योगी की तगड़ी कार्रवाई: कानपुर पुलिस पर गिरी गाज, IPS समेत 10 पुलिसकर्मी सस्पेंड

कानपुर में लैब असिस्टेंट संजीत यादव के अपहरण और हत्या के मामले में मुख्यमंत्री ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एएसपी व सीओ सहित 10 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया।

Update:2020-07-25 08:42 IST
CM Yogi Adityanath

कानपुर: उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपना लिया है। कानपुर में लैब असिस्टेंट संजीत यादव के अपहरण और हत्या के मामले में मुख्यमंत्री ने बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी ने कानपुर के एएसपी व सीओ सहित 10 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। वहीं पूरे मामले की जांच एडीजी बीपी जोगदंड को सौंपी गई है।

एएसपी, सीओ समेत 10 पुलिसकर्मी सस्पेंड:

कानपुर अपहरण और हत्या के मामले में 10 पुलिसकर्मी निलंबित हुए हैं, जिसमें एक आईपीएस अधिकारी (एएसपी), एक पीपीएस अधिकारी (सीओ), एक इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर और पांच सिपाही हैं। IPS ऑफिसर अपर्णा गुप्ता, तत्कालीन डिप्टी एसपी मनोज गुप्ता, तत्कालीन एसओ बर्रा रणजीत राय, थाना एवं चौकी इंचार्ज राजेश कुमार समेत 5 सिपाहियों पर गाज गिरी।

क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश का कानपुर जिला पिछले एक महीने से काफी सुर्खियों में है। बिकरू कांड के बाद बर्रा अपहरण कांड ने कानपुर पुलिस को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। इसके बाद यूपी पुलिस के कामकाज पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। बता दें कि बिकरू हत्याकांड के बीच कानपुर के बर्रा से एक खबर आई कि यहां पर लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का करीब एक महीने पहले 22 जून की रात को हॉस्पिटल से घर आने के दौरान अपहरण हो गया था। इस मामले में कानपुर पुलिस की भूमिका पर शुरू से ही सवालों खड़े किए जा रहे हैं।

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दोस्तों ने किया था संजीत का अपहरण

करीब एक महीने बाद पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया। संजीत के खुद उसके दोस्त थे। पुलिस ने इस मामले में पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, सभी संजीत के दोस्त हैं। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने यह कबूला है कि उन्होंने संजीत की हत्या कर उसका शव पांडु नदी में बहा दिया था। इस अपहरणकांड का मास्टरमाइंड ज्ञानेंद्र यादव था।

पैसे देने के बाद भी युवक को नहीं बचा पाई पुलिस

पूछताछ में आरोपितों ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि उन्होंने फिरौती का बैग उठाया ही नहीं। उनका कहना है कि उन्होंने फिरौती के लिए कॉल तो की थी, लेकिन फिरौती का बैग नहीं उठाया। इसके बाद से पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोप है कि पुलिस ने ही फिरौती के पैसे अपहरणकर्ताओं को देने के लिए कहा था, लेकिन पैसे देने के बाद पुलिस अगवा युवक को बचा नहीं पाती और उसकी हत्या हो जाती है।

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आखिर फिरौती का बैग कहां गया?

आरोपितों द्वारा फिरौती की रकम मिलने से इनकार करने के बाद सवाल ये उठता है कि आखिर फिरौती का बैग कहां गया? वहीं उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपना लिया है और ऐसा कहना जा रहा है कि सीएम योगी कानपुर IG मोहित अग्रवाल, ADG जेएन सिंह, SSP दिनेश पी की कार्यप्रणाली से नाराज हैं।

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घटना को लेकर सीएम योगी ने जताई थी नाराजगी

इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही साफ नजर आ रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कानपुर अपहरण प्रकरण में सीओ गोविंद नगर मनोज गुप्ता , ए॰एस॰पी॰ अपर्णा गुप्ता , तत्कालीन एस॰ओ॰ बर्रा रणजीत राय थाना एवं चौकी इंचार्ज राजेश कुमार निलंबित कर दिया गया है। इस घटना को लेकर सीएम योगी ने नाराजगी भी जताई थी।

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