Jhansi News: आपरेशन बीच में छोड़कर डोसा खाने चला गया डॉक्टर, दो घंटे बाद लौटा
Jhansi News: मरीज का आरोप है कि अचानक डॉक्टर कहने लगे की उन्हें भूख लगी है और वह डोसा खाने जा रहे हैं। बाकी का ऑपरेशन लौटकर करेंगे। मेरा हाथ खुला हुआ ही छोड़कर चले गए। वह इसी हालत में ऑपरेशन थिएटर में पड़ी रही।
Jhansi News: मरीज के ऑपरेशन के दौरान पेट में तौलिया, औजार भूल से छूट जाने के समाचार तो आपने खूब सुने होंगे। लेकिन, झांसी में जो घटना सामने आई है। उसमे मरीज का आरोप है की ऑपरेशन करते वक्त अचानक डॉक्टर को भूख लग आई और डॉक्टर मरीज का हाथ खुला छोड़कर डोसा खाने चला गया। लगभग 2 घंटे बाद डॉक्टर जब डोसा खाकर लौटे तब उसका बाकी का ऑपरेशन किया गया। मरीज ने कहा है की डॉक्टर की इसी लापरवाही के कारण उसकी उंगलियां टेड़ी ही गई। बात करने पर डॉक्टर ने मिलने से इंकार कर दिया। बाद में उसको अपना इलाज गुड़गांव मेदांता अस्पताल में करवाना पड़ा। पुलिस और सीएमओ से शिकायत करने पर भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। अब वह मुख्यमंत्री से गुहार लगाने की बात कर रही है।
झांसी के नवाबाद थाना क्षेत्र की राजपूत कॉलोनी निवासी काजल शर्मा ने बताया की घर में गिर जाने के कारण उनके हाथ में चोट आ गई थी। जिस कारण वह हड्डी विशेषज्ञ डॉक्टर डीके गुप्ता को उनके अस्पताल में दिखाने गई थी। डॉक्टर ने 22 दिसंबर को उनका ऑपरेशन करने की बात कही। लेकिन, जब उनको ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया तब पता चला की ऑपरेशन डॉक्टर डीके नहीं बल्कि उनका बेटा डॉक्टर गौरव गुप्ता कर रहे है। पूछने पर बताया गया की ऑपरेशन डॉक्टर साहब नहीं बल्कि उनके बेटा ही करता है। उनके हाथ को ऑपरेशन के लिए सुन्न किया गया। ऑपरेशन शुरू हुआ और उनके हाथ में कट लगा दिए गए।
"आधा ऑपरेशन छोड़ डॉक्टर डोसा खाने चला गया"
पीड़ित ने आरोप लगाते हुए कहा की डॉक्टर द्वारा सिर्फ उनके हाथ को सुन्न किया गया था और उनको सब कुछ सुनाई-दिखाई और समझ आ रहा था। उसने बताया की अचानक डॉक्टर कहने लगा की उन्हें भूख लगी है और वह डोसा खाने जा रहे हैं। बाकी का ऑपरेशन लौटकर करेंगे। मेरा हाथ खुला हुआ ही छोड़कर चले गए। वह इसी हालत में ऑपरेशन थिएटर में पड़ी रही। लगभग डेढ़ से दो घंटे के बाद डॉक्टर डोसा खाकर वापस लौटे और जल्दबाजी में बाकी ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन से पहले डॉक्टर डीके गुप्ता ने हाथ बिलकुल सही होने की गारंटी ली थी। लेकिन, ऑपरेशन के बाद भी उनका हाथ सही नही हुआ। उंगलियां भी टेड़ी हो गई। डॉक्टर को जब दिखाने गए तो देखने से मना कर दिया और बदतमीजी भी की गई। भविष्य को देखते हुए उन्होंने इलाज के झांसी के अन्य अस्पतालों और ग्वालियर में भी दिखाया, लेकिन सभी ने इलाज करने से मना कर दिया। तीन माह इधर उधर भटकने के बाद फिर उन्होंने गुड़गांव के मेदांता में दिखाया। वहीं डॉक्टर ने उनका ऑपरेशन किया। जिससे उन्हें अब काफी आराम है।
SSP-CMO के बाद अब मुख्यमंत्री से मदद की उम्मीद
पीड़ित काजल शर्मा ने बताया की मेदांता से लौटने के बाद जब वह कुछ सही हुई तो उन्होंने सबसे पहले चौकी, फिर थाना नवाबाद और तब भी कुछ कार्यवाही नहीं हुई तो एसएसपी से शिकायत की। एसएसपी के कहने पर वह झांसी सीएमओ से शिकायत करने पहुंची। लेकिन, सीएमओ ऑफिस के बाहर बैठे कर्मचारियों ने कहा की साहब नहीं मिल सकते वह बहुत व्यस्त रहते हैं। शिकायत पत्र उनसे ले लिया। उम्मीद थी की कार्यवाही होगी। पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसलिए अब वह मुखमंत्री से उम्मीद लगाए बैठी हैं। शिकायत करने की बात कह रही है। आपको बता दे झांसी में चल रहे प्राइवेट अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है। आए दिन ऐसे मामले होते रहते हैं। लेकिन इन बेलगाम हो रहे डॉक्टरों पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अभी तक कोई कार्यवाही की गई।