Jhansi News: संरक्षित खेती की सुविधाओं का हुआ विस्तार, किसानों को मिलेगा लाभ

Jhansi News: कुलपति ने कहा कि बुंदेलखंड में सब्जियों की सरंक्षित खेती की अपार संभावनाये है, जिसे किसान अपनाकर अपनी आय में वृद्धि के साथ - साथ उपभोक्ताओ हेतु बेमौसमी सब्जियों की उपलब्धता सुनिश्चित कर सकते है।

Report :  B.K Kushwaha
Update:2024-04-12 21:06 IST

Jhansi News (Pic:Newstrack)

Jhansi News: संरक्षित खेती को बढ़ावा देने हेतु रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विवि, झाँसी द्वारा वृहद् स्तर पर प्रयास चल रहे हैं। इस तकनीक को अपनाकर किसान एवं उद्यमी गुणवत्तायुक्त, स्वास्थ्यपरक एवं विपरीत मौसम में अधिक से अधिक पैदावार लेकर उन्हें अच्छे दामों पर बेच कर अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं।

वर्तमान में पाॅलीहाऊस तकनीक की सुविधा

मुख्य रूप से पॉलीहाउस के अंदर नियंत्रित वातावरण में विभिन्न सब्जियों अथवा लघु अवधि के फसलों की खेती की जाती है। नियंत्रित वातावरण में अर्थात सब्जियों को ऐसे स्थान पर उगाना, जहाँ वातावरणीय कारकों जैसे अधिक गर्मी, ठण्ड, तेज धूप, असमय कम या अधिक वर्षा, तेज हवाएं, अतिवृष्टि इत्यदि के साथ-साथ इसकी सुरक्षा रोग-व्याधियों, कीड़े मकोडों से किया जा सके। इसके अलावा विवि प्रांगण में वर्तमान में पाॅलीहाऊस तकनीक की सुविधा है। विवि के पाॅलीहाऊस में शोध के प्रयोगों के साथ - साथ प्रदर्शनी हेतु मूल्यवान सब्जी फसलें लगाई गई हैं।

किसान अपनाकर अपनी आय में वृद्धि के साथ बेमौसमी सब्जियों भी उगा सकता हैं

इसमें उच्च स्तरीय तथा प्राकृतिक वायु संचलन तकनीक पर आधारित पॉलीहाऊस तकनीक की सुविधा उपलब्ध है। कुलपति प्रो. अशोक कुमार सिंह ने पॉलीहाऊस का निरीक्षण किया साथ ही उगाई जा रहीं विभिन्न सब्जियों को देखा। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में सब्जियों की सरंक्षित खेती की अपार संभावनाये है, जिसे किसान अपनाकर अपनी आय में वृधि के साथ - साथ उपभोक्ताओ हेतु बेमौसमी सब्जियों की उपलब्धता सुनिश्चित कर सकते है। पॉलीहाउस में उच्च तापमान व अन्य वातावर्णीय कारको को नियंत्रित करके विपरीत परिस्थितियों में शारदा मेलोन, शिमला मिर्च, टमाटर, चैरी टमाटर, बीज रहित खीरा आदि सब्जियों की खेती की जा रही है।

शारदा मेलोन किस्म पूसा शारदा एक विशिष्ट प्रकार का खरबूज है जिसकी उच्च भंडारण क्षमता (15 दिन) अधिक मिठास, अधिक कुरकुरा गूदा एवं पकने पर आकर्षित सुनहरा रंग होता है। टमाटर की असीमित बड़वार वाली किस्में, टमाटर की संकर किस्म को उगाया है जो उच्च तापमान पर भी टमाटर का उच्च उत्पादन किया जा रहा है सलाद हेतु प्रचलित चेरी टमाटर की किस्म पूसा चैरी टमाटर -1 भी इन सरंचनाओ में सरलतापूर्वक उगाई जा रही हैं।

सामान्य की अपेक्षा 5-10 गुना अधिक सब्जियों का उत्पादन हो सकेगा

इस तकनीक को अपनाकर बेमौसमी सब्जियों से अधिक लाभ, विभिन्न प्रकार के रोग व्याधियाँ एवं कीड़ों मकोड़ों तथा वातावरणीय कारकों से फसल का बचाव, वर्ष भर पैदावार, सामान्य की अपेक्षा 5-10 गुना अधिक सब्जियों का उत्पादन, रसायन विहीन साग-सब्जियाँ, लागत का सही प्रयोग एवं 30-70 प्रतिशत पानी एवं 40-60 प्रतिशत तक उर्वरकों की बचत जैसे कुछ सहज लाभ हैं जिसे किसान अपना सकते हैं। इच्छुक किसान कार्यदिवस के दौरान विवि आकर इस तकनीक की जानकारी ले सकते हैं।

यह लोग रहे मौजूद

इस दौरान निदेशक शोध डाॅ एसके चतुर्वेदी, अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी डॉ. एम.जे. डोबरियाल, अधिष्ठाता मत्स्यिकी, डॉ बी.के. बेहेरा, विभागाध्यक्ष डॉ गौरव शर्मा, सह प्राध्यापक डॉ. बृजबिहारी शर्मा, सहायक प्राध्यापक डॉ अर्जुन लाल ओला, डॉ सौरभ सिंह आदि उपस्थित रहे।

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