Jaunpur News: मुझे घूस में ज्यादा हिस्सा चाहिए, चपरासी के वायरल पत्र से हड़कंप, प्रशासन बोला फर्जी है

Jaunpur News: इस पत्र के वायरल होने के बाद डीएम ने मामले की जांच करने के लिए एसडीएम शाहगंज को आदेशित किया। इस मामले की नायब तहसीलदार लपरी व तहसीलदार शाहगंज के द्वारा संयुक्त जाँच करायी गयी।

Report :  Kapil Dev Maurya
Update:2024-09-07 10:11 IST

Viral Letter ( Photo- Newstrack )

Jaunpur News: सोशल मीडिया में वायरल हो रही एक चिट्ठी ने जिला प्रशासन में हड़कम्प मचा दिया है। डीएम ने इस चिट्ठी की जांच एसडीएम से करायी तो प्रथम दृष्टया मामला भ्रामक पाया गया। इस मामले की गहन जांच के लिए जिलाधिकारी के आदेश पर एडीएम वित्त शुक्रवार को शाहगंज गये वह भी एसडीएम की रिपोर्ट पर मुहर लगा दिए। हालांकि डीएम ने जिले के सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोई भी अधिकारी किसी प्राइवेट व्यक्ति से कार्य न कराये न ही किसी को अनावश्यक रूप से कार्यालय में घुसने दे।

बता दे विगत गुरुवार की शाम से सोशल मीडिया में डीएम को सम्बोधित एक शिकायती पत्र तेजी से वायरल हुआ। पत्र लिखने वाले राजाराम यादव नामक व्यक्ति ने शिकायती पत्र में लिखा है कि वह नायब तहसीलदार लपरी का प्राइवेट चपरासी है, उनके घूस का पैसा हम ही अधिवक्ताओं व जनता से वसूलते हैं, मेरे नीचे अविनाश यादव व अजीत यादव है हम लोग लगातार झगड़ा कर मारपीट कर घूस का पैसा वसूलते हैं। हम प्राइवेट चपरासी को प्रतिदिन 1000 रूपये मिलता है, मुझे 500 रूपये ही नायब तहसीलदार देते हैं, मेरा पैसा बढ़ाया जाए।

इस पत्र के वायरल होने के बाद डीएम ने मामले की जांच करने के लिए एसडीएम शाहगंज को आदेशित किया। इस मामले की नायब तहसीलदार लपरी व तहसीलदार शाहगंज के द्वारा संयुक्त जाँच करायी गयी। जॉच में राजाराम यादव अथवा किसी अन्य नाम का कोई भी प्राइवेट कर्मचारी तहसील शाहगंज में कार्यरत नहीं पाया गया। शिकायतकर्ता राजाराम यादव का मोबाइल नम्बर, पिता का नाम व पता पता अंकित नहीं है। प्रथम दृष्टया शिकायत मिथ्या एवं भ्रामक है। इस आशय की रिपोर्ट डीएम को भेज दी गई।

जिलाधिकारी ने रविन्द्र कुमार माँदड़ से वार्ता करने पर उन्होंने बताया कि इस मामले की एसडीएम से जांच कराई गई जिसमें राजाराम नाम का कोई प्राइवेट कर्मचारी नहीं हैं, फ़िलहाल पूरे मामले की जांच के लिए एडीएम को शाहगंज भेजा गया था उनकी रिपोर्ट का इंतजार है। डीएम ने सभी विभागों के अधिकारियों को आदेश भी दिया है कि कोई भी अधिकारी प्राइवेट कर्मचारी से काम न ले न ही किसी व्यक्ति को अनधिकृत रूप से दफ्तर में घुसने दें। औचक जांच होगी अगर किसी अधिकारी के यहां प्राइवेट कर्मी मिला तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

वायरल पत्र की जांच कर वापस लौटे एडीएम वित्त राम अक्षयबर चौहान से बात करने पर उन्होंने बताया कि तहसील परिसर में कोई निजी कर्मचारी काम नहीं करता। जबकि अधिवक्ताओं का कहना था कि बगैर निजी कर्मचारी के कोई काम नहीं होता। 30 से 40 निजी कर्मचारी काम करते हैं। वायरल पत्र फर्जी है। हालांकि शाहगंज तहसील के अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र यादव का बयान है कि तहसील परिसर स्थित सभी कार्यालय में निजी कर्मचारी लगे हुए हैं और तहसील में राजाराम यादव नाम का प्राइवेट कर्मचारी भी मौजूद हैं।

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