झांसी में मदिरा के शौकीन, 8 महीने में पी गए 2 अरब से ज्यादा की शराब
झाँसी मंडल के मदिरा प्रेमी मयखाने में जाम छलकाने में अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक दो अरब 16 करोड़ 64 लाख 61 हजार 861 रुपये फूंक दिए। चाहे भले ही इनमें चंद ऐसे भी शौकीन हैं, जिनके घर में एक जून का चूल्हा भी जल पाना मुश्किल है, कर्ज से दबे हैं, हाड़तोड़ मेहनत करने के बाद खुद की गाढ़ी कमाई सस्ती शराब देसी पीने में 36 करोड़ 29 लाख 42 हजार 95 रुपये उड़ा दिए।
झाँसी: 'मुझे पीने का शौक नहीं,पीता हूं गम भुलाने को...' कुली फिल्म के इस गाने की तर्ज पर झाँसी मंडल के मदिरा प्रेमी मयखाने में जाम छलकाने में अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक दो अरब 16 करोड़ 64 लाख 61 हजार 861 रुपये फूंक दिए। चाहे भले ही इनमें चंद ऐसे भी शौकीन हैं, जिनके घर में एक जून का चूल्हा भी जल पाना मुश्किल है, कर्ज से दबे हैं... इन्हें मजदूर वर्ग भी कह सकते हैं, जो हाड़तोड़ मेहनत करने के बाद खुद की गाढ़ी कमाई सस्ती शराब देसी पीने में 36 करोड़ 29 लाख 42 हजार 95 रुपये उड़ा दिए।
वहीं, मध्यम से उच्चवर्ग के लोग भी इसमें पीछे नहीं, इन्होंने महंगी ब्रांडेड शराब पीने की शौक में 1 अरब 33 करोड़ 98 लाख 84 हजार 350 रुपये खर्च कर दिए। हां, इतना था कि हजार रुपये से ऊफर के दाम वाले ब्रांडेड अंग्रेजी शराब मिली, लेकिन इससे कम रेट में प्रचलित मैक्डावल्ड नंबर वन, ग्रीन लेवल जैसी अन्य ब्रांड की शराब लोगों का सालभर नहीं मिलीं। कुछ ही ब्रांड के प्रेमी मजबूरी में कम रेट वाली शराबों को ही हलक के नीचे उतारे।
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इतनी हैं शराब दुकानें
झाँसी मंडल में 912 शराब दुकानें हैं। इसमें 574 देसी, 190 विदेशी और 148 बीयर की दुकानें हैं। इसमें झाँसी में 269 देसी, 84 विदेशी, 71 बियर, ललितपुर में 89 देसी, 41 विदेशी, 28 बियर व जालौन में 216 देसी, 65 विदेशी व 49 बियर की दुकानें हैं यानी कमाई के साथ दुकानों की संख्या में भी झाँसी आगे है।
लोकल में बनी अंग्रेजी शराब ही बिकी
लोकल माने तो प्रदेश में ही मैन्यूफैक्चरिंग वाली शराब कंपनियों के ब्रांड ही शराब दुकानों में स्टॉक किए गए थे, जहां सिर्फ मनमाने तरीके से लोगों को थमाने का सिलसिला उसे समय से लेकर आज तक जारी है। इसमें नकली ब्रांड भी जमकर चले। कहीं में मदिरा प्रेमी पीने के बाद भी नशे के लिए तरसे, तो किसी ने मिलावटी ब्रांड पीकर आबकारी को कोसते भी रहे, लेकिन क्या करें, तलब तो मिटानी थी। बहरहाल आबकारी विभाग के अफसरों के तर्क भी निराले, जिस ब्रांड की सप्लाई थी। उसे ही बेचना प्लेसमेंट कर्मचारियों की मजबूरी थी।
हलक से उतर रही हर 58 लाख 84 हजार की शराब
अभी तक हुए विभागीय आंकड़ों के मुताबिक जनवरी माह 2021 में झाँसीवासी 18 करोड़ 24 लाख 19 हजार 110 रुपये की शराब पी है। इस प्रकार 58 लाख 84 हजार 487 रुपये की शराब हर दिन लोग अपने हलक के नीचे उतार रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा शराब पीने में झाँसी के मदिरा प्रेमी अव्वल हैं। दूसरे नंबर पर ललितपुर और तीसरे नंबर पर जालौन जिला है। बताते हैं कि बीते दस माह अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक 36 करोड़ 29 लाख 42 हजार देसी, 1 अरब 33 करोड़ 98 लाख 84 हजार 350 रुपये की विदेशी व 46 करोड़ 36 लाख 35 हजार 416 रुपये की बियर पी गई है।
यह रही है जिलाबार बिक्री (अप्रैल 2020 से जनवरी 2021)
झाँसी में 14 करोड़ 40 लाख चार हजार 120 रुपये की देसी, 62 करोड़ 27 लाख 83 हजार 350 रुपये की विदेशी, 25 करोड़ एक लाख 96 हजार 940 रुपये की बियर, ललितपुर में एक अरब 20 करोड़ 11 लाख 22 हजार 305 रुपये की देसी, 2 करोड़ 30 लाख 25 हजार 950 रुपये की विदेशी, 9 करोड़ 17 लाख 53 हजार 356 रुपये की बियर व जालौन में 14 करोड़ 60 लाख 61 हजार 110 रुपये की देसी, 48 करोड़ 70 लाख 75 हजार 750 रुपये की विदेशी व 34 करोड़ 96 लाख 85 हजार 120 रुपये की बियर पी गई है।
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जनवरी में इतने रुपयों की पी गई शराब
झाँसी में 18 करोड़ 24 लाख 19 हजार 110 रुपये की देसी, 8 करोड़ 44 लाख 60 हजार छह सौ रुपये की विदेशी, 1 करोड़ 52 लाख 22 हजार 116 रुपये की बियर, जालौन में 12 करोड़ 65 लाख 63 हजार 205 रुपये की देसी, 7 करोड़ 20 लाख 82 हजार पांच सौ रुपये की विदेशी, 80 लाख 87 हजार 941 रुपये की बियर व ललितपुर में 13 करोड़ 36 लाख 69 हजार 975 रुपये की देसी, 2 करोड़ 75 लाख 93 हजार 300 रुपये की विदेशी व 46 लाख 17 हजार 912 रुपये की बियर का सेवन किया गया।
रिपोर्ट: बीके कुशवाहा