युद्ध अभ्यास स्वावलंबन शक्तिः प्रौद्योगिकी के माध्यम से आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण
Jhansi News: इस युद्ध अभ्यास में लगभग 1,800 सैन्यकर्मी, 210 बख्तरबंद वाहन, 50 विशेष उपकरण और विभिन्न हवाई उपकरण भाग ले रहे हैं। साथ से अधिक प्रमुख उद्योग साझेदारों, जिसमें डीआरडीओ की प्रयोगशालाएं और उभरते रक्षा स्टार्टअप शामिल हैं।
Jhansi News: दक्षिणी कमान की सुदर्शन चक्र कोर द्वारा 17 से 22 अक्टूबर 2024 तक बबीना फील्ड फायरिंग रेंज में कोर स्तरीय सैन्य अभ्यास 'स्वावलंबन शक्ति' आयोजित किया जा रहा है। इस अभ्यास का उद्देश्य सेना की आक्रामक रणनीतियों में नए तकनीकी उपकरणों को शामिल करके भविष्य के युद्ध परिदृश्यों के लिए तैयारियों को सुनिश्चित करना है। यह अभ्यास 17 अक्टूबर को लेफ्टिनेंट जनरल प्रीत पाल सिंह, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, सुदर्शन चक्र कोर की उपस्थिति में शुरू हुआ और इसका उद्देश्य भविष्य के विकास और खरीद के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों और उपकरणों की पहचान करना और उन्हें प्राथमिकता देना है।
युद्ध अभ्यास में 1,800 सैन्यकर्मी ले रहे हैं भाग
इस युद्ध अभ्यास में लगभग 1,800 सैन्यकर्मी, 210 बख्तरबंद वाहन, 50 विशेष उपकरण और विभिन्न हवाई उपकरण भाग ले रहे हैं। साथ से अधिक प्रमुख उद्योग साझेदारों, जिसमें डीआरडीओ की प्रयोगशालाएँ और उभरते रक्षा स्टार्टअप शामिल हैं, द्वारा 50 से अधिक नई तकनीकी उपकरणों का प्रदर्शन किया जा रहा है।
सेना की युद्ध नीतियों में इनकी प्रभावशालीनता निर्धारित की जाएगी
आज के अस्थिर वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में, यह आवश्यक है कि किसी राष्ट्र की सशस्त्र सेनाएँ उभरती और विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को शामिल कर अपनी युद्ध क्षमताओं को निरंतर बढ़ाएँ। जिन उन्नत प्रौद्योगिकियों का परीक्षण किया जा रहा है उनमें स्वार्म ड्रोन, कामिकाजे ड्रोन, लॉजिस्टिक ड्रोन, हैंडहेल्ड ड्रोन जैमर, सॉफ्टवेयर-परिभाषित रेडियो-आधारित मोबाइल एडहॉक नेटवर्क सिस्टम, रोबोटिक म्यूल, ऑल-टेरेन वाहन /लाइट आर्मर्ड मल्टीपर्पस वाहन, गाइडेड प्रिसिजन एरियल डिलीवरी सिस्टम, लेज़र-आधारित संचार प्रणाली, निर्देशित ऊर्जा हथियार, और स्वदेशी रूप से विकसित दीर्घकालिक यूएवी शामिल हैं। इन प्रणालियों का आकलन कर भविष्य में सेना की युद्ध नीतियों में इनकी प्रभावशालीनता निर्धारित की जाएगी ।
युद्ध के लिए उन्नत समाधानों के विकास को प्रोत्साहित करेगा
यह अभ्यास भारतीय सेना और रक्षा उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बहु-आयामी युद्ध के लिए उन्नत समाधानों के विकास को प्रोत्साहित करेगा। सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण के साथ संरेखित, अभ्यास स्वावलंबन शक्ति, रक्षा उद्योग के साझेदारों को नवाचार और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान करेगा।
ड्रोन मेला और स्टेटिक उपकरणों का किया जाएगा प्रदर्शन
22 अक्टूबर 2024 को अभ्यास के हिस्से के रूप में 'सदर्न स्टार ड्रोन मेला' और स्टेटिक उपकरण प्रदर्शन का भी आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य ड्रोन और एंटी-ड्रोन प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में स्वदेशी रक्षा निर्माण क्षमता को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम युवाओं, उद्यमियों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन और अत्याधुनिक तकनीकी युद्धक्षेत्र में उन्हें मान्य करने का अवसर प्रदान करेगा।