Jhansi News: मेडिकल कॉलेज के डॉ दिनेश का कारनामा, खुद करते मारपीट, जानवरों के डॉक्टर पिता करते इंसानों का इलाज

Jhansi News: मेडिकल कॉलेज के सरकारी डॉक्टर हैं लेकिन अपने पिता के नाम की आड़ में एक प्राइवेट अस्पताल चलाता है और पिता भी इतने कमाल के हैं ।

Report :  B.K Kushwaha
Update:2023-01-12 13:10 IST

Jhansi doctor of Medical College  (photo: social media )

Jhansi News: डॉक्टरों को लोग धरती का भगवान कहते हैं। लेकिन झांसी मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर के वेश में छुपे एक दबंग गुंडे का कारनामा देखने को मिला। वह मासूम लोगों को अपने लठौतों से पिटवाता है। कहने को तो ये मेडिकल कॉलेज के सरकारी डॉक्टर हैं। डॉक्टर पर आरोप है कि अपने पिता के नाम की आड़ में एक प्राइवेट अस्पताल चलाता है। पिता भी इतने कमाल के हैं जो खुद जिंदगी भर जानवरों का इलाज करते रहे वह आज इंसानों के इलाज का दावा करते हैं।

मेडिकल कॉलेज के इन साहब का नाम है डॉक्टर दिनेश राजपूत। झांसी के सरोज हॉस्पिटल में लोगों के इलाज करने का ढोंग करते हैं। लोगों के दिमाग का इलाज करने का दावा करने वाले यह डॉक्टर साहब खुद कितने बद दिमाग हैं इसका सबूत झाँसी के थानों में दर्ज हुई FIR दे रहीं हैं। झांसी का महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज जिसे शॉर्ट फॉर्म में मलबा कहा जाता है, उसका सबसे बड़ा मलबा दिनेश राजपूत है। इन डॉक्टर साहब के खिलाफ हमीरपुर जिले के रहने वाले दयाशंकर राजपूत ने 22 दिसंबर को डॉक्टर दिनेश राजपू, सुरेंद्र बुंदेला, सरोज अस्पताल के मैनेजर सहित 10- 15 अज्ञात लोगों पर मारपीट करने के मामले 147, 323, 342, 504 की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।

मंगलवार को पीड़ित दयाशंकर राजपूत ने अपने शिकायती पत्र में एसएसपी से कहा कि डॉक्टर दिनेश राजपूत और उनकी पत्नी डॉ सुचिता राजपूत द्वारा उनके सगे संबंधियों को फोन करके मुकदमा वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा है। ये एसके सिंह, जो एसआर इंजीनियरिंग कॉलेज में सब रजिस्टार हैं। इनके साथ सरोज हॉस्पिटल के गुंडों ने मारपीट की थी ।

डॉक्टर साहब के हौसले बुलंद

अब सवाल यह है कि डॉक्टर साहब के हौसले इतने बुलंद कैसे होते जा रहे हैं। हौसले आखिर बुलंद हो भी क्यों ना जिस आदमी के ऊपर अपने ही साथ काम करने वाली सहयोगी की हत्या का आरोप हो लेकिन पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई हो तो हौसले बुलंद होना तो लाजमी है। आपको बता दें की डॉक्टर दिनेश राजपूत पर 26 अगस्त 2022 की शाम 8 बजे 302 की FIR दर्ज हो गई थी। लेकिन आज तक नवाबाद पुलिस इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं कर पाई है। अब सवाल यह उठता है कि नवाबाद पुलिस की इन पर कौन सी ऐसी विशेष कृपा है कि आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

झांसी की नवाबाद पुलिस जो रोजाना ट्रांसफर से तेल चुराने वालों, जेब कतरों को तो गिरफ्तार कर लेती है। लेकिन इन बड़े लोगों को आज तक क्यों गिरफ्तार करने की हिम्मत क्यों नही जुटा पा रही है। शायद इनको यह नहीं पता कि झांसी के पुलिस कप्तान राजेश एस हैं जिनके आते ही के बड़े से बड़े माफिया डर के मारे या तो सरेंडर कर गए नहीं तो उनके सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। सोचने वाली बात तो यह भी है कि एक तरफ जहां मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर नरेंद्र सिंह सेंगर अपने मेडिकल कॉलेज में दलालों को खोजते रहते हैं और उन्हें ठोकने का सुझाव देते रहते हैं। वह अपने मेडिकल कॉलेज के सबसे बड़े दलाल रूपी डॉक्टर दिनेश राजपूत पर कोई अंकुश क्यों नहीं लगा पा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के मरीजों को ले जाकर अपने प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने के लिए मजबूर करते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि नवाबाद पुलिस की कुंभकरण की नींद कब टूटती है। मरीजों की जान के दलाल डॉक्टर दिनेश राजपूत को सलाखों के पीछे भेजा जाता है।

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