Jhansi News: बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं सहायक आचार्य?, बुविवि के खिलाफ गंभीर आरोप
Jhansi News: बुविवि सूत्रों का कहना है कि सपा की तर्ज पर छात्रों का एक दल पूरी तरह से भाजपा (BJP) सरकार को बदनाम कर रहा हैं।
Jhansi News: बीए चतुर्थ सेमेस्टर (BA 4th Sem) एवं एमए एजुकेशन सेमेस्टर (MA Education Semester) की मौखिक परीक्षा कराने गए सहायक आचार्यों का मामला प्रकाश में आया है। परीक्षा के दौरान सुविधा शुल्क की मांग की थी। न देने पर देख लेने की धमकियां दी गई थी। इस मामले की शिकायत एसपी ललितपुर और कुलपति से की गई थी। कुलपति ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। इस कमेटी की जांच अभी विचाराधीन है। संभावना है कि उक्त मामले को राज्यपाल भवन ने गंभीरता से लिया है। ऐसी संभावना है कि जांच से बचने के उद्देश्य से बुविवि (Bundelkhand University) कुलपति व उनकी टीम को पूरी तरह से बदनाम किया जा रहा है।
ललितपुर के पनारी में स्थित गुरुदीन महाविद्यालय (Gurudin College) के प्राचार्य पहलवान ने सहायक आचार्य शिक्षा संस्थान एवं सहायक आचार्य शिक्षा संस्थान द्वारा बीए चतुर्थ सेमेस्टर 418020 एवं एमए एजुकेशन सेकेन्ड सेमेस्टर 218460 की मौखिकी परीक्षा में धनराशि की मांग करने की शिकायत 5 अक्तूबर 2023 को एसपी ललितपुर से की गई थी। इस मामले में एएसपी ललितपुर ने 7 अक्तूबर 2023 को जांच के लिए पत्र भेजा है। इस पत्र के माध्यम से कुलपति के आदेश पर कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने जांच कमेटी गठित की है। इस कमेटी में प्रो. शिवकुमार कटियार विभागाध्यक्ष खाद्य प्रौधोगिकी विभाग, प्रो. बी.के सिंह भू-गर्भ विज्ञान विभाग व प्रो.अनुभा श्रीवास्तव प्राचार्य राजकीय महिला महाविद्यालय झाँसी को रखा गया है। इस समिति का प्रभारी अधिकारी श्रीमती अंजुम शेख सहायक कुलसचिव को बनाया गया है। इस मामले को शासनस्तर पर भेजा गया है।
सूत्रों का कहना है कि इनमें एक प्रोफेसर को दूसरे राजनैतिक दल से जुड़ा हुआ है। इसकी आड़ में दूसरे लोग फायदा उठा रहे हैं। अपनी जांच से बचने के लिए यह लोग भाजपा सरकार और बुविवि कुलपति व उनकी टीम को पूरी तरह से बदनाम करने पर उतारु हो गए हैं। यह लोग दूसरे दल के लोगों के साथ अच्छी सरकार को पूरी तरह बदनाम कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो यह लोग सपा की तरह दूसरे राजनैतिक दलों की तरह इसी सरकार के कार्याकाल में काम करना चाहते हैं। इसकी गोपनीय तरीके से जांच हो रही हैं।
क्या वाकई में शिक्षिका की पीएचडी असली या नकली?
बी.एड. विभाग में कार्यरत एक शिक्षिका जो कि व वीसी ऑफिस में पूर्व में कार्यरत एक व्यक्ति की पत्नी है। उन्होंने कूटरचित तरीके से 2011 में बीएड विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद को प्राप्त किया था। उन्होंने एम.फिल. तथा पीएचडी. दोनों डिग्री साथ-साथ में कर रखी थी, उनकी पीएचडी राजनीति विज्ञान जो की नकल करके जमा की गई थी, निरस्त कर दी गई है। यह कई साक्ष्यों से प्रमाणित हो चुका है। इसके बाद पुनः उन्हें पीएचडी शिक्षा शास्त्र में की, जो कि उसी विभाग के एक और शिक्षक को अपने गाइड कूटरचित तरीके से बनाया, क्योंकि उनके पति और शिक्षक शोध विभाग पूर्व में लिपिक रह चुके हैं और घनिष्ठ मित्र हैं।
आरटीआई से मांगी गई सूचनाओं को दबाया गया?
उन्होंने पीएचडी थीसिस (PhD thesis) को यूजीसी (UGC) के मानकों के अनुरूप न जमा करके उसे निर्धारित समय से पहले जमा कर दिया, जिस कारण से उनकी यह डिग्री भी निरस्त होना चाहिए। इन दोनों प्रकार के पीएचडी में कई लोगों ने RTI विश्वविद्यालय से मांगी, तो बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में उक्त व्यक्ति जो की वीसी ऑफिस थे, उन्होंने पद का दुरूपयोग करते हुए अपनी पत्नी की सभी सूचनाओं को दबा दिया गया, क्योंकि दोनों लोग बिना किसी पद के लम्बे समय से कुलपति कार्यालय में कार्य कर रहे थे।
सपा छोड़कर दूसरे दल से जुड़ अपनी बना रहे हैं पेंठ?
अपने कई प्रकार के काले कारनामे करने के बाद अपने को सफेद पोश बनाने के लिए उन्होंने एक दल को ज्वाइन कर लिया है। जबकि लंबे समय से वह दूसरे शिक्षक के साथ में समाजबादी पार्टी की समर्थक बनी रही और सपा के लिए बहुत प्रचार प्रसार भी करती रही। बीएड. विभाग में उक्त शिक्षक जो कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का कट्टर समर्थक हैं उनकी साथी हैं। अब उनके साथ में मिलकर दल के स्थानीय नेताओं को अपने घर पर दावत के लिए बुलाते हैं जिससे वह दल में एवं सत्तादलों से जुड़ने में अपनी पेठ बना सके और अपने काले कारनामों छुपा सके।
दोनों ने मिलकर की थी प्रोफेसर की पिटाई
बताते हैं कि दोनों लोगों ने हिंदी विभाग के एक प्रोफेसर के साथ मारपीट भी की। वह भी से इसलिए कि विभाग में सहयोग के लिए उन्होंने उनको उनके आग्रह किया था। जिस में उनके पति ने भी प्रोफेसर के साथ मारपीट की।
छात्रों के हितों की नहीं खुद के हितों की उठाई जा रही हैं मांग?
बुविवि सूत्रों का कहना है कि सपा की तर्ज पर छात्रों का एक दल पूरी तरह से भाजपा (BJP) सरकार को बदनाम कर रहा हैं। इस दल को छात्र के हितों की मुद्दों को लेकर बहस करना चाहिए मगर, यह दल दलाली पर उतर आया है, क्योंकि जो लोग सपा से जुड़े थे, वह लोग इस दल के चुनिंदा लोगों को सपोर्ट कर रहे हैं। इसकी भी जांच होना जरुरी है। इस दल के चुनिंदा नेताओं की शिकायत दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रधानमंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से की गई है।