Cyber Crime: साइबर अपराध से निपटने के लिए पुलिसकर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण, लोगों को करेंगे जागरूक
Jhansi News: साइबर अपराध के शिकार फरियादियों की थाने स्तर पर ही मदद करने के लिए पुलिस कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। पुलिस लाइन के सभागार में हरेक थाने के पांच-पांच पुलिस कर्मियों को बुलाया गया था।
Jhansi News: साइबर अपराध के शिकार फरियादियों की थाने स्तर पर ही मदद करने के लिए पुलिस कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। पुलिस लाइन के सभागार में हरेक थाने के पांच-पांच पुलिस कर्मियों को बुलाया गया था। साइबर सेल के एक्सपर्ट ने सभी को जांच की बारीकियों के बारे में जानकारी दी। अब ये लोग जांच के साथ ही लोगों को साइबर अपराध से बचाने के लिए जागरुक भी करेंगे।
साइबर सेल की नोडल अधिकारी स्नेहा तिवारी के मुताबिक पुलिस उपमहानिरीक्षक जोगेन्द्र कुमार, एसएसपी राजेश एस के नेतृत्व में साइबर अपराध के रोकथाम के संबंध में ऑनलाइन साइट्रेन प्रशिक्षण, क्रिप्टोकरंसी इन्वेस्टिगेशन विषय पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया था। साइबर क्राइम सेल, अपराध शाखा व साइबर थाना झाँसी परिक्षेत्र द्वारा जिले के थानों से 05-05 पुलिस वालों को पुलिस लाइन के सभागार में बुलाया गया था।
पुलिस कर्मियों ने सीखे साइबर क्राइम से निपटने के तरीके
साइबर अपराध के रोकथाम व इन्वेस्टिगेशन के लिए ऑनलाइन साइट्रेन पोर्टल पर प्रशिक्षण प्राप्त किए जाने के लिए संचालन एवं क्रियान्वयन के संबंध में सभी को जानकारी उपलब्ध कराई गई। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टिगेशन की कार्यप्रणाली के विषय में बताया गया एवं साइबर अपराधों के संबंध में बरते जाने वाली सावधानियां की जानकारी दी गई। टोल फ्री नंबर 1930 व cybercrime.gov.in वेबसाइट के संबंध में दिशा निर्देश दिए गए।
स्पेशल ट्रेनिंग से बनेंगे साइबर कमांडो
साइबर क्राइम से जुड़े मामलों का निस्तारण अब थाने पर ही होगा। साइबर अपराध पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए अब हर थानों पर स्पेशल ट्रेनिंग के माध्यम से साइबर कमांडों यानी एक्सपर्ट तैयार किए गए हैं। इसकी संख्या 130 हो गई है। इन सिपाहियों का रजिस्ट्रेशन भी हो चुका है। अभी तक थानों पर साइबर हेल्प डेस्क ही काम करता है। डेस्क पर अब ऐसे पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा जिन्हें साइबर का ज्ञान हो। इन्हें ही साइबर अपराध से संबंधित ट्रेनिंग दी गई है। ताकि साइबर ठगी के मामलों का शीघ्र निस्तारण कराया जा सके।
जागरुकता बोर्ड भी लगाए जाएंगे
सभी थानों में जल्द ही साइबर अपराध के प्रति जागरुकता के बोर्ड लगाए जाएंगे, जिन पर जागरुकता के बारे में जानकारी होगी। उन पर लिखा होना चाहिए कि कोई भी अपना सीवीवी नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, खाता नंबर आदि जानकारी लोग किसी भी अंजान व्यक्ति को न दें। वहीं, बोर्ड पर हेल्पलाइन भी लिए जाएं। साइबर ठगी होने पर हेल्पलाइन नंबर 112 और 155260 पर फोन करके जानकारी दें।
दक्ष पुलिसकर्मियों की होगी तैनाती
केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर जिला स्तर पर एनसीआरपी का संचालन व पर्यवेक्षण किए जाने के लिए भी दक्ष पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। इसके साथ ही हर जिले में साइबर जगत की जानकारी रखने वाले पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षत किया गया।
इनका कहना है
जागरुकता के बावजूद साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। पुलिस लगातार इस पर अंकुश लगाने में जुटी है। इसी कड़ी में अब थानों में साइबर हेल्प डेस्क पर एक्सपर्ट होंगे। इन्हें स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है। वैसे साइबर फ्रॉड के शिकार होने पर साइबर क्राइम की वेबसाइट व 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराएं।