Jhansi News : चलती कार में गैंगरेप की घटना निकली फर्जी निकली, वादी-पीड़िता और पीड़िता की बुआ को लिया हिरासत में

Jhansi News : चलती कार में गैंगरेप की घटना फर्जी निकली है। इस मामले में पुलिस ने वादी, पीड़िता और पीड़िता की बुआ को हिरासत में ले लिया है। इस मामले में संकिल किए गए भौतिक, वैज्ञानिक/तकनीकी साक्ष्यों से निर्दोष जेल जाने से बच गए हैं।

Report :  Gaurav kushwaha
Update: 2024-08-22 16:31 GMT

Jhansi News : चलती कार में गैंगरेप की घटना फर्जी निकली है। इस मामले में पुलिस ने वादी, पीड़िता और पीड़िता की बुआ को हिरासत में ले लिया है। इस मामले में संकिल किए गए भौतिक, वैज्ञानिक/तकनीकी साक्ष्यों से निर्दोष जेल जाने से बच गए हैं।

इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस ने बताया कि प्रेमनगर थाना क्षेत्र में रहने वाले मनीष परिहार ने आरोप लगाया था कि 20 अगस्त 2024 को उसके मामा की लड़की सुबह छह बजे शौच के लिए काशीनगर के खेतों में गई थी। उसी समय गाँव के तीन व्यक्ति उसके मामा की लड़की को जबरदस्ती उठाकर ले गए, उसके साथ दुष्कर्म किया तथा करौंदी माता मंदिर के पास छोड़कर भाग गए थे। तहरीर के आधार पर प्रेमनगर पुलिस ने धारा 137(2)/70(2) बीएनएस व 5जी/6 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया था। एसएसपी ने बताया कि घटना को गंभीरता से लेते हुए अलग- अलग टीमों का गठन किया गया। पुलिस द्वारा इस मामले में पीड़िता तथा अभियुक्तगण की सीडीआर का विश्लेषण किया गया। घटना के सत्यता की जाँच हेतु पुलिस द्वारा घटना स्थल के आस-पास व झांसी शहर के अलग-अलग सीसीटीवी फुटेज को चेक किया गया।

चार पहिया सफेद वाहन नहीं दिखाई दिया

घटना स्थल के पास मौजूद प्रभुदयाल अहिरवार निवासी ग्राम डगरिया थाना प्रेमनगर जो वर्तमान में ग्राम प्रधान है के घर लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज चेक किया गया, जिसमें पीड़िता द्वारा बताए गए घटना के समय सुबह साढ़े पांच बजे से ग्यारह बजे तक कोई भी चार पहिया सफेद वाहन नहीं दिखायी दी।

पीड़िता ऑटो में बैठकर पहुंची जेल चौराहा

पीड़िता द्वारा सुबह लगभग सात बजे रिलाइंस पेट्रोल पंप के पास से ऑटो (UP93CT2625) चालक अब्दुल गफ्फार निवासी खैलार थाना बबीना जनपद झाँसी पर बैठकर 07.20 बजे जेल चौराहे पहुंची, जिसकी पुष्टि अब्दुल गफ्फार ने अपने बयानों में की है तथा इस संबंध में सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध है।

जेल चौराहा से चलकर पैदल पहुंची इलाइट चौराहा

पीडिता द्वारा सुबह 07.21 बजे जेल चौराहा स्थित दुबे भोजनालय के कर्मचारी बलवीर सिंह पाल के मोबाइल नंबर से अपने गांव के पड़ोसी दिलीप पटेरिया को अपने घर पर बात करने हेतु फोन लगाने का प्रयास किया गया, परंतु फोन नहीं लगा। साक्ष्य के रूप में बलवीर सिंह का कथन, सीसीटीवी फुटेज तथा मोबाइल का स्क्रीन शॉट उपलब्ध है। तत्पश्चात पीड़िता पैदल चलकर सुबह 07.31 बजे इलाइट चौराहा, 07.37 बजे जीवनशाह तथा 07.54 बजे किला होते हुए मिनर्वा चौराहा पहुँची तथा 08.22 बजे तक मिनर्वा चौराहा व उसके आस-पास घूमती रही, जिसकी पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से हो रही है।

किले पर आ जाओ, इंतजार कर रही हूं

तत्पश्चात पीड़िता पैदल चलकर छोटी काली मातामंदिर के पास खुशीपुरा पर मौजूद मंयक ठाकुर की दुकान पर पहुंची, जहां से उसने आर्टिफिशियल एक जोड़ी पायल व बिछिया खरीदी तथा मयंक ठाकुर के मोबाइल से अपने पुरुष मित्र जो उसके गांव का रहने वाला है, उससे कहा कि तुम मुझसे मिलने के लिए किले पर आ जाओ, मैं वहां तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ। उक्त तथ्यों की पुष्टि मयंक ठाकुर के कथन तथा वहां उपलब्ध सीसीटीवी फुटेज तथा पुरुष मित्र के कथन से हो रही है।

किले के मुख्य द्वार पर बेंच पर मित्र का करती रही इंतजार

तत्पश्चात पीड़िता पैदल चलकर मिनर्वा होते हुए किले के मुख्य द्वारा पर पहुंची तथा यहां 09.15 बजे से 09.41 बजे तक एक बेंच पर बैठी रही तथा अपने पुरुष मित्र का इंतजार करती रही। उक्त तथ्य की पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से हो रही है।

मित्र के न आने पर बुआ के घर हंसारी पहुंची

अपने पुरुष मित्र के न आने पर पीड़िता मिनर्वा चौराहे से ऑटो पर बैठकर 10.05 बजे जेल चौराहे आई तथा जेल चौराहे से 10.13 बजे ऑटो (UP93BT4388) चालक फूलसिंह वंशकार पर बैठकर हंसारी पहुंचकर अपनी बुआ के यहां पहुंची। उक्त तथ्य की पुष्टि चालक फूलसिंह के बयान, उपलब्ध सीसीटीवी फुटेज से हो रही है।

मित्र के साथ जाना चाहती थी, उसे लेने नहीं आए

बुआ फूलवती परिहार के यहां पहुँचने पर पीड़िता द्वारा शुरुआत में घर से अपने जाने तथा गायब रहने का कारण घर वालों को नहीं बताया गया। परंतु, परिवारीजन द्वारा बार-बार दबाव देने पर पीड़िता ने बताया कि वह अपने पुरुष मित्र पुरुष मित्र के साथ परिवार के साथ कहीं जाना चाह रही थी, परंतु पुरुष मित्र उसे लेने नहीं आया।

नामजद अभियुक्तों से पैसा वसूल करने के लिए लिखवाया गैंगरेप का मुकदमा

तब पीड़िता की बुआ फूलवती उपरोक्त, फूलवती के पुत्र (वादी मुकदमा, मनीष परिहार उपरोक्त) ने पीड़िता को समझाया कि यह सही अवसर है। हम लोग मिलकर तुम्हारे गांव के सोनू भार्गव तथा मनीष पाण्डेय से पैसे वसूल सकते हैं। तुम उनके खिलाफ गैंग रेप का मुकदमा लिखा दो। तब ये सभी एक राय होकर उक्त झूठा मुकदमा थाना प्रेमनगर पर पंजीकृत कराया।

विवेचना के दौरान कहानी पूर्णता झूठी पाई

विवेचना के दौरान उपलब्ध वैज्ञानिक व तकनीकी साक्ष्यों से वादी मुकदमा तथा पीड़िता द्वारा बताई गई कहानी पूर्णतः झूठी पाई गई। विवेचना में धारा उपरोक्त का लोप करके नामित अभियुक्तों की नामजदगी गलत करते हुए पीड़िता (बाल अपचारी), फूलवती (पीड़िता की बुआ), मनीष परिहार (पीड़िता की बुआ का लड़का/वादी मुकदमा) को हिरासत में लेकर कार्रवाई की जा रही है।

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