Jhansi News: निजी अस्पताल में इलाज के लिए मजबूर करने वाले चिकित्सकों पर डीएम की नजर
Jhansi News: प्रदेश में सरकारी डाक्टर और चिकित्सा शिक्षक अब प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे। ट्रेस होने पर अस्पताल एवं चिकित्सक का लाइसेंस निरस्त होगा।;
Jhansi Health Meeting DM News (Image From Social Media)
Jhansi News: निजी अस्पताल में इलाज के लिए मजबूर करने वाले चिकित्सकों पर डीएम की नजर है। प्रदेश में सरकारी डाक्टर और चिकित्सा शिक्षक अब प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे। ट्रेस होने पर अस्पताल एवं चिकित्सक का लाइसेंस निरस्त होगा। इस संबंध में जिलाधिकारी अविनाश कुमार की अध्यक्षता में चिकित्सा शिक्षा विभाग के चिकित्सा शिक्षकों एवं चिकित्सा विभाग के राजकीय चिकित्सकों की बैठक कलक्ट्रेट स्थित चैम्बर में आयोजित की गयी।
शिकायतों की जांच हेतु सर्तकता समिति गठित
बैठक में प्राइवेट प्रेक्टिस की शिकायतों की जॉच हेतु गठित सर्तकता समिति के पुर्नस्थापन के विषय में विस्तृत चर्चा की गई। सर्तकता समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अधीक्षक, सदस्य, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, पुरुष / महिला, जिलाधिकारी द्वारा नामित अभिसूचना इकाई का सदस्य तथा मुख्य चिकित्साधिकारी सदस्य सचिव होंगे।
बैठक में जिलाधिकारी अविनाश कुमार द्वारा जनपद के समस्त चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केन्द्रो में कार्यरत समस्त राजकीय चिकित्सकों को निर्देशित किया गया कि "उत्तर प्रदेश सरकारी डाक्टर (एलोपैथिक) प्राइवेट प्रैक्टिस पर निर्बन्धन नियमावली, 1983 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। जिलाधिकारी द्वारा जनपद स्तर पर गठित सर्तकता समिति की बैठक में चिकित्सको के प्राइवेट प्रैक्टिस से सम्बन्धित प्राप्त शिकायतो का नियमित अनुश्रवण किये जाने सहित अन्य दण्डात्मक कार्यवाही के बारे में अवगत कराया गया।
प्राइवेट प्रैक्टिस करने वालों की एलआईयू करेगी जांच
निगरानी समिति की बैठक में अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी। अविनाश कुमार ने बताया कि जनपद में कुल 177 राजकीय चिकित्सा शिक्षक/चिकित्सक कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि उक्त सूची एलआईयू को उक्त आदेश के साथ उपलब्ध कराई गई है कि नियमित इन सभी की गोपनीय जाँच किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
पकड़े गए चिकित्सक का होगा लाइसेंस निरस्त
बैठक में बताया गया कि समस्त राजकीय चिकित्सा शिक्षकों / राजकीय चिकित्सकों से निजी प्रैक्टिस न करने का लिखित शपथ-पत्र पूर्व में ही प्राप्त किया जा चुका है। यदि कोई राजकीय चिकित्सा शिक्षक एवं चिकित्सा विभाग के राजकीय चिकित्सक द्वारा "उत्तर प्रदेश सरकारी डाक्टर (एलोपैथिक) प्राइवेट प्रैक्टिस पर निर्बन्धन नियमावली, 1983 का उल्लघंन की पुष्टि होने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए अस्पताल और चिकित्सक का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। इसके साथ ही पूर्व में लिए गए प्रैक्टिस बंदी भत्ता भी उससे वसूला जाएगा। इस मौके पर डॉक्टर उत्सव राज पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट विशेष रूप से उपस्थित रहे।
यह अफसर रहे मौजूद
बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरुण कुमार सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय, महिला विभाग अधीक्षक डॉ. राज नारायण, पुरुष विभाग के अधीक्षक डॉ. पी के कटियार, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ. मयंक सिंह, क्षेत्राधिकारी पुलिस रामवीर सिंह सहित निरीक्षक एलआईयू उपस्थित रहे।