Jhansi: ABVP ने खोला मोर्चा, कहा- BU में चल रही नियुक्ति में हुई अनियमितता
Jhansi News: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में चल रही नियुक्ति प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई है। पत्रकार वार्ता करके एबीवीपी ने आरोप लगाया है कि नियुक्ति में अनियमितता हुई है।
Jhansi News: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में चल रही नियुक्ति प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई है। नियुक्ति ने पहले ही गरौठा विधायक की चिट्ठी में जिन पांच लोगों की नियुक्ति तय होने का उल्लेख किया गया था, उनमें से चार की नियुक्ति होने के बाद अब कुलपति के खिलाफ एबीवीपी ने मोर्चा खोल दिया है। पत्रकार वार्ता करके एबीवीपी ने आरोप लगाया है कि नियुक्ति में अनियमितता हुई है।
अपने चहेतों को चयनित करने का आरोप
एबीवीपी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में छात्र नेता सूयश शुक्ला, हर्ष शर्मा, हर्ष जैन, हर्ष कुशवाहा ने विश्वविद्यालय में चल रही शिक्षक भर्ती में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की जा रही अनियमितताओं का उल्लेख किया है। भर्ती प्रक्रिया स्थगित कर निष्पक्ष जांच कर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में शिक्षकों के लगभग 175 पदों पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। आरोप लगाया कि कई योग्य उम्मीदवारों की उपेक्षा करते हुए अपने चहेतों को चयनित किया जा रहा है। चयन प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायत गरौठा विधायक ने भी मुख्यमंत्री से की है। अब तक घोषित परिणामों में कई ऐसे नाम हैं, जिनका चयन परिणाम की घोषणा से पूर्व ही तय थे। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने नाम भी सार्वजनिक किए कि किन विभागों में चहेतों की नियुक्ति हुई है। साथ ही अब किन विभागों में किन लोगों की नियुक्ति होनी है। बीयू प्रशासन की इस अनियमितता के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कल 7 मार्च से अनिश्चित कालीन धरना देगा।
17 फरवरी को विधायक ने लिखी थी चिट्ठी, उन पांच में चार की हुई नियुक्ति
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की नियुक्ति प्रक्रिया ने बीयू प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है। दरअसल, गरौठा विधायक जवाहर राजपूत ने 17 फरवरी को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिख दी थी कि बीयू में चल रही शिक्षकों की नियुक्ति में मनमानी चल रही है। उन्होंने पांच शिक्षकों के नाम भी पत्र में लिखे थे, जिनकी नियुक्ति होने की बात कही गई थी। विधायक ने जो नाम बताए थे, उनमें से चार की नियुक्ति भी हो गई। विधायक की चिट्ठी लिखे जाने के एक सप्ताह बाद कार्य परिषद की बैठक में खुले लिफाफे में इन चारों की नियुक्ति हुई है। जिस एक व्यक्ति की एसोसिएट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति नहीं हुई है, उसके विभाग के इंटरव्यू की तारीख अभी तय नहीं हुई है। विधायक ने बीच नियुक्ति प्रक्रिया में एपीआई स्कोर जारी करने के फॉर्मेट पर भी सवाल उठाए हैं। कहा है कि कुछ लोगों के एपीआई स्कोर में गड़बड़ी की है। विधायक ने मुख्यमंत्री से नियुक्ति प्रक्रिया की जांच कराने की मांग की है।