Jhansi News: एसएसई लोको को लेकर रेल कर्मचारियों में ठनी, योग्यता वालों को दरकिनार करने का आरोप

Jhansi News: एसी लोको शेड में एसएसई लोको को लेकर शेड के कर्मचारियों में मतभेद शुरु हो गए हैं। शेड के अधिकांश रेल कर्मचारी योग्यता वाले एसएसई को पसंद कर रहे हैं जबकि पांच प्रतिशत लोग जिसका रिकॉर्ड सही नहीं है, उसको पसंद कर रहे हैं। इस मामले को रेलवे के वरिष्ठ अफसरों के संज्ञान में लाया गया है।

Update:2023-05-18 22:40 IST
झाँसी में अवैध निर्माण हटाने गए लेखपाल की पिटाई- (Photo- Social Media)

Jhansi News: एसी लोको शेड में एसएसई लोको को लेकर शेड के कर्मचारियों में मतभेद शुरु हो गए हैं। शेड के अधिकांश रेल कर्मचारी योग्यता वाले एसएसई को पसंद कर रहे हैं जबकि पांच प्रतिशत लोग जिसका रिकॉर्ड सही नहीं है, उसको पसंद कर रहे हैं। इस मामले को रेलवे के वरिष्ठ अफसरों के संज्ञान में लाया गया है। सूत्रों का कहना है कि जिसका रिकॉर्ड सही नहीं है, उसको पसंद करने वाले रेल कर्मचारी अब अफसरों की रडार पर आ गए हैं। रेलवे अफसरों ने इन रेल कर्मचारियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गोपनीय टीम गठित की हैं।

एसएसई लोको के पद पर आसीन होने के लिए सरगर्मी

वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्थित डीजल शेड में एसएसई लोको के पद पर आसीन होने के लिए बवाल शुरु हो गया है। बताते हैं कि वर्तमान एसएसई लोको 31 मई 2023 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनकी जगह एसएसई लोको नियुक्त किया जाना है। वर्तमान में मैकेनिकल विंग से एसएसई लोको बनाया जाता था, लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि अब डीजल लोको शेड में इलेक्ट्रिकल का कार्य मैकेनिकल से अधिक हो गया है, इसलिए इलेक्ट्रिकल विंग का एसएसई (लोको) बनाया जाना चाहिए। उधर, शेड के अधिकांश रेलकर्मचारियों ने वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता (डी) को भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि एसएसई लोको हेतु पूर्व के भांति यांत्रिक वरीयता के आधार पर अपनाई गई नीतियों के अनुसार होना चाहिए।

शिकायती पत्र के अनुसार वर्तमान में उज्जवल कुमार इसके लिए उपयुक्त हैं, जिनके आधार पर स्टैंड वाई के रुप में जनवरी माह से एसएसई लोको के कार्य के लिए नामित हैं, क्योंकि इस पद हेतु वे सभी योग्यता रखते हैं। लेकिन उनके खिलाफ बिना किसी हस्ताक्षर के मुख्यालय पर शिकायत की गई है। शिकायती पत्र में कहा है कि उज्जवल महत्वपूर्ण अऩुभाग के अनुभाग के प्रभारी रह चुके हैं। जैसे कि एअर ब्रेक, एलएसआर (यांत्रिक), एचएसआर एवं व वर्तमान में भारी मरम्मत अनुभाग में सिर्फ अकेले अनुभाग प्रभारी के रुप में कार्य करते अपने सेक्शन से संबंधित दायित्व की अच्छी तरह से निभा रहे हैं। इस दौरान इनके ऊपर किसी भी प्रकार की शिकायतें या चार्जशीट नहीं है।

ऐसे कर्मचारी को बनाने चाहते हैं एसएसई लोको

पत्र में कहा है कि कुछ रेल कर्मचारी ऐसे कर्मचारी को एसएसई लोको बनाने चाहते हैं जिनके खिलाफ कई आरोप लग चुके हैं। आरोप है कि वह व्यक्ति या लोग स्वयं अधिकांश समय शराब के नशे में रहते हैं। वह स्टॉफ से शराब की बोतलें लेकर स्टॉफ को प्रजेन्ट भिजवाते हैं। पूरे एलएसआर (टीएंडसी) को शराब का अड्डा बना रखा है। जब माहौल ज्यादा खराब हुआ तो एडीएमई (डी) के द्वारा इनका ब्रेथ एनलायजर कराया जाना था, परंतु किसी प्रकार उसे पता चला गया तो झूठा गिरकर कीचड़ लगाकर उसे दुर्घटना का बहाना बनाकर वह उस दिन शेड में नहीं आया, यदि इसका ड्यूटी ऑवर में एक्सीडेंट हुआ था इसका कहीं एंट्री नहीं कराई गई, न ही रेलवे अस्पताल में सूचित किया गया। इस क्रम में सीआई डीटीसी झांसी के द्वारा जांच कराई गई थी।

1974 से बना हुआ है एसएसई लोको का पद

बताते हैं कि जबसे डीजल लोको शेड बना हुआ है। तब से लेकर अब तक एसएसई लोको (मैकेनिकल) के पद से सुसज्जित है। डीजल /मैकेनिकल की वरीयता के आधार पर वरिष्ठ अभियंता यांत्रिक को ही डीजल लोको शेड में फोरमैन बनाया जाता है।

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