ति का प्रदर्शन किया।

इस आन्दोलन के दौरान पुलिस प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों के पसीने छूटते नजर आए कलेक्ट्रेट परिसर में जलूस पहुंचने पर स्थिति पूरी तरह असमान्य हो गयी थी लगभग 25 से 30 हजार की संख्या में बसपाई नीला झन्डा लिए सरकार विरोधी नारा लगा रहे थे। पुलिस के अधिकारी एवं थानेदार गण भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे थे लेकिन कार्यकर्त्ताओ के जोश के सामने सभी सुरक्षा बल बेबस नजर आ रहे थे।

कलेक्ट्रेट में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन पत्र जिला प्रशासन को देने के बाद आन्दोलनकारी अम्बेडकर चौराहा स्थित अम्बेडकर की मूर्ति के पास गये और वहीं पर सभा आदि कर अपने प्रदर्शन को खत्म किया। इस कार्यक्रम में बसपा ने अपना शक्ति प्रदर्शन करके लोगो को अहसास करा दिया कि अभी भी दलित मायावती के नेतृत्व के साथ है। इस अवसर पर वक्ताआें ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 एवं 342 का घोर उलंघन होगा और वर्गीकरण से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जातियों में अलग अलग व्यवहार के अधिकार का उल्लंघन होगा। 01 अगस्त 24 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद केन्द्र और प्रदेश की सरकारो में मतभेद है। अभी तक किसी भी जाति को अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जन जाति में लेने अथवा बाहर करने का अधिकार केवल संसद को था जिसका क्रियान्वयन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता था।

अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार अपने वोट बैंक के लिए मनचाहे लोगो को अनुचित लाभ दिया जा सकेगा। वक्ताओ ने महामहिम राष्ट्रपति से पुरजोर आग्रह किया कि इस फैसले से ऐसी तमाम समस्यायें उत्पन्न होगी जिससे समाज टूट जायेगा। एससी एसटी का जहां आरक्षण खत्म हो जायेगा वहीं अब इस फैसले से एससी एसटी और ओबीसी खासा मायूस और आक्रोशित भी है। एससी-एसटी और ओबीसी की भावनाओ को दृष्टिगत रखते हुए राष्ट्रपति से अपील है कि सुप्रीम कोर्ट के 01 अगस्त 24 के आदेश को निष्प्रभावी करने के लिए केन्द्र सरकार को आदेश दिया जाये ताकि संविधान में किसी तरह का संशोधन न किया जाये। इस अवसर पर सपा बसपा के जिलाध्यक्ष क्रमशः राकेश मौर्य, आरिफ हबीब और संग्राम भारती के साथ बसपा के मंडल कोआर्डिनेटर अमरेन्द्र बहादुर, रामचन्द्र गौतम, वीरेन्द्र चौहान, दिनेश टण्डन, प्रभावती पाल,ओम प्रकाश आदि नेतृत्व कर रहे थे।

बसपा के जिलाध्यक्ष संग्राम भारती ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि सत्ता के दबाव में प्रशासन और पुलिस के लोग आन्दोलन में आ रहे कार्यकर्त्ताओ को बजरिए गुण्डई रोकने का काम किए बसपा के कार्यकर्त्ताओ की बसे रोक दी गई इसके बाद भी 25 से 30 हजार की तादाद में कार्यकर्त्ता मुख्यालय पर पहुंच गए धरना-प्रदर्शन में भागीदार बने।

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