Jhansi News: भारी पड़ सकते हैं एससी वर्ग के प्रत्याशी, वर्तमान जिलाध्यक्षों को मिल पाया सिर्फ एक वर्ष का कार्यकाल, सिर्फ चार नाम दौड़ में, जल्द होगा फैसला

Jhansi News: भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक चुनावों में सबसे प्रतिष्ठित समझे जाने वाले जिलाध्यक्ष पद का निर्णय अंतिम दौर में है। रविवार को लखनऊ में प्रदेश नेतृत्व की बैठक हुई।;

Report :  Gaurav kushwaha
Update:2025-01-14 11:18 IST

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Jhansi News: भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक चुनावों में सबसे प्रतिष्ठित समझे जाने वाले जिलाध्यक्ष पद का निर्णय अंतिम दौर में है। रविवार को लखनऊ में प्रदेश नेतृत्व की बैठक हुई। सूत्र बताते हैं कि जिलाध्यक्ष महानगर और ग्रामीण के अनेक दावेदारों में से फिलहाल चार-चार नामों में से एक नाम पर अंतिम मुहर लगाई जा सकती है। इस पर गहन मंथन चल रहा है। महानगर और ग्रामीण जिलाध्यक्ष पद के कद्दावर प्रत्याशियों के बीच एससी वर्ग की दावेदारी फिलहाल सभी के गणित बिगाड़ती

दिखाई दे रही है। बताया जा रहा है कि महानगर हो या ग्रामीण इनमें से एक जिलाध्यक्ष पद अनुसूचित जाति के प्रत्याशी के खाते में जा सकता है। सूत्रों के अनुसार जिलाध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसमें महानगर जिलाध्यक्ष पद के लिए सुधीर सिंह, हेमंत परिहार और मुकेश मिश्रा का नाम चर्चा में है। सुधीर सिंह की बात की जाए तो वह वर्तमान में क्षेत्रीय उपाध्यक्ष हैं। पार्टी के कार्यकर्ताओं और संगठन में उनकी अच्छी पैठ है, साथ ही स्थानीय भाजपा नेताओं में वह सबसे लोकप्रिय भी हैं। वह विगत तीन बार से जिलाध्यक्ष पद की दावेदारी भी करते

आ रहे हैं। वहीं मुकेश मिश्रा पूर्व में जिलाध्यक्ष रहे हैं। वह विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं। इसके अलावा निवर्तमान जिलाध्यक्ष हेमंत परिहार के मनोनयन को एक ही वर्ष हुआ है, जबकि जिलाध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। ऐसे में एक बार फिर से उनकी दावेदारी उनकी स्थिति को मजबूत बना रही है। इसके अलावा पूर्व महापौर किरन वर्मा राजू बुकसेलर का नाम भी इसलिए चर्चा में आ गया है। इसकी वजह है कि वह अनुसूचित जाति की इकलौती महिला प्रत्याशी हैं। साथ ही 2023 में हुए महापौर चुनाव में वह भाजपा से सशक्त दावेदार भी थीं, लेकिन प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें बाद में अच्छा पद देने का वादा करके महापौर का टिकट बिहारी लाल आर्य को दे दिया था। ऐसे में किरन वर्मा को पार्टी का सम्मान रखते हुए चुप बैठना पड़ा। जिलाध्यक्ष महानगर के चारों नामों की चर्चा है लेकिन अंतिम समय में प्रदेश नेतृत्व कोई भी निर्णय लेकर चौंका सकता है। अब यदि जिलाध्यक्ष ग्रामीण की बात की जाए तो यहां भी काफी अनुभवी और कद्दावर नेताओं के नामों की चर्चा है। वर्तमान जिलाध्यक्ष अशोक गिरी का नाम सबसे ऊपर लिया जा रहा है। उनका भी मनोनयन एक वर्ष पूर्व जिलाध्यक्ष पद पर हुआ था। इसके साथ शिवेंद्र प्रताप सिंह शैली का नाम भी चर्चाओं में है। शिवेंद्र युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे हैं। पिछली बार वह जिलाध्यक्ष पद के दावेदार भी थे। इनमें एक नाम अरुण सिंह का भी है वह तीन बार जिला महामंत्री रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में शुमार होते हैं। विगत तीन बार से वह भी जिलाध्यक्ष पद के दावेदार रहे हैं। इसके अलावा निवर्तमान जिला उपाध्यक्ष उदय लुहारी का नाम भी लिस्ट में सबसे ऊपर माना जा रहा है। इसकी वजह है कि वह राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से सीधा ताल्लुक रखते हैं। इसके अलावा अनुसूचित वर्ग से डॉ. रमेश श्रीवास की दावेदारी सभी के गणित बिगाड़ सकती है।

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