अचानक गोली चलने की आवाज से उड़ी नींद, मंजर देख सहम गए लोग
चिरगांव थाना क्षेत्र के ग्राम पहाड़ी बुजुर्ग में बहादुर सिंह परिवार समेत रहता था। बहादुर सिंह के परिवार को कसबावासी अच्छे परिवार की श्रेणी में मानते हैं।
झांसी: एक किसान ने कनपटी में खुद गोली मारी, या मारी गई है?। मौके पर तमंचा मिला है। इसमें एक कारतूस फंसा है जबकि एक खोखा कमरे में पड़ा मिला है। ऊपर से नीचे तक खून के दाग पड़े मिले हैं। सूचना पर गई पुलिस ने खोखा व तमंचा को बरामद कर लिया है। पुलिस ने उक्त मामले में जांच शुरु कर दी है।
रात 1 बजे अचानक आई गोली चलने की आवाज़
चिरगांव थाना क्षेत्र के ग्राम पहाड़ी बुजुर्ग में बहादुर सिंह (57) परिवार समेत रहता था। बहादुर सिंह के परिवार को कसबावासी अच्छे परिवार की श्रेणी में मानते हैं। रात एक बजे बहादुर सिंह के कमरे में गोली चलने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनते ही घर के सदस्य इकट्ठा हो गए। तत्काल उसे ऊपर वाले कमरे से सीढ़ियों से नीचे लाया गया। परिजन तत्काल उसे मेडिकल कालेज ले गए।
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हालांकि इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी गई थी। कुछ देर बाद बहादुर सिंह की मौत हो गई। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस के आला अफसर मौके पर पहुंचे। वहीं, चिरगांव थाने की पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कमरे में एक खोखा कारतूस मिला है। इसके अलावा तमंचा मिला। तमंचे में एक कारतूस भी फंसा था। कमरे में खून के छीटें दिखाई दे रहे थे।
हत्या या आत्महत्या, पुलिस कर रही जांच
बाद में पुलिस ने मेडिकल कालेज में आकर बहादुर सिंह के शव को देखा। बहादुर के कनपटी में गोली मारने का निशान था। इस घटना को पुलिस ने संदिग्ध माना। उधर, परिजनों का कहना है कि बहादुर सिंह की पत्नी रेखा देवी काफी दिनों से बीमार चल रही थी। इसी बीमारी के चलते उसने गोली मारकर आत्महत्या की है। इसके अलावा बहादुर सिंह खुद मानसिक रुप से परेशान था।
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सूत्रों का कहना है कि अगर बहादुर सिंह ने गोली मारकर आत्महत्या की तो तमंचे में कारतूस कैसे फंसा रह गया। इसके अलावा कमरे से लेकर नीचे तक खून के दाग मिले हैं। इस प्रकार घटना को पुलिस पूरी तरह से संदिग्ध मान रही है। इस मामले में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। पुलिस ने जांच शुरु कर दी है।
जिले में सामने आये आत्महत्या के कुछ अन्य मामले
वहीं जिले के एक अन्य मामले में सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के ग्राम भोंजला में हरदास (36) परिवार समेत रहता था। लॉकडाउन के पहले वह इंदौर से मजदूरी करके घर लौट रहा था। लॉकडाउन लगने के बाद उसे मजदूरी मिलना बंद हो गई थी। इससे वह काफी दुखी रहता था। इसी दुखी से परेशान होकर वह कमरे में गया और फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पुलिस को दई गई। पुलिस ने मृतक के परिजनों से पूछताछ की। परिजनों ने बताया कि हरदास की पत्नी कुछ दिनों पहले मायके चली गई थी। इसके बाद वह वापस घर नहीं लौटी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। वहीं राजस्थान के केशव पुरुआ निवासी प्रेम सिंह बस चालक था।
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बीती रात बस लेकर मोंठ के पास से गुजर रहा था, तभी उसने वरुण ढाबे के पास बस खड़ी कर दी और आराम करने चला गया। कुछ देर बाद दूसरे चालक ने प्रेम सिंह को जगाया तो उसे उल्टी आना शुरु हो गए। तत्काल उसे मेडिकल कालेज लाया गया। यहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। निवाड़ी के जेरोन के ग्राम मुड़ेनी निवासी मूलचंद्र ने चूहा मार दवा का सेवन कर लिया जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। उपचार के लिए उसे मेडिकल कालेज लाया गया। यहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।
रिपोर्ट- बी.के.कुशवाहा