Jhansi News: मेडिकल कॉलेज अग्निकांड की पहली जांच रिपोर्ट खारिज, अफसरों में मचा हड़कंप, अब नपेंगे मलबा अफसर

Jhansi News: शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में आग लग गई थी जिससे दस मासूमों की मौत हो गई थी। इस घटना को शासन ने गंभीरता से लेते हुए जांच करने के आदेश दिए थे।

Report :  Gaurav kushwaha
Update:2024-11-20 07:56 IST

Jhansi fire tragedy  (photo: social media ) 

Jhansi News: मेडिकल कॉलेज अग्निकांड मामले की जांच रिपोर्ट शासन ने खारिज कर दी है। इसकी जानकारी लगते ही जांच करने वाले अफसरों में हड़कंप मच गया। इस कार्रवाई को लेकर जांच करने आई दूसरी टीम में हड़कंप मचा हुआ है।

मालूम हो कि शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में आग लग गई थी जिससे दस मासूमों की मौत हो गई थी। इस घटना को शासन ने गंभीरता से लेते हुए जांच करने के आदेश दिए थे। 24 घंटे के अंदर पहली जांच रिपोर्ट मांगी गई थी। बीते रोज मेडिकल कालेज अग्निकांड मामले की जांच रिपोर्ट प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में आग लगने के कारणों के बारे में बताया गया था। आग लगने के कारण स्विच बोर्ड से शार्ट सर्किट बताई गई थी। अग्निकांड का कारण इलेक्ट्रिकल दुर्घटना बताया गया। अग्निकांड को लेकर किसी भी साजिश से इंकार कर दिया गया था।

जांच टीम ने किया सीन रिक्रिएशन

मेडिकल कालेज अग्निकांड की जांच के लिए जांच समिति ने घटनास्थल को रीक्रिएट किया। चार सदस्यीय टीम ने घटनास्थल पर जाकर वार्ड के अंदर का सीन रिक्रिएशन किया और घटना के सबूत जुटाए। इसका उद्देश्य घटना की परत दर परत खोलना है। टीम ने हर बात की बारीकी से जांच की। इसके बाद वहां की कमियों को भी देखा था।

कइयों के दर्ज किए गए बयान

इसके बाद टीम घटना के कारणों का पता लगाने के लिए मेडिकल कालेज गेस्ट हाउस पहुंची और घटना के दिन मौके पर मौजूद डॉक्टर्स, जूनियर डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टॉफ से जानकारी लेकर बयान दर्ज किए।

कार्रवाई नहीं हुए तो संसद में उठाऊगां मामला

शासन की जांच टीम से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए भाजपा सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि झांसी के इतिहास में यह बहुत बड़ी दुर्घटना हुई है। पहली बार इस तरह की घटना झांसी में हुई है। हम सभी लोग अत्यंत दुखी हैं। मैं तो शासन की टीम से अभी मिलने आया था कि इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई हो। अगर प्रशासन के लोग किसी चीज को छिपाने की कोशिश करेंगे तो मैं अपनी जनता को आश्वासन देने आया हूं कि सत्र चालू होने वाला है। किसी भी हालत में किसी भी चीज पर पर्दा डालने का काम नहीं करने दूंगा। अगर अभी जिम्मेदारी तय नहीं हुई तो 25 तारीख से सत्र है। सत्र में मामला रख दिया जाएगा।

विभाग ने प्रतिबंधित एल्युमिनियम वायर की फिटिंग मिलने पर जताई थी अनहोनी की आशंका

मेडिकल कालेज में आग लगने के कारणों का पता लगाने लखनऊ की चार सदस्यीय टीम ने मंगलवार को जांच की। सामने आय़ा है कि विद्युत सुरक्षा विभाग में जून में ही मेडिकल कालेज को ऑडिट रिपोर्ट में अनहोनी की आशंका जताई थी। स्पष्ट कहा गया है कि प्रतिबंधित एल्युमिनियन तारों की फिटिंग हो रही है, जिससे हादसे की आशंका है। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया था कि कॉपर वायर का इंसुलेशन कई जगह पर कमजोर है। मेडिकल कालेज में लगे ट्रांसफार्मर से लेकर वॉर्ड, ओपीडी आदि स्थानों पर तारों पर बिछाया जाल मानक के अनुरुप नहीं है। सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा सी बी चौबे ने बताया कि मेडिकल कालेज के अंदर तमाम जगहों पर प्रतिबंधित एल्युमिनियन वायर की फिटिंग हो रही है, जो गलत है। इसके बावत जून में कालेज प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक किंजल सिंह ने विद्युत सुरक्षा विभाग द्वारा सौंपी रिपोर्ट में खामियां मिलने की बात स्वीकार की है। उन्होंने बताया कि दो पन्ने की रिपोर्ट में इसका जिक्र है। इसको लेकर कालेज प्राचार्य से पूछा है कि इस मामले में क्या कदम उठाए थे और क्या कार्रवाई की।

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