Jhansi News: डीएम ने जारी की एडवाइजरी, गोवंश में लम्पी स्किन डिजीज रोकने के लिए मिशन मोड में करें काम

Jhansi News: जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि भारत के विभिन्न राज्यों में विशेषकर उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती राज्यो यथा राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश आदि में गोवंशीय एवं महिष वंशीय पशुओं में लम्पी बीमारी के लक्षण पाये जाने के दृष्टिगत जनपद में सतर्कता बरते जाने की आसन्न आवश्यकता है।

Update: 2023-08-31 14:05 GMT
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार (Pic: Newstrack)

Jhansi News: जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने प्रदेश में गोवंशीय एवं महिष वंशीय पशुओं में विषाणु जनित लम्पी बीमार (Lumpy Skin Disease LSD) के संक्रमण के निवारण के संबंध में विभागीय अधिकारियों को सतर्क करते हुए एडवाइजरी जारी की। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि भारत के विभिन्न राज्यों में विशेषकर उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती राज्यो यथा राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश आदि में गोवंशीय एवं महिष वंशीय पशुओं में लम्पी बीमारी के लक्षण पाये जाने के दृष्टिगत जनपद में सतर्कता बरते जाने की आसन्न आवश्यकता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के रास्ते में पड़ने वाले समस्त बार्डर चेक पोस्टों पर निगरानी सक्रिय किये जाने के साथ-साथ उक्त राज्यो से किसी गोवंशीय एवं महिष वंशीय पशु का जनपद में प्रवेश रोकने की सलाह दी।

अब नहीं लगेगा पशुओं का कोई भी हॉटमेला

अतिरिक्त जनपद के गोवंश / महिष वंश पशुओं के अन्य जनपदों के परिवहन पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगाए जाने, विशेषकर पश्चिम से पूर्व की ओर जा रहे पशुओ को हाइवे चेक पोस्ट/पुलो आदि पर निगरानी करते हुए पूर्णतः जनपद में आने से रोका जाये। जनपद में अग्रिम आदेशों तक गोवंशीय एवं महिष वंशीय पशुओ का कोई भी हॉटमेला इत्यादि के आयोजन को रोके जाने के निर्देश दिए।

यह एक विषाणुजनित रोग

जिलाधिकारी ने जनपद में गोवंश में लम्पी स्किन डिज़ीज़ (LSD) की मिशन मोड में रोकथाम के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी करते हुए बताया कि प्रदेश के पूर्वांचल, मध्यांचल एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र से कतिपय जनपदों में गोवंशों में Lumpy Skin Disease (LSD) के संक्रमण की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। यह एक विषाणुजनित रोग है। इसका प्रसार प्रभावित पशुओं से वेक्टर आदि के माध्यम से अन्य पशुओं में होता है। LSD संक्रमण के प्रसार को रोकने तथा उपचार हेतु पशुधन विभाग द्वारा विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये गये हैं।

बीमारी से निपटने के लिए बनाई जाए कार्ययोजना

उन्होंने कहा कि इस संक्रामक रोग के जनपद में प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। लम्पी स्किन डिज़ीज़ के संक्रमण को नियंत्रित करने, निवारक उपाय करने, उपचार एवं टीकाकरण तथा प्रशिक्षण एवं जन-जागरूकता हेतु निम्न प्रस्तरों के अनुसार कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित किया जाए। लम्पी स्किन डिज़ीज़ संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने एवं संक्रमित गोवंश के उपचार हेतु विगत वर्षों के अनुभवों के आधार पर समुचित तैयारी के साथ युद्ध स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। जनपद स्तर पर टीमें गठित करते हुए टीम में राजस्व, ग्राम विकास, पंचायतीराज, नगर विकास, पशुपालन एवं अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों को सम्मिलित करते हुये संक्रमित गोवंशों का डाटा समय से कलेक्शन कर लिया जाय। जिलाधिकारी ने गठित अन्तर्विभागीय समिति में मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को संयोजक नामित करते हुए जिला स्तर पर समिति की बैठक कर बीमारी से निपटने हेतु सुस्पष्ट कार्ययोजना बनाए जाने के निर्देश दिए।

5 से 12 सितंबर तक चलेगा विशेष अभियान

जिलाधिकारी ने कहा कि सर्विलांस का कार्य सघन रूप से किया जाय तथा 03 सितम्बर 2023 तक डाटा कलेक्शन कर लिया जाय एवं 04 सितम्बर 2023 को [email protected] पर अनिवार्यतः सूचनायें प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि संकलित सूचनाओं के आधार पर लम्पी स्किन डिज़ीज़ संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने हेतु 05 से 12 सितम्बर 2023 तक विशेष अभियान चलाया जाय।

गोटपॉक्स वैक्सीन का वैक्सीनेशन कराया जाए

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र, पशुपालन विभाग, उ0प्र0 द्वारा वैक्सीनेशन प्लान बनाया गया है रोग के संक्रमण एवं संवेदनशीलता के दृष्टिगत वर्तमान में पूर्वांचल, मध्यांचल एवं बुन्देलखण्ड के जिलों को प्राथमिकता दी जायेगी। लम्पी स्किन डिज़ीज़ हेतु वर्तमान में गोटपॉक्स वैक्सीन का वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। जनपद में इसके स्टोरेज की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाय। आर०वी०आर०आई०, बरेली तथा हिसार संस्थान द्वारा निर्मित लम्पी प्रो Lumpy Pro Vac वैक्सीन के उत्साहवर्धक परिणाम मिले हैं। अतः आर०वी०आर०आई०, बरेली तथा हिसार संस्थान से समन्वय कर Lumpy Pro Vac वैक्सीन शीघ्रातिशीघ्र प्राप्त कर ली जाय। उन्होंने कहा इस रोग से बचाव एवं उपचार तथा टीकाकरण की कार्यवाही का सघन पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण करना अति महत्वपूर्ण है, ताकि रोग पर नियंत्रण किया जा सके।

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