Kanpur Dehat: हिरासत में मौत, दो थाना प्रभारी, एक ड्यूटी डॉक्टर सहित सात के खिलाफ मुकदमा, 11 पुलिसकर्मी निलंबित

Kanpur Dehat News: बुधवार को छह पुलिसकर्मियों और कानपुर देहात जिला अस्पताल के एक ड्यूटी डॉक्टर सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

Newstrack :  Network
Update: 2022-12-15 02:43 GMT

बाइक के साथ मिला अज्ञात युवक का शव (photo: social media )

Kanpur Dehat News: जिले में सोमवार देर रात पुलिस हिरासत में 27 वर्षीय व्यक्ति बलवंत की मौत के मामले में बुधवार को छह पुलिसकर्मियों और कानपुर देहात जिला अस्पताल के एक ड्यूटी डॉक्टर सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस सिलसिले में अब तक 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है।

बलवंत सिंह के चाचा अंगद सिंह की शिकायत पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 147 (दंगा करने का दोषी), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 506 (कोतवाली थाने में आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

जिन पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज किया गया है, उनमें शिवली थाना प्रभारी राजेश कुमार सिंह, रनिया थाना प्रभारी शिव प्रकाश सिंह, मैथा चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पांडेय, एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम, स्वाट में तैनात सिपाही महेश गुप्ता और जिला अस्पताल के ड्यूटी डॉक्टर समेत एसओजी टीम का एक अज्ञात सदस्य शामिल है।

पुलिसकर्मियों ने जबरदस्ती गाड़ी में बिठाया 

अंगद सिंह ने अपनी शिकायत में कहा है कि 12 दिसंबर को बलवंत अपने चचेरे भाई गुड्डू के साथ रानिया मिल से घर लौट रहा था, जहां वह चारा लेने गया था, तभी कुछ पुलिसकर्मियों ने उसे जबरदस्ती अपने चारपहिया वाहन में बिठा लिया। गुड्डू ने विरोध करने की कोशिश की तो उसे डरा धमका कर भगा दिया। पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि बलवंत खुद बयान दर्ज कराने थाने आया था क्योंकि उसे पता चला था कि डकैती के दो आरोपियों ने उसका नाम एक सहयोगी के रूप में लिया है।

बलवंत के चाचा ने अपनी शिकायत में कहा, "फिर मुझे जानकारी मिली कि मेरे भतीजे बलवंत सिंह को उन्हीं पुलिसकर्मियों ने पीट-पीटकर मार डाला है।" उन्होंने यह भी कहा कि रनिया थाने के प्रभारी को वरिष्ठ अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त है और जिला अस्पताल के डॉक्टरों की भूमिका पर भी संदेह है।

मृतक के परिजनों की मांग पर बलवंत का मंगलवार देर रात कानपुर नगर में पोस्टमार्टम कराया गया। जिलाधिकारी के आदेश पर सीएमओ ने तीन डॉक्टरों का पैनल बनाया जिसमें सरसौल सीएचसी के डॉ दीपेंद्र उत्तम व घाटमपुर सीएचसी के डॉ देवेंद्र सिंह राजपूत शामिल थे।

बलवंत की मौत पुलिस की यातना से!

पोस्टमॉर्टम प्रभारी डॉ नवनीत चौधरी की देखरेख में पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। प्रारंभिक निष्कर्षों ने कथित तौर पर संकेत दिया कि बलवंत की मौत पुलिस की यातना से हुई थी। बलवंत के शरीर पर चोट के निशान दिखाते हुए कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि मृतक के शरीर पर चोट के करीब 22 निशान मिले हैं। हालांकि, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

एडीजी भानु भास्कर ने बताया कि परिजनों की मांग पर कानपुर नगर में शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। एडीजी ने कहा, 'पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।'

इस बीच, राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री को मामले की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा, "जो पुलिसकर्मी दोषी हैं, उनके साथ कानून के मुताबिक सख्ती से निपटा जाएगा।"

अकबरपुर से बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने आरोप लगाया कि कानपुर देहात के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दिया। इस बीच पोस्टमार्टम के बाद बलवंत का शव मंगलवार देर रात लालपुर सरैया गांव पहुंचा। बुधवार सुबह परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया और मांग की कि सीएम योगी आदित्यनाथ गांव आएं और आरोपी पुलिस कर्मियों को अविलंब गिरफ्तार किया जाए।

"मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए और परिवार को 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि दी जानी चाहिए। इसके साथ ही हम पूर्व नियोजित हत्या की एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच की मांग करते हैं।"

इस संबंध में एडीएम प्रशासन व एएसपी को पत्र दिया गया है। बाद में कानपुर देहात की जिलाधिकारी नेहा जैन व पुलिस अधीक्षक सुनीति ने लालपुर सरैया गांव पहुंचकर परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे। शिवली कोतवाली थाना क्षेत्र में 6 दिसंबर 2022 को हुई लूट की घटना में पुलिस ने सोमवार देर रात बलवंत सिंह (27) को उठाया था, जिसमें एक व्यापारी से लूटपाट की गई थी।

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