जस्टिस सुधीर अग्रवाल: एक लाख मुकदमों में फैसले का कीर्तिमान

राम जन्म भूमि विवाद पर ऐतिहासिक निर्णय देने वाले हाईकोर्ट के जज सुधीर अग्रवाल ने एक लाख मुकदमों पर निर्णय देने का आज एक कीर्तिमान स्थापित किया है। एक लाख मुकदमों में फैसला लिखाने का यह कीर्तिमान जस्टिस अग्रवाल ने लगभग बारह साल तीन माह के

Update:2018-01-03 21:41 IST
जस्टिस सुधीर अग्रवाल: एक लाख मुकदमों में फैसले का कीर्तिमान

इलाहाबाद: राम जन्म भूमि विवाद पर ऐतिहासिक निर्णय देने वाले हाईकोर्ट के जज सुधीर अग्रवाल ने एक लाख मुकदमों पर निर्णय देने का आज एक कीर्तिमान स्थापित किया है। एक लाख मुकदमों में फैसला लिखाने का यह कीर्तिमान जस्टिस अग्रवाल ने लगभग बारह साल तीन माह के अपने बतौर जज के कार्यकाल में किया।

हाईकोर्ट के जज के रूप में अक्टूबर 2005 में उनकी नियुक्ति हुई थी। राम जन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवाद को निपटाने में जस्टिस अग्रवाल ने अहम भूमिका निभायी थी। 1953 से विवादित ज्योतिष पीठ-बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य विवाद को भी न्यायमूर्ति अग्रवाल ने ही निपटारा किया तथा इस पर फैसला देने में लगभग 800 पेज का निर्णय लिखाया।

फैसलों का इतना बड़ा रिकार्ड हासिल करने में जस्टिस अग्रवाल ने सिविल केसांे में प्रथम अपील, आयकर, सम्पत्ति कर, आपराधिक व अन्य कई प्रकार के मुकदमों का निपटारा किया। जस्टिस अग्रवाल ने शंकरगढ़ की रानी द्वारा सिलिका बालू क्षेत्र के 45 गांव में मिले पट्टे को एक फैसले से समाप्त कर दिया। यही नहीं यह भी फैसला दिया था कि प्रदेश में तैनात अधिकारियों व राजनेताओं के बच्चे सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़े तभी इन स्कूलों की दशा सुधरेगी। फैसलों का रिकार्ड कायम करने पर आज न्यायमूर्ति अग्रवाल को भारी संख्या में वकीलों ने बधाई दी।

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