Jhansi News: किसानों द्वारा अपनाई जा रही है कृषि वानिकी

Jhansi News: इन वृक्षों के साथ अंतर फसल के रूप में किसान अपनी पारंपरिक फसले भी ले सकते हैं। विश्वविद्यालय ने इस हेतु किसानों की भूमि पर वृक्षों के गड्ढे बनवाने हेतु यंत्र भी उपलब्ध कराए हैं ।

Report :  Gaurav kushwaha
Update: 2024-08-06 09:06 GMT

किसानों द्वारा अपनाई जा रही है कृषि वानिकी   (photo: social media )

Jhansi News: रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी के कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह के निर्देशन व निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एसएस सिंह के मार्गदर्शन में ब्लॉक बड़ागांव, ग्राम रोनिजा में किसानों को कृषि वानिकी प्रणाली अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।

12 किसानों को प्रथम चरण में चयनित

अधिष्ठता उद्यानिकी एवं वानिकी डॉ. मनीष श्रीवास्तव ने इसके लिए वानिकी विभाग के वैज्ञानिकों को निर्देशित किया है। कृषि के साथ वानिकी के समावेश से जहां 12 किसानों को प्रथम चरण में चयनित को अतिरिक्त आमदनी का स्रोत प्राप्त होता है। वहीं दूसरी ओर भूमि सुधार और वातावरण को भी नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। कृषि वानिकी के वैज्ञानिक डॉ. प्रभात तिवारी ने रोनिजा ग्राम के 12 किसानों को प्रथम चरण में चयनित किया है। जिनकी भूमि पर औद्योगिक कृषिवानिकी के महत्त्वपूर्ण वृक्ष जैसे मीलिया और कदम्ब को रोपित किया गया है। इन वृक्षों की विशेषता यह है कि यह वृक्ष कम समय में लगभग 3 से 6 वर्षों में तैयार हो जाते हैं। इन वृक्षों की लकड़ियों से प्लाईवुड इत्यादि उद्योगों के लिए कच्चा माल उपलब्ध हो सकता है जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोत्तरी संभव है।


किसानों को उन्नत कृषि वानिकी के वृक्ष भी उपलब्ध कराए जा रहे

इन वृक्षों के साथ अंतर फसल के रूप में किसान अपनी पारंपरिक फसले भी ले सकते हैं। विश्वविद्यालय ने इस हेतु किसानों की भूमि पर वृक्षों के गड्ढे बनवाने हेतु यंत्र भी उपलब्ध कराए हैं । साथ ही किसानों को उन्नत कृषि वानिकी के वृक्ष भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वैज्ञानिक विधि द्वारा वृक्षों को कृषिवानिकी के माध्यम से लगाने हेतु मृदा के स्वास्थ्य की जांच भी वैज्ञानिकों द्वारा की जा रही है, जिससे कृषिवानिकी को बढ़ावा मिल सके । इस अभियान के तहत वैज्ञानिकों की टीम डॉ.एम पंण्डा, डॉ. पवन कुमार, डॉ. अनुसुइया तथा डॉ. गरिमा गुप्ता का निरंतर सहयोग है।



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