Kalyan Singh: केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने राम मंदिर के आंदोलन के नायक कल्याण सिंह के बताए अनकहे किस्से, जानें पूरी कहानी

Kalyan Singh: पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री व महराजगंज से भाजपा सांसद पंकज चौधरी से बेहद आत्मीय रिश्ता था।

Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-08-22 10:13 IST
कल्याण सिंह और केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)  

Kalyan Singh: पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री व महराजगंज से भाजपा सांसद पंकज चौधरी से बेहद आत्मीय रिश्ता था। वह उनके दिल्ली के नार्थ एवेन्यू स्थित सरकारी आवास पर अक्सर जाते थे। इसी आवास से उन्होंने 1993 में विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। तब सूची के नाम को टाइप करने के लिए विशेष तौर पर पंकज चौधरी के आवास पर टाइप राइटर मंगाया गया था।

केन्द्रीय मंत्री पंकज चौधरी (Minister Pankaj Chaudhary) बताते हैं कि राम मंदिर आंदोलन के नायक बेहद सरल थे। लोकसभा चुनाव के लिए उन्होंने मेरे नाम पर सहमति तब दी थी। जब मैं मामूली सा नगर निगम का पार्षद था। मेरे नाम का प्रस्ताव डॉ.रमापति राम ने किया तो संस्तुति कलराज मिश्र जी ने किया। लेकिन अंतिम घोषणा कल्याण सिंह की सहमति के बाद हुई। पंकज चौधरी के करीबी मित्र राजेश कुमार गुप्ता कहते हैं कि उनमें गजब की सादगी थी। एक बार मुलाकात होने के बाद नाम से ही पुकारते थे। आज देश के राम का काम करने वाले कल्याण को खो दिया है।

कल्याण सिंह की तस्वीर (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

पंकज के आवास पर हुई थी कल्याण सिंह की फोटो शूट

पंकज बताते हैं कि 1993 में विधानसभा चुनाव से पहले मेरे दिल्ली स्थित आवास पर ही कल्याण सिंह की वह फोटो शूट हुई थी। जिसपर लिखा गया था, जो कहा वो किया, जो कहेंगे वह करेंगे। वह बताते हैं कि पूर्वांचल को लेकर टिकट बांटना होता था तो एक बार रायशुमारी जरूर लेते थे। वह चंद मिनटों की बात में ही मंशा जान लेते थे।

केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी 

कार्यकर्ताओं का करते थे सम्मान: सीताराम

महापौर सीताराम जायसवाल बताते हैं कि बतौर मुख्यमंत्री कल्याण सिंह शहर के बिना होटल में टिकते थे। एक बार वहां थे, तो मिलने पहुंचा। उन्हें देख नहीं सका और आगे जाने लगा। उन्होंने तेज आवाज में कहा कि सीताराम इधर हूं। कोई काम हो तो बताएं। तब मैने कहां था कि आपके राज में किसी को कोई परेशानी नहीं है। वह कार्यकर्ताओं का सम्मान करते थे।

महापौर सीताराम जायसवाल की तस्वीर  


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