Jhansi News: महिला बंदी ने दिया बेटी को जन्म, गुस्से में पति को दे दी थी ऐसी भयानक सजा

Jhansi News: महिला ने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि वह अपने बेटी को जेल में नहीं रहने देना चाहती। महिला की मांग है कि बेटी को जेल से बाहर भेजकर पालन-पोषण कराया जाए।

Report :  B.K Kushwaha
Update:2022-12-11 18:35 IST

prisoner jhansi  (Social Media)

Jhansi News: जेल में अपने पति की हत्या में बंद एक महिला ने बेटी को जन्म दिया है। जेल में बेटी के जन्म के बाद महिला और नवजात को महिला जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जेल नियम के मुताबिक, नवजात बच्ची को भी मां के साथ सलाखों के पीछे फिलहाल वक्त काटना होगा लेकिन महिला ने खुद को भी बेकसूर बताते हुए कहा कि वह अपने बेटी को जेल में नहीं रहने देना चाहती। महिला की मांग है कि बेटी को जेल से बाहर भेजकर पालन-पोषण कराया जाए।

पूंछ थाना क्षेत्र के ग्राम बावई निवासी पुष्पेंद्र अहिरवार परिवार समेत रहता था। पांच साल पहले पुष्पेंद्र की शादी जालौन के ग्राम मरगाय निवासी रमाकांति से हुई थी। पुष्पेंद्र शराब पीने का आदी था। वह इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। इसी बात को लेकर पति-पत्नी में अक्सर झगड़ा होता रहता था. 20 अप्रैल की रात पुष्पेंद्र शराब पीकर घऱ आया था। इसी बात को लेकर पति-पत्नी में झगड़ा हो गया था। झगड़ा इतना बढ़ गया था कि पत्नी ने कमरे की कुंडी अंदर से बंद करके पुष्पेंद्र पर लाठी से ताबड़तोड़ हमला कर दिया था जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया था। वहीं, पूंछ थाने की पुलिस ने 21 अप्रैल को रमाकांति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तभी से वह जेल में निरुद्ध है।

पुष्पेंद्र बीएड की पढ़ाई कर रहा था, जबकि रमाकांति बीए पास है। पुष्पेंद्र के पिता मैनपुरी में सरकारी अध्यापक के पर तैनात है। मां रामकली की सात साल पहले मौत हो चुकी थी। पुष्पेंद्र की तीन बहनें भी हैं जो शादीशुदा है। दोनों भाई और उनकी पत्नी गांव में रहते थे।

वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल का कहना है कि रमाकांति 21 अप्रैल से जेल में बंद है। जब वह जेल में आई थी, तो प्रेग्नेंट थी। शनिवार को उसको महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उसने एक बेटी को जन्म दिया है। अब जच्चा-बच्चा ठीक है। रमाकांति की बड़ी बेटी चार साल की है। उनका कहना है कि जब उक्त महिला जेल पहुंची तो वह बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती थी, लेकिन जेल में महिलाओं ने समझाया तो वह राजी हो गई थी।

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