Jhansi News: स्वीमिंग पूलों और वॉटर पार्कों से लेंगे पानी का हिसाब, उठाए जा रहे सख्त कदम

Jhansi News: झांसी के वॉटर पार्कों, स्वीमिंग पूलों और पानी का दोहन करने वालों को पानी की कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके लिए उनके शक्तिशाली पंपों से खींचे जा रहे पानी की मीटर की रीडिंग की जाएगी।

Report :  Gaurav kushwaha
Update: 2024-05-10 06:25 GMT

स्वीमिंग पूल (Pic: Social Media)

Jhansi News: भूगर्भ जल का दोहन करके पानी की बर्बादी करने वाले वॉटर पार्कों और स्वीमिंग पूलों पर भूगर्भ जल विभाग सख्ती बरतने जा रहा है। ऐसे में रईस लोगों की जल अठखेलियां बंद हो सकतीं हैं या फिर ऐसा करना महंगा साबित हो सकता है। भूगर्भ जल विभाग अब पानी की एक-एक बूंद का हिसाब लेने जा रहा है। इस तरह के स्थानों को चिन्हित करके सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही इन्हें नोटिस भेजकर पानी का हिसाब मांगा जाएगा।

झांसी के वॉटर पार्कों, स्वीमिंग पूलों और पानी का दोहन करने वालों को पानी की कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके लिए उनके शक्तिशाली पंपों से खींचे जा रहे पानी की मीटर की रीडिंग की जाएगी। विभाग के मुताबिक जमीन से खींचे गए प्रति दस हजार लीटर की कीमत लगभग 80 पैसे है। हालांकि यह राशि बहुत अधिक नहीं है। लेकिन वॉटर पार्क या स्वीमिंग पूलों में रोजाना खर्च हो रहे लाखों लीटर पानी की कीमत का आंकलन किया जाएगा। वहीं, जितना पानी जमीन के गर्भ से निकाला जा रहा है उतना ही पानी वर्षा के समय जमीन में रीचार्ज करना होगा। यानि अपने भवन या संस्थान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करनी होगी। ऐसा करने से भूमिगत जल स्तर बना रहेगा।

कार वाशिंग में हो रहा अंधाधुंध जल दोहन

महानगर में कार, स्कूटर और मोटरसाइकिल वाशिंग का धंधा इन दिनों जमकर फलफूल रहा है। हर चौराहे या मार्केट में ट्यूबवैल लगाकर जमीन के गर्भ से मुफ्त में पानी खींचकर पैसे कमाए जा रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि कार की धुलाई कम से कम 300 रुपए और दोपहिया की धुलाई के लिए कम से कम 50 रुपए वसूले जा रहे हैं। विभाग इन पर लगाम कसने का काम करेगा।

दुग्ध डेयरियों में बहा रहे पानी

महानगर में सैकड़ों दूध डेयरियों में बड़े पैमाने पर पानी की बर्बादी हो रही है। इन डेयरियों में सब मर्सिबल लगाकर भैंसों को नहलाने से लेकर गोबर को नालियों में बहाने तक बेतहाशा पानी खर्च किया जा रहा है। पानी का कामर्शियल उपयोग करने की कीमत डेयरी संचालकों को भी अदा करनी पड़ सकती है।

जल्द भेजे जाएंगे नोटिस

नोडल अधिकारी वेब पोर्टल मनीष कुमार ने कहा कि झांसी में भू गर्भ जल के कामर्शियल उपयोग करने वालों को चिन्हत करके जल्द नोटिस भेजे जा रहे हैं। नियमत: जहां बोरिंग से भूमिगत जल को निकाला जाता है वहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग करके भूमिगत जल को रीचार्ज करने का प्रावधान है। साथ ही जमीन से खींचे गए पानी की मीटर द्वारा रीडिंग की जाएगी, जिससे पानी की कीमत विभाग द्वारा वसूली जा सके।

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